मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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आरवीसी सेंटर, मेरठ में पहला अंतरराष्ट्रीय स्तर का अश्व रोग मुक्त कम्पार्टमेंट स्थापित किया गया


डब्ल्यूओएएच की मंजूरी से इंडियन स्पोर्टस हॉर्सेस की अंतर्राष्ट्रीय आवाजाही का रास्ता साफ हुआ; घुड़सवारी जैसे खेलों, उच्च कीमत वाले व्यापार और जैव सुरक्षा तैयारियों को बड़ा बढ़ावा

Posted On: 04 JUL 2025 3:04PM by PIB Delhi

पशु स्वास्थ्य प्रणाली और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देश के पहले अश्व रोग मुक्त कम्पार्टमेंट (ईडीएफसी) के लिए वैश्विक मान्यता स्थापित और सुरक्षित की है। 3 जुलाई 2025 को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूओएएच) द्वारा मान्यता प्राप्त, रिमाउंट वेटरनरी कॉर्प्स (आरवीसी) केंद्र और कॉलेज, मेरठ छावनी, उत्तर प्रदेश में यह स्वीकृत सुविधा वैश्विक जैव सुरक्षा और पशु स्वास्थ्य मानकों के अनुपालन में भारतीय खेल घोड़ों की अंतर्राष्ट्रीय आवाजाही को सक्षम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है ।

मजबूत जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल, सख्त पशु चिकित्सा निगरानी और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के पालन के कार्यान्वयन से लैस इस सुविधा केंद्र से इंडियन स्पोर्टस हॉर्सेस यानि खेल में इस्तेमाल होने वाले भारतीय घोड़े अब विदेश यात्रा और प्रतिस्पर्धा करने के लिए सक्षम हो सकते हैं। यह वैश्विक घुड़सवारी प्रतियोगिताओं में भारतीय सवारों और घोड़ों की संभावनाओं को महत्वपूर्ण विस्तार देता है और अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी क्षेत्र में भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है। यह कंपार्टमेंट देश में घोड़ों से सम्बंधित गतिविधियों के व्यापक विकास का भी समर्थन करता है। इसमें खेल, प्रजनन और उच्च कीमत वाले घोड़ो का व्यापार शामिल है। इस प्रकार ये भारत की जैव सुरक्षा और रोग तैयारी ढांचे को मजबूत करता है ।

ईडीएफसी को आधिकारिक तौर पर इक्वाइन संक्रामक एनीमिया, इक्वाइन इन्फ्लूएंजा, इक्वाइन पिरोप्लाज़मोसिस, ग्लैंडर्स और सुर्रा से मुक्त घोषित किया गया है। इसके अतिरिक्त, भारत ऐतिहासिक रूप से 2014 से अफ्रीकी हॉर्स सिकनेस से मुक्त रहा है।

यह उपलब्धि पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ; रिमाउंट पशु चिकित्सा सेवा निदेशालय, रक्षा मंत्रालय; भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई); और पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के बीच घनिष्ठ समन्वय का परिणाम है।

यह अनुमोदन डब्ल्यूओएएच देशी पशु स्वास्थ्य संहिता के मानकों के अनुरूप है और ये कंपार्टमेंटलाइजेशन के लिए रूपरेखा प्रदान करता है। कड़े जैव सुरक्षा और पशुपालन तौर-तरीकों के माध्यम से विशिष्ट स्वास्थ्य स्थिति के साथ परिभाषित यह पशु उप-जनसंख्या के प्रबंधन के लिए एक ज्ञान-आधारित दृष्टिकोण है।

ईडीएफसी व्यापक मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के तहत काम करता है। इसमें सभी अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम तौर-तरीकों के अनुरूप रोग बहिष्करण प्रोटोकॉल, कीट नियंत्रण, भौतिक सुरक्षा, स्वच्छता, पशु स्वास्थ्य निगरानी, ​​अपशिष्ट प्रबंधन और निरंतर निगरानी शामिल है।

यह मान्यता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुसंगत, विज्ञान आधारित पशु स्वास्थ्य प्रणालियों को लागू करने में भारत की बढ़ती अग्रणी भूमिका को रेखांकित करती है। यह सुरक्षित व्यापार की सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ घुड़सवारी खेलों जैसे उभरते क्षेत्रों का समर्थन करती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में मुर्गीपालन क्षेत्र में भी समान कंपार्टमेंटलाइज़ेशन दृष्टिकोण को लागू कर रहा है। इसमें प्रमाणित प्रतिष्ठानों से मुर्गीपालन उत्पादों के सुरक्षित निर्यात को सक्षम करने के लिए अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा (एचपीएआई) मुक्त डिब्बों का विकास किया जा रहा है।

कुल मिलाकर, ये प्रयास जैव सुरक्षा को मजबूत करने, निर्यात तत्परता को बढ़ावा देने और वैश्विक मानकों के अनुरूप लचीले पशु स्वास्थ्य प्रणालियों का निर्माण करने के लिए व्यापक राष्ट्रीय रणनीति को दर्शाते हैं।

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(Release ID: 2142206)
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