पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
भारत के बदलाव का दशक: केंद्रीय मंत्री हरदीप एस पुरी ने आईसीएआई के स्थापना दिवस पर आर्थिक विकास, एलपीजी कनेक्शन और तेल एवं गैस सुधारों पर प्रकाश डाला
प्रविष्टि तिथि:
01 JUL 2025 8:07PM by PIB Delhi
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "पिछले ग्यारह वर्षों में भारत ग्यारहवीं से बढ़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। हमारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दोगुना से भी अधिक हो गया है, जो 2014 के 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2025 में 4.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।" केंद्रीय मंत्री ने वैश्विक चुनौतियों के दौरान देश के लचीलेपन और साहसिक नीतिगत सुधारों, व्यापक सामाजिक कल्याण योजनाओं और सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, "हमने हाल ही में जापान को पीछे छोड़ा है और 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं।"

श्री हरदीप सिंह पुरी भारत मंडपम, नई दिल्ली में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के 77वें स्थापना दिवस को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम के जरिये भारत सरकार के तहत अभूतपूर्व आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति द्वारा चिह्नित परिवर्तन के एक दशक का जश्न मनाया गया।
श्री पुरी ने कहा कि प्रमुख सामाजिक पहलों के तहत, 27 करोड़ से अधिक नागरिकों को व्यापक गरीबी से बाहर निकाला गया है, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग चार करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है और 15.4 करोड़ ग्रामीण परिवार अब जल जीवन मिशन के माध्यम से पाइप से पानी (नल से जल) का आनंद ले रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत ने 5 लाख रुपये के बीमा लाभ के साथ 70 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को स्वास्थ्य कवरेज उपलब्ध कराया है, जिससे समावेशी विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता मजबूत हुई है।
मंत्री ने वैश्विक निवेश को आकर्षित करने में भारत की सफलता पर जोर दिया, जिसमें 2014 और 2025 के बीच 748 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह हुआ जो पिछले दशक की तुलना में 143% की वृद्धि थी और स्रोत देशों का 89 से 112 तक विस्तार हो गया। दिवाला और दिवालियापन संहिता, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं, वस्तु और सेवा कर, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और 25,000 से अधिक अनुपालन और 1,400 अप्रचलित कानूनों को खत्म करने सहित नीतिगत सुधार से जुड़ी उपलब्धियों ने देश के व्यापार परिदृश्य को मजबूत किया है।
कर व्यवस्था में परिवर्तन भारत की विकसित होती वित्तीय संस्कृति को रेखांकित करता है। इसी का उदाहरण है कि वार्षिक आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या वित्त वर्ष 2013-14 में 3.6 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 8.5 करोड़ हो गई, जिसमें 95% 30 दिनों के भीतर संसाधित किए गए। प्रत्येक रिटर्न, एकत्र किए गए कर का प्रत्येक रुपया ठोस लाभों में तब्दील होता है, जिनमें माताओं के लिए एलपीजी कनेक्शन, गरीबों के लिए दवाइयां, ग्रामीण घरों के लिए बिजली, बुजुर्गों के लिए पेंशन और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर शामिल हैं।
शिड्यूल्ड वाणिज्यिक बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियों के वित्त वर्ष 2017-18 के 14.58% से घटकर वित्त वर्ष 2024-25 में 3% से नीचे आने के साथ, भारत के बैंकिंग क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिला है। डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), अब वैश्विक स्तर पर लगभग 50% रियल टाइम डिजिटल लेन-देन को संभालता है, जो 500 मिलियन से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करता है। भारत की सार्वभौमिक डिजिटल पहचान और आधार एवं मोबाइल सेवाओं के माध्यम से पहुंच की सहूलियत के कारण, फिनटेक अपनाने की दर 87% है, जबकि वैश्विक औसत 67% है।
श्री पुरी ने मंत्रालय की प्रमुख पहल प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना पर भी प्रकाश डाला, जिसके तहत 2014 से अब तक 16.5 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन वितरित किए हैं। इस योजना ने महिलाओं को सशक्त बनाया है, घर के अंदर वायु प्रदूषण को कम किया है और सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया है। तेल और गैस सार्वजनिक उपक्रमों का बढ़ता बाजार पूंजीकरण इस क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन और निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है। उनका बाजार पूंजीकरण 2014 से लगभग दोगुना होकर ₹8.79 लाख करोड़ हो गया है।
भविष्य को देखते हुए, मंत्री ने चार्टर्ड अकाउंटेंट से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उन्नत एनालिटिक्स को अपनाने, रणनीतिक सलाहकार भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नियमित कार्यों को स्वचालित करने और अधिक प्रभावी निर्णय लेने के लिए डेटा-आधारित अंतर्दृष्टि का उपयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “एआई को अपनाना अब वैकल्पिक नहीं है। यह आज की विकसित होती वित्तीय दुनिया में प्रतिस्पर्धी और अभिनव बने रहने के लिए यह आवश्यक है।”
समापन के अवसर पर, श्री पुरी ने आईसीएआई समुदाय से पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही बनाए रखने का आग्रह किया, क्योंकि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा, "इस विशेष दिन पर, याद रखें कि आपके पेशे में हमारी अर्थव्यवस्था की रक्षा और उसे बनाए रखने की शक्ति है। विकसित भारत के निर्माण के लिए आपका समर्पण महत्वपूर्ण है।"
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एमजी/आरपीएम/केसी/एमपी
(रिलीज़ आईडी: 2141414)
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