शिक्षा मंत्रालय
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डॉयट, लेह में हुयी एनएमएमएसएस पर एक दिवसीय कार्यशाला

Posted On: 30 JUN 2025 6:26PM by PIB Delhi

शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) ने 28 जून, 2025 को जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डॉयट) लेह में डीओएसईएल की आर्थिक सलाहकार श्रीमती ए. श्रीजा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय मीन्स-कम-मेरिट छात्रवृत्ति योजना (एनएमएमएसएस) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रवृत्ति से संबंधित प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और जिला एवं संस्थान नोडल अधिकारियों (डीएनओ/आईएनओ) को प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नवीनतम जानकारी और व्यावहारिक कौशल से लैस करना था।

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कार्यशाला में आवेदन और सत्यापन प्रक्रियाओं को सरल बनाने, परिचालन संबंधी बाधाओं को दूर करने और डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) तंत्र को स्पष्ट करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। आवेदन प्रसंस्करण, पात्रता सत्यापन मानदंडों और डिजिटल कार्यप्रवाह पर विशेषज्ञों के नेतृत्व वाले तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। कार्यशाला में कुल 311 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें कारगिल जिले से 192 अधिकारी और लेह जिले से 119 अधिकारी शामिल थे, जो पूरे केंद्र शासित प्रदेश से एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व दर्शाता है।

इस अवसर पर, श्रीमती ए. श्रीजा ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों को समय पर छात्रवृत्ति भुगतान के महत्व और राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) पर राज्य-स्तरीय अधिकारियों द्वारा आवेदनों के शीघ्र सत्यापन की आवश्यकता के बारे में बात की।

 वरिष्ठ तकनीकी निदेशक (एनआईसी), एनएसपी, श्रीमती प्रिया गोपाल ने 2025-26 के लिए पंजीकरण और सत्यापन हेतु एनएसपी के नए फीचर्स पर एक प्रस्तुति दी जिसके बाद जिला नोडल अधिकारियों (डीएनओ) और संस्थान नोडल अधिकारियों (आईएनओ) तथा केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों के बीच विस्तृत बातचीत हुई। श्री रवि रंजन, अनु सचिव (डीबीटी मिशन), ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से एनएमएमएसएस  छात्रवृत्तियों के ऑनलाइन पंजीकरण, सत्यापन और भुगतान प्रक्रिया में शामिल कार्यान्वयन पद्धतियों को प्रस्तुत किया।

इन विशिष्ट प्रतिष्ठित अतिथियों ने नीतिगत ढाँचों पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की, प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर दिया और छात्रवृत्ति वितरण में पारदर्शिता और दक्षता के महत्व पर जोर दिया।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने व्हाट्सएप समूहों और समर्पित पोर्टल-आधारित सपोर्ट सिस्टमों के माध्यम से सभी नोडल अधिकारियों को निरंतर तकनीकी सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई, जिससे प्रश्नों का समय पर समाधान और योजना का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके।

इन संवादपरक सत्रों ने जमीनी स्तर की चुनौतियों के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन और समाधान प्रदान किए, जिससे नोडल अधिकारियों की प्रशासनिक क्षमता मजबूत हुई। यह पहल पूरे क्षेत्र में केंद्रीय छात्रवृत्ति योजनाओं के समयबद्ध, पारदर्शी और छात्र-केंद्रित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए डीएसईएल की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

केंद्र सरकार की योजना राष्ट्रीय मीन्स-कम-मेरिट छात्रवृत्ति योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को आठवीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ने से रोकने और उन्हें माध्यमिक शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

हर साल एक लाख नई छात्रवृत्तियाँ नौवीं कक्षा के चयनित छात्रों को प्रदान की जाती हैं और राज्य सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकायों के स्कूलों में पढ़ने वाले दसवीं से बारहवीं कक्षा तक छात्रों के लिए जारी/नवीनीकृत की जाती हैं। छात्रवृत्ति की राशि प्रति वर्ष 12,000 रुपये है।

छात्र, जिनके माता-पिता की कुल वार्षिक आय सभी स्त्रोतों से 350000 रूपये से कम, छात्रवृत्ति का लाभ उठाने के पात्र हैं। छात्र को छात्रवृत्ति के लिए आयोजित होने वाली चयन परीक्षा में बैठने के लिए सातवीं कक्षा की परीक्षा में न्यूनतम 55% अंक या समकक्ष ग्रेड प्राप्त होने चाहिए (एससी/एसटी छात्रों के लिए 5% की छूट)।

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एमजी/आरपीएम/केसी/एसके


(Release ID: 2140929)
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