कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
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केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत राष्ट्रव्यापी संपर्क अभियान का नेतृत्व किया

Posted On: 10 JUN 2025 7:34PM by PIB Delhi

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 29 मई 2025 को ओडिशा के पुरी से शुरू किए गए विकसित कृषि संकल्प अभियान (वीकेएसए) का नेतृत्व कर रहे हैं। 12 जून को समाप्त होने वाले 15 दिवसीय राष्ट्रीय अभियान का उद्देश्य 16,000 कृषि वैज्ञानिकों और 2,170 इंटरडिसिप्लिनरी टीमों के सहयोग से 700 से अधिक जिलों के 1.5 करोड़ से अधिक किसानों तक पहुंचकर वैज्ञानिक अनुसंधान और जमीनी स्तर की कृषि के बीच के अंतर को पाटना है।

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के दौरे की प्रमुख विशेषताएं

  1. भुवनेश्वर, ओडिशा (29 मई 2025)

श्री चौहान ने ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण मांझी की उपस्थिति में वीकेएसए का उद्घाटन किया। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा:

“यह अभियान आधुनिक प्रौद्योगिकियों, मृदा स्वास्थ्य, प्राकृतिक खेती और फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा देगा, जिससे देश के लिए खाद्य सुरक्षा और पूर्ण भंडार सुनिश्चित होगा।”

उन्होंने फसल चयन, बीज किस्मों, उर्वरक उपयोग और टिकाऊ कृषि प्रथाओं में किसानों की सहायता के लिए 2,170 विशेषज्ञ टीमों को लगाने की भी घोषणा की, जिसमें उत्पादकता और आय बढ़ाने के लिए विज्ञान आधारित हस्तक्षेप पर जोर दिया गया।

  1. जम्मू और कश्मीर (30 मई 2025)

केंद्रीय मंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और उन्हें देश की रक्षा की दूसरी पंक्ति बताया। किसानों के साहस को बेमिसाल बताते हुए उन्होंने कहा कि लगातार खतरों का सामना करने के बावजूद किसान खेती कर रहे हैं और देश का पेट भर रहे हैं।

वीकेएसए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “लैब टू लैंड” विजन को अमल में ला रहा है: शिवराज सिंह चौहान

उन्नत कृषि के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में वीकेएसए की महत्वपूर्ण भूमिका : श्री चौहान

श्री चौहान ने वीकेएसए के तहत आयोजित एक सम्मेलन के दौरान किसानों की एक बड़ी सभा को संबोधित किया और समावेशी तथा क्षेत्र-विशिष्ट कृषि-विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

  1. पानीपत, हरियाणा (31 मई 2025)

अभियान के तीसरे दिन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हरियाणा के पानीपत में किसानों से बातचीत की। अपने मुख्य संबोधन के दौरान उन्होंने अनुभव साझा करते हुए कहा कि किसानों से जुड़े कार्यक्रम खेतों में जाए बिना अधूरे हैं।

"मैं किसान की तरह जीने की कोशिश करता हूं। मैं किसान का बेटा हूं। मैं ट्रैक्टर चलाता हूं और खुद ही बुआई भी करता हूं।" - श्री चौहान

"कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है; खेती के बिना हिंदुस्तान की पहचान अधूरी है।" - श्री शिवराज सिंह

"यदि उत्पादन में प्रति हेक्टेयर मात्र एक क्विंटल की भी वृद्धि होती है तो कुल खरीफ फसल उत्पादन में 20 मिलियन टन की वृद्धि होगी।" - श्री चौहान

  1. मेरठ, उत्तर प्रदेश (1 जून 2025)

केंद्रीय कृषि मंत्री ने मेरठ के दबथवा गांव में किसानों से बातचीत की और उसके बाद जंगेठी गांव में किसानों के बीच चारपाई पर बैठकर चर्चा की। इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम कृषि वैज्ञानिकों के साथ एक टीम के रूप में किसानों से बात करने आए हैं।

उन्नत कृषि संकल्प अभियान का लक्ष्य उत्पादन बढ़ाना, लागत कम करना, उपज का सही मूल्य दिलाना तथा किसानों को नुकसान से बचाने के लिए समुचित उपाय करना है: श्री चौहान

  1. मोतिहारी, बिहार

पीपराकोठी स्थित ऐतिहासिक गांधी स्थल पर श्री चौहान ने स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में 6 करोड़ रुपये की लागत की आगामी कृषि परियोजनाओं की घोषणा की। उन्होंने केवीके की सक्रिय भूमिका की सराहना की और कहा:

हमारी सरकार ने आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों को सीधे किसानों से जोड़ा है।”

  1. पुणे, महाराष्ट्र (3 जून 2025)

श्री शिवराज सिंह चौहान ने पुणे के नारायणगांव तालुका में कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) में किसानों के साथ बातचीत की और कृषि वैज्ञानिकों के साथ नारायणगांव कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) और टमाटर बाजार, स्थानीय खेतों और एक कोल्ड स्टोरेज सुविधा का दौरा किया, जहां उन्होंने टमाटर और अन्य कृषि उत्पाद उगाने वाले स्थानीय किसानों के साथ बातचीत की।

नकली खाद या कीटनाशक बनाने वाली और किसानों को आपूर्ति करने वाली किसी भी कंपनी या व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार सख्त कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है: श्री शिवराज सिंह चौहान

कृषि वैज्ञानिकों को खेतों में जाकर किसानों से बातचीत करनी होगी और उन्हें उनके खेतों और उपज की जरूरतों के अनुसार मार्गदर्शन देना होगा: श्री चौहान”

  1. पटियाला, पंजाब (5 जून 2025)

किसान चौपाल के दौरान मंत्री ने किसानों से सीधे बातचीत की, किसानों के नेतृत्व वाली नीतिगत प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित किया और सीधे बीज वाले चावल और पराली मुक्त खेती को अपनाने की प्रशंसा की।

"नीतियाँ अब नौकरशाहों द्वारा नहीं, बल्कि किसानों की सलाह से तय की जाएंगी।"

हरित क्रांति ने हमें निम्न गुणवत्ता वाले अनाज के उपभोग से मुक्ति दिलाई - श्री शिवराज सिंह चौहान

आधुनिक तकनीकों पर चर्चा करते हुए श्री चौहान ने धान की सीधी बुवाई (डीएसआर) के लाभों को रेखांकित किया, जो पारंपरिक रोपाई विधियों के लिए पानी और लागत-कुशल विकल्प है। उन्होंने किसानों की प्रतिक्रिया साझा की कि उपज स्थिर बनी हुई है, जबकि श्रम और इनपुट लागत में उल्लेखनीय कमी आई है। श्री शिवराज सिंह चौहान ने संतुलित कीटनाशक उपयोग के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि अत्यधिक उपयोग से न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि फसल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने सहकारी संघवाद और सतत जल प्रबंधन के सिद्धांतों पर भी जोर दिया।

आधुनिक तकनीकों पर चर्चा करते हुए श्री चौहान ने धान की सीधी बुआई (डीएसआर) के लाभों को रेखांकित किया, क्योंकि यह पारंपरिक रोपाई विधियों के मुकाबले कम पानी और लागत की दृष्टि से कुशल विकल्प है। उन्होंने किसानों की प्रतिक्रिया साझा की कि उपज स्थिर बनी हुई है, जबकि श्रम और इनपुट लागत में उल्लेखनीय कमी आई है। केन्द्रीय मंत्री ने संतुलित कीटनाशक उपयोग के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि अत्यधिक उपयोग से न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि फसल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

8- देहरादून, उत्तराखंड (6 जून 2025)

श्री चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तराखंड के फल, अनाज और सब्जियों की गुणवत्ता असाधारण है और इसमें वैश्विक पहचान प्राप्त करने की क्षमता है।

उत्तराखंड की पावन भूमि मन, बुद्धि और आत्मा को नवीन ऊर्जा प्रदान करती है- श्री चौहान

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहित करने और जल संरक्षण प्रयासों को आगे बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया जाएगा ताकि कृषि की लाभप्रदता और दीर्घकालिक स्थिरता को बढ़ाया जा सके।

जमीनी स्तर पर भागीदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं खेतों का दौरा करने और किसानों से सीधे संवाद करने का निर्णय लिया, ताकि सरकारी योजनाओं के धरातल पर क्रियान्वयन की स्थिति को देखा जा सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का सीधा संवाद यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि किसान विकास प्रक्रिया में सक्रिय और सशक्त भागीदारी निभा सकें।

एक दशक में पहली बार किसी मंत्री द्वारा आईसीएआर–सेंट्रल सिट्रस रिसर्च इंस्टीट्यूट का दौरा किया। इस दौरान श्री चौहान ने एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने वैज्ञानिकों से पूर्व खरीफ अभियान को समर्थन देने का आह्वान करते हुए कहा:

साइट्रस खेती में आय बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित, किसान केंद्रित समाधान अनिवार्य हैं। निर्यात गुणवत्ता वाले बीज विकास और मूल्यवर्धन पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए।“

9- भोपाल, मध्य प्रदेश (7 जून 2025)

राजनीतिक दृष्टिकोणों का जवाब देते हुए श्री चौहान ने अभियान की वैज्ञानिक भावना स्पष्ट करते हुए कहा:

"सरकार 'एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम' की भावना के साथ कार्य कर रही है। वैज्ञानिकों को प्रयोगशालाओं से निकलकर खेतों में जाना होगा। इस वर्ष गेहूं, धान, सोयाबीन, मूंगफली और मक्का का रिकॉर्ड उत्पादन हमारे सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है।"

10- बेंगलुरु, कर्नाटक (8 जून 2025)

आईसीएआर–भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान में श्री शिवराज सिंह ने 500 किसानों को संबोधित किया, खेतों में प्रदर्शन का अवलोकन किया और एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

उन्होंने किसानों की प्रतिक्रिया के आधार पर मांग-संचालित अनुसंधान की वकालत की और खेती में स्थिरता और वैज्ञानिक सलाहकार प्रणालियों की आवश्यकता पर जोर दिया।

11-तेलंगाना, हैदराबाद (9 जून 2025)

मंत्री ने तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले में अपने दौरे की शुरुआत मानसोंपल्ली गांव में किसानों से सीधे संवाद से की। इसके बाद रामचंद्रगुड़ा गांव में किसान चौपाल का आयोजन हुआ, जहां किसानों ने विविधिकरण और एकीकृत कृषि पद्धतियों को अपनाने के बाद उत्पादन और आय में हुई उल्लेखनीय वृद्धि को साझा किया। अंत में, इब्राहिमपट्टनम के मंगलपल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में श्री चौहान ने कृषक समुदाय को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि उन्नति के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं- श्री शिवराज सिंह

टमाटर, आलू और प्याज उत्पादक किसानों को मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (एमआईएस) से लाभ मिलेगा- श्री चौहान

लगभग 2170 समर्पित टीमों ने 29 मई से 8 जून 2025 तक 85,480 गांवों में 46,181 प्रभावी यात्राएं कीं, जिससे लगभग 87,84,676 किसानों को सशक्त किया गया।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने हैदराबाद में आईसीएआर-आईआईएमआर के दौरे के दौरान मिलेट्स पर वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र की आधारशिला रखी।

आगे की राह

श्री चौहान ने प्रौद्योगिकी के ‘प्रयोगशाला से खेत’ तक हस्तांतरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए राज्य विभागों, आईसीएआर संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और किसानों से वीकेएसए के प्रभाव को बढ़ाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लिए भारतीय कृषि को बदलने के लिए अनुकूली अनुसंधान, वैज्ञानिक-किसान जुड़ाव और तकनीकी सशक्तिकरण पर जोर दिया।

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