पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल और डेनमार्क के उद्योग, व्यापार एवं वित्तीय मामलों के मंत्री श्री मोर्टेन बोडस्कोव के बीच बैठक
Posted On:
06 JUN 2025 5:35PM by PIB Delhi
भारत के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने 5-6 जून, 2025 को कोपेनहेगन, डेनमार्क की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान डेनमार्क के उद्योग, व्यापार और वित्तीय मामलों के मंत्री श्री मोर्टेन बोडस्कोव से मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने हरित रणनीतिक साझेदारी और समुद्री मामलों पर समझौता ज्ञापन के तत्वावधान में द्विपक्षीय समुद्री सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया। हरित रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और किफायती एवं स्वच्छ ऊर्जा को बढावा देना है।

दोनों मंत्रियों ने हरित रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की, जिस पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने आपसी सहमति जताई थी। मंत्रियों ने 2024 में हस्ताक्षरित समुद्री मामलों पर द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन के महत्व का भी उल्लेख किया, जिसमें हरित नौवहन में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना शामिल है। मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि नव स्थापित केंद्र का उद्देश्य भारत में समुद्री क्षेत्र के हरित परिवर्तन को बढ़ावा देते हुए समुद्री गतिविधियों की गुणवत्ता और दक्षता में सुधार करना है। मंत्रियों ने भारत सरकार के अमृत काल विजन 2047 में निर्धारित लक्ष्यों की अनुरूपता पर भी प्रकाश डाला, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र के लिए हरित शिपिंग हब बनने की भारत की महत्वाकांक्षी योजना भी है।
बैठक में इस बात पर भी ध्यान दिया गया कि हरित गलियारों की स्थापना को भारत सरकार की प्राथमिकता के रूप में परिभाषित किया गया है। दोनों मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की कि इंडो-डेनमार्क उत्कृष्ता केंद्र एक पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन के संचालन के माध्यम से हरित गलियारों के विकास में योगदान देगा। यह अध्ययन भारत में संभावित हरित गलियारों के मुख्य घटकों के प्रारंभिक मूल्यांकन के रूप में काम करेगा और सबसे आशाजनक रूपरेखा तैयार करेगा। दोनो मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि अध्ययन मर्स्क मैक-किन्नी मोलर सेंटर फॉर जीरो कार्बन शिपिंग द्वारा इसके पद्धतिगत ब्लू प्रिंट को लागू करते हुए, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय तथा अन्य संबंधित भारतीय मंत्रालयों के साथ घनिष्ठ सहयोग से किया जाएगा।

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(Release ID: 2134624)