कोयला मंत्रालय
एक पेड़ माँ के नाम, एक संकल्प प्रकृति के नाम - आशा का पौधारोपण, प्लास्टिक को हटाना, हरित कल को शक्ति देना
Posted On:
05 JUN 2025 6:33PM by PIB Delhi
कोयला/लिग्नाइट पीएसयू ने कोयला मंत्रालय के मार्गदर्शन में बड़े पैमाने पर पौधारोपण और प्लास्टिक उन्मूलन अभियान चलाकर विश्व पर्यावरण दिवस 2025 मनाया। भारत के पर्यावरण दृष्टिकोण की एक सशक्त तरीके से पुष्टि करते हुए कोयला और लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) ने "एक राष्ट्र, एक मिशन: प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें" विषय के अंतर्गत बड़े पैमाने पर विश्व पर्यावरण दिवस (डब्ल्यूईडी) 2025 मनाया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए भावनात्मक और पारिस्थितिक अभियान “एक पेड़ माँ के नाम” पर विशेष ध्यान देते हुए कोयला मंत्रालय के मार्गदर्शन में यह समारोह आयोजित किया गया ।

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इस कार्यक्रम को 11 कोयला/लिग्नाइट उत्पादक राज्यों के 47 जिलों में लगभग 350 स्थानों पर एक साथ मनाया गया जहां धरती मां के सम्मान में "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाया गया - जो कृतज्ञता, विकास और हरित प्रतिबद्धताओं का प्रतीक है।
इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस समारोह में कोयला क्षेत्र की ओर से जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन लाने के लिए पेड़ लगाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को समाप्त करने जैसी दोहरी प्रतिबद्धता को दर्शाया गया। कोयला/लिग्नाइट पीएसयू ने जागरूकता अभियान, प्लास्टिक कचरा संग्रह अभियान, पर्यावरण-रैली, प्लास्टिक-मुक्त कार्यस्थल प्रतिज्ञा और सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए - जिसमें हजारों कर्मचारी, स्कूली बच्चे और स्थानीय निवासी शामिल हुए।

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कोयला उत्पादन में वृद्धि के माध्यम से भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ कोयला/लिग्नाइट पीएसयू सतत विकास में भी अग्रणी बनकर उभरे हैं। पिछले छह वर्षों में इन पीएसयू ने कोयला और लिग्नाइट खनन क्षेत्रों में और उसके आसपास 13,400 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में 29 मिलियन पौधे लगाए हैं, जिससे खनन-रहित और बंजर भूमि को हरे-भरे पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तित किया गया है।
अब, वे वृक्षारोपण दक्षता और पारिस्थितिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए मियावाकी पद्धति, सीड बॉल प्रसारण और ड्रोन-आधारित वनीकरण सहित अत्याधुनिक हरित प्रौद्योगिकियों के साथ इन प्रयासों में तेज़ी ला रहे हैं। सार्वजनिक उपक्रमों ने अगले पांच वर्षों में 16,000 हेक्टेयर हरित क्षेत्र का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसमें वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 2,800 हेक्टेयर की योजना बनाई गई है।
विश्व पर्यावरण दिवस पर कोयला मंत्रालय की पहल में प्राकृतिक कार्बन सिंक के निर्माण, वायु और जल गुणवत्ता में सुधार और कोयला खनन क्षेत्रों में पारिस्थितिक संतुलन की बहाली के माध्यम से भारत के नेट-जीरो 2070 लक्ष्य के साथ इसकी रणनीतिक संरेखण भी परिलक्षित है। प्लास्टिक मुक्त आंदोलन जब बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के साथ जुड़ जाता है, तो जलवायु संकट के मिटाना और अनुकूलन, सामुदायिक कल्याण को बढ़ाने और कमजोर क्षेत्रों में जैव विविधता को बढ़ावा देने के साथ एक समग्र मार्ग का प्रतिनिधित्व करता है।
इस वर्ष कोयला/लिग्नाइट पीएसयू द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस मनाना प्रतीकात्मक से कहीं अधिक है - यह परिवर्तन का जीवंत प्रमाण है। कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और हरियाली वाली बेल्ट बनाने से लेकर दफ़्तरों और समुदायों से प्लास्टिक कचरे को खत्म करने तक ये प्रयास कोयला क्षेत्र में बदलाव का प्रतीक हैं जहाँ आर्थिक विकास और पारिस्थितिकी अखंडता साथ-साथ चलते हैं।
कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी विरासत का पोषण कर रहे हैं और जैसे-जैसे प्रत्येक पौधा जड़ पकड़ेगा और प्रत्येक प्लास्टिक वस्तु समाप्त होती तब तब यह साबित होता रहेगा कि निष्कर्षण से बहाली तक का मार्ग न केवल संभव है, बल्कि शक्तिशाली भी है।
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