उप राष्ट्रपति सचिवालय
azadi ka amrit mahotsav

गोवा में मोरमुगाओ बंदरगाह के लिए प्रमुख परियोजनाओं के उद्घाटन अवसर पर उपराष्ट्रपति के संबोधन का मूल पाठ (अंश)

Posted On: 21 MAY 2025 4:42PM by PIB Delhi

सभी को नमस्कार,

गोवा के माननीय राज्यपाल श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई जी। ऊर्जावान, युवा, गतिशील गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत। पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर, पश्चिम बंगाल से एक महान नेता। भारत सरकार में राज्य मंत्री, श्री श्रीपद नायक। राज्यसभा के सांसद, राज्यसभा के प्रत्येक सांसद राज्यसभा के सभापति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

सबसे बेहतरीन लोगों में से एक, श्री सदानंद तनावड़े। पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग सचिव, श्री टी के रामचंद्रन, माननीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल जी के साथ मिलकर काम करने वाले एक गतिशील व्यक्ति। बंदरगाहों, नौवहन और जलमार्ग में बड़ा बदलाव हो रहा है। क्या मैं सही कह रहा हूं, शांतनु जी? शांतनु जी बहुत तेज़ी से काम कर रहे हैं। भारतीय डाक सेवा के सदस्य, मोरमुगाओ बंदरगाह प्राधिकरण अध्यक्ष, डॉ. एन. विनोदकुमार। कमांडर कोस्ट गार्ड वेस्ट, महानिरीक्षक भीष्म शर्मा जी, आपको और आपकी पूरी टीम को नमस्‍कार।

देवियो और सज्जनो, मैं स्वयं विधायक रहा हूं, और विधायक बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्या मैं सही कह रहा हूं? मुख्यमंत्री जी? विधायकों का महत्व बहुत बड़ा है। हम भाग्यशाली हैं कि आज विधानसभा में दो सदस्य हैं, दाजी सालकर और संकल्प अमोनकर। मैं वहां बैठे-बैठे आपसे आंख मिला रहा था, और मुझे मेरा समय याद आ रहा था, जब '93 से 98’ तक मैं विधायक था।

कोस्ट गार्ड के सदस्यगण, वरिष्ठ जिला अधिकारीगण और गणमान्य श्रोतागण, मेरे लिए यह एक सुखद अवसर था जब आज लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत वाली तीन परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ। नरेन्‍द्र मोदी सरकार का एक पहलू यह है कि ये समर्पित करती है, यानी तेजी से काम पूरा करती है। प्रधानमंत्री में विकास के लिए जुनून है। विकास उनका मिशन है और वे तेजी से क्रियान्वयन और बड़े पैमाने पर क्रियान्वयन में विश्वास करते हैं।

देवियो और सज्जनो, आज समर्पित ये तीन परियोजनाएं भारत की बदलती छवि को परिभाषित कर रही हैं, तीन मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र। आपको यह जानकर खुशी होगी कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का मुख्यालय भारत में है। एक दशक पहले, हमारे यहां सौर ऊर्जा की उपलब्‍धता बहुत कम थी। अब यह हर जगह हमारे परिदृश्य को सुशोभित कर रही है। सौर ऊर्जा में हम वैश्विक स्तर पर बहुत आगे हैं। यह एक स्वच्छ ऊर्जा है, नवीकरणीय ऊर्जा है, हरित ऊर्जा है। मुख्यमंत्री जी, आपको तो बहुत अच्छा लगा होगा, क्योंकि आपका जो पर्यावरण पुराना और आकर्षक है। मैं तो कहूंगा, पर्यटकों के लिए स्वर्ग। आपको इसकी बहुत आवश्यकता है, और काम भी हो रहा है। मैं चेहरे पर खुशी देख सकता हूं।

हमने दो हार्बर मोबाइल क्रेन का व्यावसायिक संचालन देखा, जो बड़ी क्रेन थीं, जो 10वीं और 11वीं बर्स्ट पर थीं। यह भी दर्शाता है कि हमारे बंदरगाह आधुनिक हो रहे हैं। हम तकनीक के साथ तालमेल बनाए हुए हैं। हम विश्व में अग्रणी बनने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं और इसलिए, तकनीकी पैठ, तेज संचालन, पर्यावरण के अनुकूल संचालन, बंदरगाहों के लिए मौलिक हैं। और तीसरा, जो बहुत महत्वपूर्ण है, कोयला संचालन के लिए पक्‍का गुम्‍बदनुमा हॉल। यह सार्वजनिक-निजी-भागीदारी का संकेत देने वाली परियोजना है। अग्रणी कॉरपोरेट्स में से एक,जेएसडब्‍ल्‍यू ने इसे किया है। और मैंने स्क्रीन पर जो देखा वह एक उल्लेखनीय तकनीकी कृति है, लेकिन अगर हमें अपने पर्यावरण की रक्षा करनी है तो कोयले को कवर्ड तरीके से संभालना होगा। यह समय की मांग है।

मुझे बहुत खुशी है कि यह शानदार पहल एक अग्रणी कॉर्पोरेट, जेएसडब्‍ल्‍यू के साथ मिलकर की गई है। गोवा राज्य में सबसे पुराने, सबसे रणनीतिक समुद्री प्रवेश द्वारों में से एक और देश के शीर्ष 10 में से एक, मोरमुगाओ बंदरगाह पर होना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। मोरमुगाओ बंदरगाह भारत की समुद्री विरासत का प्रतीक है, जो सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ी है, और हमें एक बहुत ही अनोखी चीज़ की याद दिलाती है जिस पर गोवा और गोवा के लोग गर्व कर सकते हैं – वो हैं गोवा के लोगों की समुद्री यात्रा की परंपराएं। ये परंपराएं दुनिया के लिए ईर्ष्या का विषय हैं और पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण हैं।

माननीय मुख्यमंत्री जी, मुझे आपकी प्रबंधन कुशलता स्पष्टता से याद है, जब मैं पिछले वर्ष नवम्बर में यहां आया था, 37वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ था, शानदार प्रदर्शन हुआ था, अच्छी तरह से प्रबंधित किया गया था, तथा हमारे खिलाड़ियों ने शक्ति और उत्साह का पूर्ण प्रदर्शन किया था।

जरा सोचिए, 1.4 बिलियन की आबादी वाले देश में, गोवा जैसे राज्य में - जो बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन जनसंख्या के हिसाब से दो मिलियन से भी कम है - इतने बड़े खेल आयोजित किए गए। मैं प्रबंधन से रोमांचित था, और प्रदर्शन से भी। आपको बधाई, और अब, आज मेरे लिए एक विशेष अवसर है।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में तीन वर्षों तक मैंने देखा, शांतनु ठाकुर जानते हैं कि मैं सही कह रहा हूं। एक ऐसा राज्य जो चक्रवातों, सुपर चक्रवातों से ग्रस्त रहता है। मैंने तटरक्षक बल के समर्पण, प्रदर्शन और प्रतिबद्धता को देखा। मैं आपके साहस और दृढ़ विश्वास को सलाम करने के लिए यहां आया हूं। मैं समुद्री प्रहरी के रूप में आपके अटूट संकल्प का गवाह रहा हूं। आप अद्भुत काम कर रहे हैं। जब मैं इस ढाल को देखता हूं, अभेद्य ढाल, एक ऐसी ढाल जो हमें गर्व से भर देती है। जो लोग आदर्श वाक्य को अपनाते हैं और आदर्श वाक्य पर खरे उतरते हैं, वे हमेशा आदर्श वाक्य को सही साबित करते हैं। "वयं रक्षामः", हम न केवल अपने तटों की रक्षा करते हैं, बल्कि राष्ट्रीय हितों की भी रक्षा करते हैं।

प्रिय तटरक्षक, मैं जानता हूँ कि आपका जीवन आसान नहीं है। आप कठिन परिस्थितियों में कठिन चुनौतियों का सामना करते हैं। जोखिम बहुत हैं, लेकिन कर्तव्य के प्रति आपकी प्रतिबद्धता और समर्पण सुनिश्चित करता है कि संकट के समय में समुद्र में कोई मौत न हो। पश्चिम बंगाल में, समुद्र में मरने वालों की संख्‍या शून्य थी। और चक्रवात बहुत भयंकर थे, आपकी जनजाति को धन्‍यवाद, आपकी वर्दी और फिर पहचान का नम्‍बर कभी-कभी देर से आता है। कभी-कभी यह नहीं मिलती है, लेकिन समुद्र तट के किनारे के समुदायों में आपके लिए जो प्यार है, वह उल्लेखनीय है, मैंने खुद देखा है।

आपने हमारे समुद्र तटों के किनारे रहने वाले लोगों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव किया है। राष्ट्र आपको सलाम करता है। आपकी संस्था दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। हर बचाव अभियान में, गश्त में और तस्करी को विफल करने में आपकी उपस्थिति राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह एक ऐसा संगठन है जो निरंतर बढ़ रहा है, ताकत और पराक्रम दोनों में, जब से पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने इसकी शुरुआत की थी।

आपकी प्रतिज्ञा, हम रक्षा करते हैं यह हमारी सबसे बड़ी गारंटी है कि 7,500 किलोमीटर से अधिक भारतीय समुद्र तट पर शांति है। मुझे विश्वास है कि संसाधनों से समृद्ध हमारी नीली सीमाएं, हमारे व्यापार मार्ग, जैव विविधता और सामरिक हित आपकी सदैव सतर्कता और प्रयासों से सतर्कतापूर्वक संरक्षित हैं।

मित्रों, हमारी नीली अर्थव्यवस्था के विकास में भारतीय तटरक्षक बल की महत्वपूर्ण भूमिका है। नीली अर्थव्यवस्था में अपार संभावनाएं हैं। यह आने वाले समय में हमारी अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देगी। इसके विस्‍तार और दोहन की अपार संभावनाएं हैं। आप इसके संरक्षक हैं। एक गौरवान्वित, कृतज्ञ राष्ट्र आपके साथ खड़ा है और कल्पना कीजिए कि 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान के आतंकवादी दुस्साहस का भारत ने किस तरह से उल्लेखनीय और प्रभावी ढंग से जवाब दिया।

आप हमारी नौसेना और अन्य रक्षा सेवाओं में वर्दीधारी अपने साथियों के साथ हाई अलर्ट पर थे। कितना सटीक निशाना था। मुरीदके और बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों ने वैश्विक संदेश दिया। एक संदेश जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के हृदय स्थल से पूरी दुनिया को दिया। संदेश, आतंकवाद अब बिना सजा के नहीं बचेगा। सजा अनुकरणीय थी। केवल आतंकवादियों को निशाना बनाने के हमारे लोकाचार को ध्यान में रखते हुए, सीमापार, आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया गया।

सिंदूर ऑपरेशन की बड़ी उपलब्धि से सभी को बहुत संतोष हुआ। कोई भी सबूत नहीं मांग रहा है क्योंकि जिस आतंकवादी को निशाना बनाया गया था, उसने पूरी दुनिया को सबूत दिखा दिया क्योंकि ताबूतों को उस देश की सैन्य शक्ति, उस देश की राजनीतिक शक्ति और आतंकवादियों द्वारा ले जाया गया। यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो लोकतांत्रिक कामकाज के इतिहास में शायद बेजोड़ है। मित्रों, हमारा भारत आज एक वैश्विक आर्थिक शक्ति और एक समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है, जो शांति, स्थिरता और विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

हम पहले से ही दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उभर रहे हैं, अपने आप में एक नेता हैं। मैं भारतीय तटरक्षक बल द्वारा महसूस की गई बातों से ज़्यादा कुछ नहीं कह सकता। हमारे महासागर अब हमारे लिए पहले से कहीं ज़्यादा मायने रखते हैं। वे वास्तव में अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और हमारे व्यापार को बनाए रखने के लिए हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। सम्मानित दर्शकों, इस स्थिति को हमारे 1.4 बिलियन के जनसांख्यिकीय पैमाने के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।

चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होना ठीक है, लेकिन इसे हमारी जनसंख्या की पृष्ठभूमि में भी देखा जाना चाहिए। और इसलिए, हमारा लक्ष्य 2047 में एक विकसित राष्ट्र, विकसित भारत बनना है। इसके लिए प्रति व्यक्ति आय में आठ गुना वृद्धि की आवश्यकता है। इसके लिए हमारी सीमाओं पर शांति की आवश्यकता है। अगर हमारे पास युद्ध जैसी परिस्थितियां हैं, तो आर्थिक विकास नहीं हो सकता। शांति विकास और वृद्धि का मूल है। शांति शक्ति से आती है, सुरक्षा में शक्ति, अर्थव्यवस्था में शक्ति, विकास में शक्ति और राष्ट्रवाद के प्रति गहरी प्रतिबद्धता, अडिग प्रतिबद्धता, बिना शर्त प्रतिबद्धता।

मैंने कई मौकों पर दोहराया है, मैं यहां भी दोहराता हूं। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए राष्ट्रवाद के प्रति अडिग प्रतिबद्धता और निरंतर तैयारी की आवश्यकता होती है। इस क्षेत्र में, भारतीय तटरक्षक बल एक महत्वपूर्ण, बहुआयामी भूमिका निभाता है। शांति के समय में, आप समुद्री मोर्चे पर हमारे देश की पहली रक्षा पंक्ति हैं। खतरों को रोकना, तस्करी को रोकना, घुसपैठ को रोकना, अपतटीय संपत्तियों की रक्षा करना, जो बहुत महत्वपूर्ण हैं और वे बहुत असुरक्षित भी हैं। इन संपत्तियों में, जैसा कि आप जानते हैं, तेल प्लेटफॉर्म, मत्स्य पालन क्षेत्र और समुद्र के नीचे खनिज संपदा शामिल हैं।

प्रत्‍येक दिन आपकी नौकरी की रूपरेखा बड़ी होती जा रही है, साथ ही आपकी ताकत और प्रगति में भी वृद्धि हो रही है। ये संसाधन, तेल प्लेटफॉर्म, मत्स्य पालन क्षेत्र, समुद्र के नीचे खनिज संपदा, अर्थव्यवस्था के सभी पहलू पूर्ण राष्ट्रीय संपत्ति हैं, जो ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं। दुश्‍मनों से रक्षा से अलग, जब मछुआरे तूफान या चक्रवात का सामना करते हैं जो तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं, और कुछ हिस्सों में अक्सर, आप राहत पहुंचाते हैं और उम्मीद जगाते हैं। तटीय समुदाय, जैसा कि मैंने पहले कहा, आपके उपचार स्पर्श, आपके हाथ पकड़ने, आपके समय पर हाथ पकड़ने, सबसे उपयुक्त समय पर हाथ पकड़ने से तेजी से लाभान्वित होते हैं।

भारतीय तटरक्षक बल एक मजबूत और रणनीतिक ताकत है, और साथ ही विवेक भी रखता है। हमारे महासागर धरती माता के फेफड़े हैं, जो जलवायु को नियंत्रित करते हैं, आवास, जीवन और जैव विविधता का समर्थन करते हैं। जब मैं आपकी भूमिका को देखता हूं, तो मैं आपकी जितनी प्रशंसा कर सकता हूं, करता हूं। आप चुपचाप लक्षद्वीप की प्रवाल भित्तियों, सुंदरबन मैंग्रोव पर नज़र रखते हैं। जैतून के कछुए अपने घोंसले बनाते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात, समुद्री स्तनधारियों के प्रवास पथ। आप अवैध मछली पकड़ने के खिलाफ़ कानून लागू करके, प्रदूषण पर अंकुश लगाकर और तेल रिसाव और विषाक्त निर्वहन के खिलाफ गश्त करके समुद्री क्षरण को दूर रखकर समुद्री पारिस्थितिकी को संतुलित करते हैं।

आप इसे बहुत ही अच्छे तरीके से कर रहे हैं। आप एक सतत ग्रह के दृष्टिकोण को कायम रखते हुए शिक्षित करते हैं, हस्तक्षेप करते हैं और प्रेरित करते हैं जो हमारी सभ्यतागत लोकाचार और सार का अभिन्न अंग है। हम तो धरती मां की पूजा करते हैं, पेड़ों की पूजा करते हैं, और हमारे पास धरती मां के अलावा और कोई स्थान इस ब्रह्मांड में रहने का फिलहाल नहीं है। इसलिए, मैं पुनः आपके पर्यावरण संरक्षण के लिए आपको सलाम करता हूं।

सम्मानित श्रोतागण, तेजी से बदलती भू-राजनीतिक वास्तविकताओं में, जहां वैश्विक व्यापार, रणनीतिक अवरोध, साइबर खतरे और अंतरराष्ट्रीय अपराध एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, समुद्र में नियम-आधारित व्यवस्था लागू करना तेजी से चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। यह बहुत महत्वपूर्ण होता जा रहा है कि समुद्र पर नियम-आधारित व्यवस्था कायम रहे, लेकिन इसे सुरक्षित रखना भी कम चुनौती नहीं है। भारत की समुद्री सुरक्षा लचीली, सक्रिय और भविष्य के लिए तैयार होनी चाहिए। आप पहले से ही उस रास्ते पर हैं। आपकी बढ़ती क्षमताएं, योग्यताएं, निगरानी प्रणालियों में आधुनिकीकरण, बढ़ा हुआ हवाई-समुद्री समन्वय और अंतर-संचालन, सराहनीय कदम हैं।

अब बंदरगाहों की बात करें तो मोरमुगाओ बंदरगाह आधुनिकीकरण का प्रतीक है, जो वाणिज्य और कमान, व्यापार और शांति के चौराहे पर स्थित है, और इस पर सामान्य रूप से अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। मैं परिचालन उत्कृष्टता बनाए रखने के लिए इस बंदरगाह के नेतृत्व की सराहना करता हूं। हमें हाल ही में देखने का अवसर मिला। वैश्विक व्यापार का स्वागत करना और पर्यावरण सम्‍बंधी चिंताओं के साथ विकास को सुसंगत बनाना।

देवियो और सज्जनो, भारत सरकार के पास एक दृष्टिकोण है। सचिव महोदय यहां इसलिए आए हैं क्योंकि वे इसे क्रियान्वित करवा रहे हैं। सागर माला दृष्टिकोण हमारे समुद्र तट की पूरी क्षमता को पूरी तरह उपयोग करना चाहता है और मुझे यकीन है कि यह बंदरगाह अन्य बंदरगाहों की तरह इस यात्रा में एक अग्रणी प्रकाश होगा। हमारे बंदरगाह भारत और दुनिया के बीच पुल हैं। हमारे तटरक्षकों द्वारा संरक्षित ये बंदरगाह आत्मविश्वास के साथ, गर्व के साथ समुद्री सदी में प्रवेश करेंगे। माननीय पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल देश में एक बड़े बदलाव की अगुआई और उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहे हैं।

तीनों पहलू, जिन्हें वे शांतनु ठाकुर के साथ और सचिव, शिपिंग पोर्ट्स और जलमार्ग की गहरी प्रतिबद्धता के साथ देख रहे हैं, एक समय में वे सुस्त थे। ये क्षेत्र अब गतिविधि के क्षेत्र हैं। मुझे कोई संदेह नहीं है कि अपने प्रतिष्ठित करियर के दौरान, और जो उल्लेखनीय है, श्री टी के रामचंद्रन के लिए सबसे संतोषजनक क्षणों में से एक होगा। जब इस देश को नए जलमार्ग मिल रहे हैं। पहला उत्तर प्रदेश में था। माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यह सब देखकर बहुत खुश हुए।

हमारे बंदरगाहों में हो रहे बड़े बदलाव को देखिए। मुझे एक समय यह देखकर बहुत खुशी हुई थी, और वह यह था कि हाल ही में, इस महीने मई में, प्रधानमंत्री ने इसका उद्घाटन किया, नंबर एक। देश के राजनीतिक माहौल को देखिए। केरल सरकार और अदानी समूह के बीच साझेदारी है और यह बंदरगाह कंटेनरों के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है और आपको हमारी आवश्यकता का 50 प्रतिशत और मिलेगा। हमें इन विकासों पर ध्यान देना होगा। ये आश्चर्यजनक विकास हैं और ऐसा इसलिए है क्योंकि मंत्री महोदय की प्रतिबद्धता 200 प्रतिशत है।

उन्होंने कल मुझसे बात की। उन्होंने आज सुबह मुझसे बात की। वे समय-समय पर मुझसे मिलते रहते हैं और मुझे लगता है कि बड़ा बदलाव आ रहा है, लेकिन मैं सचिव महोदय से और उनके माध्यम से माननीय मंत्री जी से और विशेष रूप से शांतनु ठाकुर जी से अपील करूंगा।

आइए हम जहाज निर्माण के मामले में आगे बढ़ें, जहाज निर्माण में अग्रणी बनें जो कि आवश्यक है। मांग बढ़ेगी। मुझे लगता है, अगर मैं गलत नहीं हूं, तो हम अपने माल का 95 प्रतिशत जहाज से ले जाते हैं जिसका मूल्य 70 प्रतिशत है। मांग बढ़ेगी क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था छलांग नहीं लगा रही है, बल्कि यह एक बड़ी छलांग लगा रही है। हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। निजी निवेश, राष्ट्रीय और वैश्विक, विकास के लिए मौलिक है, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में। बंदरगाह, हवाई अड्डे, जलमार्ग, जहाज निर्माण, और इसी तरह।

ये कठिन क्षेत्र हैं, निवेश की आवश्यकता है। मुझे उम्मीद है कि सभी लोग ऐसे निवेशों के लिए सकारात्मक रुख अपनाएंगे। अगर विकास के मुद्दों, विकास के मुख्य क्षेत्रों में रुचि के मुद्दों को राजनीतिक चश्मे और पक्षपातपूर्ण हितों से परे रखा जाए तो यह राष्ट्रीय हित में बहुत कारगर होगा। हमें उन्हें उन विवादों में नहीं उलझाना चाहिए।

अंत में मैं यही कहूंगा कि भारतीय तटरक्षक बल हमेशा सतर्क रहे, और आप भी रहेंगे। हमेशा बहादुर, जो आप हैं। हमेशा विजयी, आपने हमारी नीली अर्थव्यवस्था की क्षमता की पूरी सुरक्षा का प्रदर्शन किया है, और मुझे यकीन है। मुझे यकीन है कि मंत्री और उनकी टीम, सर्बानंद सोनोवाल जी और उनकी टीम हमारे बंदरगाहों को एक नया आयाम देंगे। आधुनिकीकरण में, तेजी से निपटने में, मैंने केरल के साथ जो देखा है, सचिव गहरे पानी को जानते हैं, और संघवाद का एक उल्लेखनीय उदाहरण है। प्रधानमंत्री वहां मौजूद थे, एक अलग राजनीतिक दल के मुख्यमंत्री वहां मौजूद थे, और एक महत्वपूर्ण निजी क्षेत्र का समूह इसे फलीभूत कर रहा था।

मैं माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल जी का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे अपने विचार साझा करने का यह अवसर उपलब्ध कराया।

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय हिंद, जय भारत

***

एमजी/केसी/वीके/ओपी


(Release ID: 2130350)
Read this release in: English , Urdu