इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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हिमाचल प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (एनईजीडी), एमईआईटीवाई के सहयोग से “सुशासन के लिए एआई: पारदर्शिता, दक्षता और प्रभाव को बढ़ावा देना” शीर्षक से एक राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की


इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न राज्य विभागों के 100 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों को जागरूक करके शासन में एआई को अपनाने को बढ़ावा देना है

कार्यशाला में एआई की नींव, जोखिम न्यूनीकरण, अपनाने की रणनीति जैसे प्रमुख विषयों पर तकनीकी सत्र शामिल थे

Posted On: 20 MAY 2025 8:25PM by PIB Delhi

हिमाचल प्रदेश सरकार के डिजिटल प्रौद्योगिकी और शासन विभाग (डीडीटीएंडजी) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) के सहयोग से 20 मई, 2025 को हिमाचल प्रदेश सचिवालय, शिमला में सुशासन के लिए एआई: पारदर्शिता, दक्षता और प्रभाव को बढ़ावा देनाशीर्षक से एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया।

यह कार्यक्रम, एनईजीडी की क्षमता निर्माण पहल का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य विभिन्न राज्य विभागों के 100 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों को संवेदनशील बनाकर शासन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाने को बढ़ावा देना था। कार्यशाला में डेटा-संचालित नीति निर्माण को बढ़ावा देने, सेवा वितरण को अनुकूलित करने और प्रशासनिक दक्षता में सुधार करने में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया।

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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार, नवाचार एवं डीटीजी, श्री गोकुल बुटेल ने नागरिक-केंद्रित, नवाचार-संचालित शासन मॉडल के निर्माण में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन सचिव श्रीमती राखिल कहलों, आईएएस ने पारदर्शिता, जवाबदेही और सेवा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शासन में एआई को एकीकृत करने के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नैतिक और समावेशी एआई तैनाती की आवश्यकता पर भी बल दिया।

कार्यशाला में एआई की नींव, जोखिम न्यूनीकरण, अपनाने की रणनीति, बेहतर लोक प्रशासन के लिए उपकरण और मजबूत एआई बुनियादी ढांचे के निर्माण जैसे प्रमुख विषयों पर तकनीकी सत्र शामिल थे। श्री मोहित चावला, आईपीएस, डीआईजी (सीआईडी) द्वारा दिए गए विशेष संबोधन में साइबर स्वच्छता और एआई से संबंधित जोखिमों के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया।

डीडीटीजी के निदेशक, श्री निपुण जिंदल, आईएएस ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया तथा डिजिटल परिवर्तन के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

यह पहल हिमाचल प्रदेश की डिजिटल गवर्नेंस यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और सार्वजनिक सेवा परिवर्तन के लिए एआई-संचालित दृष्टिकोणों को एकीकृत करने के सरकार के संकल्प की पुष्टि करती है। यह कार्यशाला एमईआईटीवाई के व्यापक इंडियाएआई मिशन का हिस्सा है। एनईजीडी की क्षमता निर्माण (सीबी) योजना राज्य सरकारों को डोमेन विशेषज्ञता, व्यावहारिक अनुभव और एआई शासन में सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ सशक्त बनाने के लिए तैयार की गई है। इस राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप, यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश की शासन आकांक्षाओं के अनुरूप एक लचीले, समावेशी और नैतिक रूप से मजबूत एआई पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को उत्प्रेरित करने के लिए तैयार है।

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(Release ID: 2130110)
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