पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
आईडब्ल्यूएआई की 197वीं बोर्ड बैठक में अंतर्देशीय जल परिवहन को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय
राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (ब्रह्मपुत्र नदी) के लिए व्यापक विकास योजना को स्वीकृति
असम में एनडब्ल्यू-2 पर पोत मरम्मत प्रतिष्ठान को पांडु टर्मिनल से जोड़ने वाली संपर्क सड़क के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृत
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (राष्ट्रीय जलमार्गों का वर्गीकरण) विनियम, 2022 में बड़ा संशोधन
एनटीसीपीडब्ल्यूसी ओडिशा के संबलपुर बैराज से छत्तीसगढ़ के नया रायपुर तक एनडब्ल्यू-64 (महानदी नदी) के विस्तार के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगा
बोर्ड को जम्मू और कश्मीर में अंतर्देशीय जल परिवहन संबंधी पहलों से अवगत कराया गया
Posted On:
19 MAY 2025 9:29PM by PIB Delhi
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) के अंतर्गत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने पिछले सप्ताह आयोजित अपनी 197वीं बोर्ड बैठक में भारत में अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के बोर्ड ने राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (ब्रह्मपुत्र नदी) को विकसित करने के लिए एक व्यापक योजना को स्वीकृति दी, साथ ही असम में राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (एनडब्ल्यू-2) पर पांडु टर्मिनल को पोत मरम्मत प्रतिष्ठान से जोड़ने के लिए संपर्क सड़क विकसित करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (राष्ट्रीय जलमार्गों का वर्गीकरण) विनियम, 2022 में संशोधन को भी बोर्ड की ओर से स्वीकृति दी गई।
अगले तीन वर्षों में असम में राष्ट्रीय जलमार्ग-2 को विकसित करने की व्यापक योजना में देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में अंतर्देशीय जल परिवहन को बढ़ावा देने के दायरे में जलपथ के विकास, टर्मिनल अवसंरचना, नेविगेशन सहायता, हरित ऊर्जा पहल, कौशल विकास केंद्र, पोत संचालन, रखरखाव और ड्राई डॉकिंग सहित कई कदम शामिल हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में शुरु होने वाले प्रथम पोत मरम्मत प्रतिष्ठान से पांडु में अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) टर्मिनल तक संपर्क रोड के निर्माण का प्रस्ताव इस प्रतिष्ठान के संचालन चरण के दौरान भारी मशीनरी/उपकरण और वाहनों को लाने-ले जाने की प्रक्रिया सुगम बनाएगा। इस निर्माणाधीन समर्पित सड़क का उपयोग करके पांडु बंदरगाह से एनएच-27 तक निर्बाध संपर्क भी प्रदान किया जा सकेगा। इस क्षेत्र में वर्तमान में 1500 करोड़ से अधिक की अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) बोर्ड ने भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (राष्ट्रीय जलमार्गों का वर्गीकरण) विनियम, 2022 में एक महत्वपूर्ण संशोधन को भी स्वीकृति दे दी है। संशोधित विनियमों में नेविगेशन चैनल और जेटी के बाहरी किनारे के बीच की दूरी को युक्तिसंगत बनाया गया है।
इसके अतिरिक्त, आईडब्ल्यूएआई ने ओडिशा के संबलपुर बैराज से छत्तीसगढ़ के नया रायपुर तक राष्ट्रीय जलमार्ग-64 (महानदी नदी) के विस्तार के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए आईआईटी मद्रास के एनटीसीपीडब्ल्यूसी (राष्ट्रीय बंदरगाह, जलमार्ग और तट प्रौद्योगिकी केंद्र) को नियुक्त किया है। इस कार्य में ओडिशा सरकार के अनुरोध पर हीराकुद में एमआईसीई (बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी) सुविधाएं स्थापित करने के औचित्य का अध्ययन करना भी शामिल होगा।
इसके अतिरिक्त, संगठनात्मक पुनर्गठन पर एनआईएसजी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्मार्ट गवर्नमेंट) की रिपोर्ट के आधार पर आईडब्ल्यूएआई में पदों के सृजन के प्रस्ताव को बोर्ड की ओर से स्वीकृति दी गई है।
बोर्ड को जम्मू और कश्मीर में की जा रही अंतर्देशीय जल परिवहन संवर्धन संबंधी पहलों से भी अवगत कराया गया, जिसमें इस केंद्र शासित प्रदेश में तीन राष्ट्रीय जलमार्गों (एनडब्ल्यू-84, एनडब्ल्यू-49 और एनडब्ल्यू-26) पर नदी नौवहन अवसंरचना का निर्माण शामिल है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ऊर्जस्वी नेतृत्व और पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल के कुशल मार्गदर्शन में, आईडब्ल्यूएआई ने जलमार्गों को विकास के एक मजबूत इंजन के रूप में विकसित करने के लिए कई बुनियादी ढांचों का निर्माण किया है। आईडब्ल्यूटी टर्मिनलों और संबंधित अवसंरचना के विकास जैसे सक्रिय कदमों के साथ, प्राधिकरण देश भर में नदियों की अपार क्षमता का उपयोग करने की दिशा में कार्य कर रहा है।

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एमजी/केसी/केके/एनजे
(Release ID: 2129888)