कोयला मंत्रालय
अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के दौरान कोयला आयात में वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि की तुलना में 9.2 प्रतिशत की कमी
Posted On:
13 MAY 2025 6:03PM by PIB Delhi
अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के दौरान देश में कोयले का आयात 9.2 प्रतिशत घटकर 220.3 मिलियन टन (एमटी) रह गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 242.6 एमटी था। इस कमी के परिणामस्वरूप लगभग 6.93 बिलियन डॉलर (53137.82 करोड़ रुपये) की विदेशी मुद्रा की बचत हुई। उल्लेखनीय रूप से, बिजली क्षेत्र को छोड़कर गैर-विनियमित क्षेत्र में अधिक महत्वपूर्ण गिरावट आई, जिसमें आयात में साल-दर-साल 15.3 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि कोयला आधारित बिजली उत्पादन में अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक पिछले वर्ष की तुलना में 2.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई, लेकिन थर्मल पावर प्लांट द्वारा मिश्रण के लिए आयात में 38.8 प्रतिशत की तीव्र कमी आई। यह आयातित कोयले पर निर्भरता कम करने और कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए भारत की ओर से किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित करता है।
भारत सरकार ने घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने और आयात कम करने के लिए वाणिज्यिक कोयला खनन और मिशन कोकिंग कोल सहित कई कदम उठाए हैं। इन प्रयासों से वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि की तुलना में अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 की अवधि के दौरान कोयला उत्पादन में 5.45 प्रतिशत की उत्साहजनक वृद्धि हुई है।
भारत का कोयला क्षेत्र अपनी तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को समर्थन देने में अहम भूमिका निभाता है, जिसमें कोयला बिजली, इस्पात, सीमेंट आदि जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों के लिए प्राथमिक ऊर्जा स्रोत के रूप में काम करता है। हालाँकि, देश को अपनी घरेलू कोयला माँग को पूरा करने में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, खासकर कोकिंग कोल और उच्च श्रेणी के थर्मल कोयले के लिए, जिनकी देश के भंडार में कमी है। नतीजतन, इस्पात सहित प्रमुख क्षेत्रों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कोयले का आयात महत्वपूर्ण रहा है।
कोयला मंत्रालय घरेलू उत्पादन को मजबूत करने और सुरक्षित कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक उपायों को लागू कर रहा है, जो कोयला आयात को कम करने और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के भारत के लक्ष्यों के अनुरूप है। घरेलू कोयला उत्पादन को प्राथमिकता देकर, सरकार का लक्ष्य दीर्घकालिक आर्थिक विकास का समर्थन करने वाले आत्मनिर्भर, टिकाऊ ऊर्जा ढांचे का निर्माण करके विकसित भारत लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना है।
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(Release ID: 2128457)