पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
पोत परिवहन मंत्रालय ने समुद्री अमृत काल विजन 2047 की प्राप्ति हेतु डिजिटल बदलाव पर कार्यशाला का आयोजन किया
Posted On:
29 APR 2025 7:13PM by PIB Delhi
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) ने भारत के समुद्री और पोत परिवहन क्षेत्र में डिजिटल दक्षता को बढ़ाने और आईटी कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से नई दिल्ली में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला आईटी खरीद और परियोजना प्रबंधन पर केंद्रित थी।
इस कार्यशाला का वर्चुअल उद्घाटन केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया। उन्होंने पोर्ट संचालन को आधुनिक बनाने और हितधारकों को बेहतर सेवा प्रदान करने में प्रौद्योगिकी की बदलावकारी भूमिका को रेखांकित किया।
मंत्रालय के सचिव श्री टी.के. रामचंद्रन ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए समुद्री क्षेत्र में डिजिटल बदलाव को गति देने हेतु नवाचार, सहयोग और क्षमता निर्माण के महत्व पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, विभिन्न बंदरगाहों और संबद्ध संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही। कार्यशाला के दौरान आईटी परियोजनाओं में आने वाली चुनौतियों, उनके मूल कारणों की पहचान और परियोजना परिणामों में सुधार के लिए ठोस समाधानों पर गहन सत्र आयोजित किए गए। मंत्रालय की वर्तमान परियोजनाओं की केस स्टडीज़ भी प्रस्तुत की गई ताकि व्यावहारिक अनुभव साझा किया जा सके।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषता प्रस्तावित डिजिटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (डीसीओई) पर एक प्रस्तुति थी, जिसे सी-डैक (सीडीएसी) के सहयोग से आईटी परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु समर्पित केंद्र के रूप में विकसित करने की परिकल्पना की गई है।
कार्यक्रम में एसपीएआरएसएच (पोर्ट्स के लिए डैशबोर्ड) और Counsello जैसे एआई-आधारित नवाचारों के लाइव डेमो प्रस्तुत किए गए, जिन्हें स्टार्टअप्स द्वारा विकसित किया गया है। इस दौरान आईटी खरीद दिशानिर्देशों के मसौदे भी प्रस्तुत किए गए और प्रतिभागियों को उनके अनुभव के आधार पर सुझाव देने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
इस चर्चा का संचालन पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव (आईटी) श्री आर. लक्ष्मणन ने किया, जिन्होंने भविष्य-उन्मुख और सशक्त डिजिटल प्रणालियों के निर्माण के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता दोहराई।
कार्यशाला का समापन पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव के समापन भाषण के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन और एआई, एमएल जैसी अगली पीढ़ी की तकनीकों तथा स्वदेशी सॉफ्टवेयर समाधानों के एकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।
आईटी उपनिदेशक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों के योगदान को सराहा गया।
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