कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने मार्च, 2025 के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) की 32वीं रिपोर्ट जारी की
28 मार्च, 2025 तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लोक शिकायतों के 59,271 मामले प्राप्त हुए
28 मार्च, 2025 तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल 59,523 शिकायतों का निवारण किया गया राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 1,90,976 शिकायतें लंबित हैं
Posted On:
15 APR 2025 7:46PM by PIB Delhi
प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने मार्च, 2025 के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) की 32वीं मासिक रिपोर्ट जारी की। उक्त रिपोर्ट में लोक शिकायतों के प्रकार और श्रेणियों तथा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उनके निपटारे की प्रकृति का विस्तृत विश्लेषण प्रदान किया गया है।
28 मार्च, 2025 तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल 59,523 शिकायतों का निवारण किया गया। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों में 28 मार्च 2025 तक सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर 1,90,976 शिकायतें लंबित हैं।
यह रिपोर्ट मार्च, 2025 के महीने में सीपीजीआरएएमएस पोर्टल के माध्यम से सीपीजीआरएएमएस पर पंजीकृत नए उपयोगकर्ताओं के लिए डेटा प्रदान करती है। 28 मार्च, 2025 तक कुल 49,912 नए उपयोगकर्ता पंजीकृत हुए, जिनमें अधिकतम पंजीकरण उत्तर प्रदेश (7,602) से हुए।
उक्त रिपोर्ट में 28 मार्च, 2025 तक कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से दर्ज शिकायतों का राज्यवार विश्लेषण भी दिया गया है। सीपीजीआरएएमएस को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है और यह 5 लाख से अधिक सीएससी पर उपलब्ध है, जो 2.5 लाख ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) से जुड़ा हुआ है। 28 मार्च, 2025 तक सीएससी के माध्यम से 7,150 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें सबसे अधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश (2,073 शिकायतें) से दर्ज की गईं, उसके बाद पंजाब (1409 शिकायतें) का स्थान रहा। इसमें उन प्रमुख मुद्दों/श्रेणियों को भी रेखांकित किया गया है जिनके लिए सीएससी के माध्यम से अधिकतम शिकायतें दर्ज की गईं।
28 मार्च, 2025 तक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनकी संख्या 22,369 रही। 28 मार्च, 2025 तक 15 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 1000 से अधिक शिकायतें लंबित हैं। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने मार्च, 2025 में सबसे अधिक शिकायतों का निपटारा किया, जिनकी संख्या क्रमशः 21,113 और 3,785 रही। 1 से 28 मार्च, 2025 के बीच 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 1000 से अधिक शिकायतों का निपटारा किया।
रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2024-25 में सेवोत्तम योजना के तहत जारी अनुदान की स्थिति भी शामिल है। पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2022-23, 2023-24, 2024-25) में 811 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरे किए गए हैं, जिनमें ~26,941 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।
क्र. सं.
|
वित्तीय वर्ष
|
प्रशिक्षण का आयोजन
|
प्रशिक्षित अधिकारी
|
1
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2022-23
|
280
|
8,496
|
2
|
2023-24
|
236
|
8,477
|
3
|
2024-25
|
295
|
9,968
|
कुल
|
811
|
26,941
|
मार्च, 2025 महीने के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
1. सीपीजीआरएएमएस पर लोक शिकायतों की स्थिति:
· 1 से 28 मार्च, 2025 तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए लोक शिकायतों के 59,271 मामले प्राप्त हुए और लोक शिकायतों के 59,523 मामलों का निवारण किया गया
· राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मासिक निपटारा फरवरी, 2025 के अंत में लोक शिकायतों के 50,088 मामलों से बढ़कर 28 मार्च, 2025 तक लोक शिकायतों के 59,523 मामले हो गया।
2.सीपीजीआरएएमएस पर लंबित लोक शिकायतों की स्थिति
· 28 मार्च, 2025 तक 23 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 1000 से अधिक लंबित शिकायतें हैं
· 28 मार्च, 2025 तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लोक शिकायतों के 1,90,976 मामले लंबित हैं।
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