रक्षा मंत्रालय
अफ्रीका भारत महत्वपूर्ण समुद्री सहभागिता (एआईकेईवाईएमई) 2025 का शुभारंभ
Posted On:
13 APR 2025 9:40PM by PIB Delhi
अफ्रीका भारत महत्वपूर्ण समुद्री सहभागिता (एआईकेईवाईएमई) 2025 का शुभारंभ 13 अप्रैल, 2025 को तंजानिया के दार-एस-सलाम में किया गया, जो भारत और अफ्रीकी देशों के बीच समुद्री सहयोग को विस्तार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समारोह में तंजानिया की रक्षा एवं राष्ट्रीय सेवा मंत्री डॉ. स्टर्गोमेना लॉरेंस टेक्स, भारत के रक्षा राज्य मंत्री (आरआरएम) श्री संजय सेठ और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स (टीपीडीएफ) के रक्षा बल प्रमुख सहित प्रमुख सैन्य अधिकारी भी शामिल हुए।
तंजानिया की रक्षा मंत्री डॉ. स्टर्गोमेना लॉरेंस टेक्स ने अभ्यास कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए समुद्री डकैती और तस्करी जैसे समुद्री खतरों से निपटने के लिए "भागीदारी के साथ कार्य करने के महत्व" पर बल दिया। उन्होंने "समान विचारधारा वाले साझेदारों द्वारा समुद्री सुरक्षा के लिए सहयोगात्मक प्रयास" का आह्वान किया और "नवाचार एवं सूचना साझाकरण सहित समुद्री सुरक्षा के स्थायी ढांचे" के निर्माण के उद्देश्य पर प्रमुखता से अपनी बात रखी। उन्होंने भविष्य में एआईकेईवाईएमई के विभिन्न संस्करणों की मेजबानी के लिए तंजानिया की प्रतिबद्धता व सैन्य गतिविधियों से भी आगे जाकर"सहयोगात्मक क्षेत्रीय साझेदारी" में उनके व्यापक विश्वासपूर्ण दृष्टिकोण की भी पुष्टि की।
रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने अपने संबोधन में अफ्रीका की एक लोकोक्ति को उद्धृत करते हुए सहयोग की भावना पर जोर दिया, "यदि आप तेजी से जाना चाहते हैं, तो अकेले जाएं, यदि आप दूर जाना चाहते हैं, तो साथ चलें।" इस दौरान उन्होंने "जीवनपर्यन्त साझेदारी" की आशा व्यक्त की। इस अवसर पर श्री सेठ ने भारत के समुद्री दृष्टिकोण - सभी क्षेत्रों में सुरक्षा एवं विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति (महासागर) का उल्लेख किया। उन्होंने भारत के साथ एआईकेईवाईएमई 25 की सह-मेजबानी के लिए तंजानिया को धन्यवाद दिया।
आईएनएस चेन्नई और आईएनएस केसरी ने एआईकेईवाईएमई के लिए भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व किया। उद्घाटन समारोह में भारत का हिंद महासागर जहाज सागर भी मौजूद था। मुख्य अतिथियों ने हिंद महासागर जहाज सागर के मित्र देशों (एफएफसी) के बहुराष्ट्रीय दल के साथ बातचीत भी की।
एआईकेईवाईएमई 25 का संस्कृत में अर्थ ‘एकता’ है और यह छह दिनों तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारत व तंजानिया के साथ-साथ कोमोरोस, जिबूती, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स तथा दक्षिण अफ्रीका भी भाग ले रहे हैं। अभ्यास में बंदरगाह चरण प्रमुखता से आयोजित होगा, जिसमें समुद्री डकैती और सूचना साझा करने पर केंद्रित संयुक्त प्रशिक्षण एवं अभ्यास शामिल हैं, इसके बाद समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए समुद्री चरण भी आयोजित होगा। इस पहल का उद्देश्य क्षेत्रीय समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोगात्मक समाधान विकसित करना, आपसी सहभागिता से क्षमता को बढ़ाना और भारत तथा अफ्रीकी देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को विस्तार प्रदान करना है।
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