जल शक्ति मंत्रालय
नमामि गंगे मिशन 2.0: वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में 7 प्रमुख सीवरेज अवसंरचना परियोजनाएं पूरी हुई
इन परियोजनाओं के चालू होने के साथ, नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत कुल क्षमता 3722 एमएलडी है और चालू किए गए एसटीपी की कुल संख्या 157 है
इन परियोजनाओं की कुल लागत 1,772 करोड़ रुपये है
Posted On:
11 APR 2025 7:23PM by PIB Delhi
नामामी गंगे मिशन 2.0 के अंतर्गत, वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में 7 प्रमुख परियोजनाओं का पूरा होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में स्थित ये परियोजनाएं मुख्य रूप से नदियों में गंदे पानी के प्रवाह को रोकने पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जिससे जल गुणवत्ता में सुधार होता है और नदियों गुणवत्ता में सुधार होता है। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड में अन्य परियोजनाएं आंशिक रूप से परिचालन के लिए तैयार हैं। पूरी हो चुकी परियोजनाएं सीवरेज ट्रीटमेंट में अवसंरचना की उन्नति में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे नदी के कायाकल्प के उद्देश्य को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इन परियोजनाओं के चालू होने के साथ, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कुल क्षमता 3722 एमएलडी हो गई है और चालू किए गए एसटीपी की कुल संख्या 157 हो गई है।
फर्रुखाबाद में 47.70 एमएलडी एसटीपी
इन परियोजनाओं की कुल लागत 1,772 करोड़ रुपये है, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में अपशिष्ट जल उपचार को बढ़ाना है। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में गंगा के कायाकल्प को नई गति मिली है। यहां 261 करोड़ रुपये की लागत से 47.70 एमएलडी की क्षमता वाला एक अत्याधुनिक एसटीपी और एक इंटरसेप्शन और डायवर्जन नेटवर्क स्थापित किया गया है - जो गंगा की प्राकृतिक शुद्धता को बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अयोध्या में 33 एमएलडी एसटीपी
पवित्र नगरी अयोध्या में सरयू नदी को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिए 222 करोड़ रुपये की लागत से 33 एमएलडी क्षमता का एसटीपी और इंटरसेप्शन एवं डायवर्जन नेटवर्क स्थापित किया गया है। यह पहल न केवल शहर के धार्मिक महत्व को बनाए रखेगी बल्कि पर्यावरण संतुलन में भी योगदान देगी। इसके अलावा, मुजफ्फरनगर जिले में 234 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत से 32.50 एमएलडी क्षमता का एसटीपी और इंटरसेप्शन एवं डायवर्जन नेटवर्क का निर्माण पूरा हो चुका है। यह परियोजना काली पश्चिम और हिंडन नदियों के पुनर्जीवीकरण करने में मदद करेगी। ये परियोजनाएं हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल पर आधारित हैं, जो न केवल उनकी सफलता को सुनिश्चित करती हैं बल्कि उनके पर्यावरणीय प्रभावशीलता को भी बढ़ाती हैं।
बख्तियारपुर में 10 एमएलडी एसटीपी
बिहार में गंगा नदी के संरक्षण के लिए बड़ी परियोजनाएं शुरू की गई हैं। बख्तियारपुर में 85 करोड़ रुपये की लागत से 10 एमएलडी एसटीपी और इंटरसेप्शन और डायवर्सन नेटवर्क का निर्माण किया गया है, जो प्रदूषण प्रभावित क्षेत्रों के लिए बहुत बड़ी उम्मीद है। फतुहा में 35.49 करोड़ रुपये की परियोजना के अंतर्गत 7 एमएलडी एसटीपी स्थापित किया गया है, जिससे क्षेत्र की जल निकासी व्यवस्था में सुधार हुआ है। इसी तरह फुलवारी शरीफ में 46 करोड़ रुपये की लागत से 6 एमएलडी एसटीपी परियोजना शुरू की गई है, जो स्वच्छता एवं सतत विकास की दिशा में एक और कदम है। तीनों परियोजनाएं डीबीओटी (डिजाइन-बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) मॉडल पर आधारित हैं।
मुजफ्फरनगर में 32.50 एमएलडी एसटीपी
दिल्ली में 666 करोड़ रुपये की लागत से 564 एमएलडी क्षमता वाले एशिया के सबसे बड़े एसटीपी और एक इंटरसेप्शन और डायवर्सन नेटवर्क का निर्माण पूरा हो चुका है। यमुना नदी के संरक्षण के उद्देश्य से बनाई गई यह महत्वाकांक्षी परियोजना डीबीओटी मॉडल पर आधारित है और ए2ओ (एनारोबिक-एनोक्सिक-ऑक्सिक) तकनीक का उपयोग करते हुए एनजीटी मानदंडों का पालन करती है।
फुलवारी शरीफ में 6 एमएलडी एसटीपी
वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में पटना-दानापुर, पटना मनेर, कैराना, लखनऊ, मुंगेर, मिर्जापुर, गाजीपुर और बरेली नामक आठ प्रदूषण नियंत्रण परियोजनाएं पूरी की गईं। इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 15 महत्वाकांक्षी परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी हुई हैं। इन परियोजनाओं पर कुल 3,184 करोड़ रुपये की लागत आई है।
फतुहा में 10 एमएलडी एसटीपी
ये उपलब्धियां स्वच्छ नदियों और बेहतर शहरी स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती हैं, साथ ही मिशन के सतत और समग्र नदी पुनरुद्धार के मुख्य उद्देश्य को भी सुदृढ़ करती हैं।
एमजी/आरपीएम/केसी/एके
(Release ID: 2121237)