संस्‍कृति मंत्रालय
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विकसित भारत के हिस्से के रूप में वैश्विक ब्रांडिंग के लिए सांस्कृतिक कूटनीति

Posted On: 03 APR 2025 4:09PM by PIB Delhi

संस्कृति मंत्रालय ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने और भारत की वैश्विक छवि को बढ़ाने के लिए "वैश्विक सहभागिता योजना" लागू की है। इस योजना के मुख्य उद्देश्यों में विदेशों के साथ सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना, द्विपक्षीय सांस्कृतिक संपर्कों को बढ़ावा देना, विश्व मंच पर भारत की सांस्कृतिक पहचान को पेश करना और अंतर्देशीय पर्यटन को प्रोत्साहित करना शामिल है। 

वैश्विक सहभागिता योजना विदेशों में भारतीय मिशनों के माध्यम से संचालित की जा रही है। निम्नलिखित घटकों के माध्यम से यह योजना अपने उद्देश्य को प्राप्त कर रही है:

¡. भारत महोत्सव :

भारतीय कला के विभिन्न रूपों का अभ्यास करने वाले कलाकारों को 'भारत महोत्सव' के बैनर तले विदेशों में प्रदर्शन करने का अवसर दिया जाता है। लोक संगीत, लोक नृत्य, लोक रंगमंच और कठपुतली, शास्त्रीय और पारंपरिक नृत्य, प्रयोगात्मक/समकालीन नृत्य, शास्त्रीय/अर्ध शास्त्रीय संगीत, रंगमंच जैसी लोक कला के विविध सांस्कृतिक क्षेत्रों के कलाकार विदेशों में 'भारत महोत्सव' में प्रदर्शन करते हैं।

¡¡. भारत-विदेश मैत्री सांस्कृतिक समितियों को सहायता अनुदान: 

भारत और संबंधित अन्य देश के बीच घनिष्ठ मैत्री और सांस्कृतिक संपर्क को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हमारे भारतीय मिशनों के माध्यम से बाहरी देशों में सक्रिय रूप से कार्यरत भारत-विदेश मैत्री सांस्कृतिक समितियों को सहायता अनुदान जारी किया जाता है।

विदेश मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन के रूप में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), मिशनों/केंद्रों और विदेशों में अपने सांस्कृतिक केंद्रों के माध्यम से दुनिया भर में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देता है। उनके द्वारा आयोजित गतिविधियों में अन्य बातों के साथ-साथ, योग, नृत्य, संगीत (गायन और वाद्य), संस्कृत और हिंदी की शिक्षा देना; भारतीय संस्कृति के विभिन्न क्षेत्रों में सम्मेलनों/सेमिनारों/कार्यशालाओं का आयोजन/समर्थन करना; विदेशी विश्वविद्यालयों में भारतीय अध्ययन के पीठों का समर्थन करना; महात्मा गांधी और अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों की आवक्ष प्रतिमाओं को उपहार में देना, दृश्य कला प्रदर्शनियों का आदान-प्रदान करना, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और भारतीय त्योहारों को मनाना, विभिन्न आगंतुक कार्यक्रमों (शैक्षणिक/प्रतिष्ठित/महत्वपूर्ण/जनरल नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क) के तहत आगंतुकों की मेजबानी करना; और विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत विदेशी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रायोजित करना। आईसीसीआर ने विदेशों में अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने और विदेशों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों के साथ समझौता ज्ञापन भी किए हैं। आईसीसीआर भारतीयों को विभिन्न विदेशी संस्कृतियों की खोज करने में सक्षम बनाने के लिए आने वाली विदेशी सांस्कृतिक मंडलियों की मेजबानी भी करता है।

इसके अलावा, भारत वैश्विक मुद्दों पर अन्य देशों के साथ सहयोग करने और विश्व मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए दुनिया भर में बहुपक्षीय मंचों पर सक्रिय रूप से शामिल होता है। 2020 से देश भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित गतिविधियों में लगा हुआ है।

● भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता के दौरान संस्कृति मंत्रालय ने जुलाई 2021 में ब्रिक्स संस्कृति वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक और छठी ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक की वर्चुअल मेजबानी की; 

● भारत की शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता के दौरान संस्कृति मंत्रालय ने मार्च, 2023 में भारत की अध्यक्षता में एससीओ सदस्य देशों की साझा बौद्ध विरासत पर सम्मेलन की मेजबानी की। 

● संस्कृति मंत्रालय ने अप्रैल, 2023 में भारत की अध्यक्षता में 20वीं एससीओ संस्कृति मंत्रियों की बैठक की मेजबानी की। 

● संस्कृति मंत्रालय ने द्विपक्षीय सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने के लिए अप्रैल 2023 में पहली भारत-मध्य एशिया संस्कृति मंत्रियों की बैठक (सीएमएम) की मेजबानी की; 

● भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान, संस्कृति मंत्रालय ने 2023 में खजुराहो, भुवनेश्वर, हम्पी और वाराणसी में जी20 संस्कृति कार्य समूह बैठक (सीडब्ल्यूजी) और संस्कृति मंत्रियों की बैठक (सीएमएम) की मेजबानी की;

जी-20 संस्कृति कार्य समूह ने 'काशी संस्कृति मार्ग' शीर्षक से एक परिणाम दस्तावेज जारी किया, जिसमें 2030 के बाद के विकास एजेंडे में "संस्कृति को एक स्वतंत्र लक्ष्य के रूप में" आगे बढ़ाने की बात गई। नई दिल्ली के नेताओं के घोषणापत्र में इसे सर्वसम्मति से समर्थन दिया गया, जो एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ। जी-20 देशों के प्रतिभागियों को भारतीय संस्कृति दिखाने के लिए संस्कृति मंत्रालय द्वारा विभिन्न सहयोगी अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक परियोजनाएँ शुरू की गईं- चार वैश्विक विषयगत वेबिनार; प्रदर्शनियाँ -

रि(एड)ड्रेस: ​​खजुराहो में खजाने की वापसी; सस्टेन: भुवनेश्वर में शिल्प मुहावरा; हम्पी में बुने हुए आख्यान; जी-20 कला परियोजना - टुगेदर वी आर्ट; जी-20 कविता संकलन - एक ही आसमान के नीचे और संस्कृति सभी को एकजुट करती है अभियान; जी-20 ऑर्केस्ट्रा- सुर वसुधा। जी-20 डिजिटल संग्रहालय (संस्कृति गलियारा) और प्रदर्शनी- रूट्स एंड रूट्स का आयोजन नई दिल्ली में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान किया गया।

भारत, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) का सदस्य देश है और यूनेस्को के कई महत्वपूर्ण सांस्कृतिक सम्मेलनों का हिस्सा है जैसे 1972 विश्व विरासत सम्मेलन, 2003 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए सम्मेलन, 2005 सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों की विविधता के संरक्षण और संवर्धन पर सम्मेलन, यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (यूसीसीएन), मेमोरी ऑफ़ द वर्ल्ड (एमओडब्ल्यू) कार्यक्रम। भारत सांस्कृतिक संपत्ति के संरक्षण और पुनरुद्धार के अध्ययन के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (आईसीसीआरओएम), विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) जैसे अंतर-सरकारी संगठनों का भी सदस्य है।

संस्कृति मंत्रालय पर्यटन, आर्थिक विकास और सॉफ्ट पावर के चालक के रूप में भारत की संस्कृति और विरासत की शक्ति का लाभ उठाने के लिए पर्यटन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय कर रहा है।

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

 

एम जी/ केसी/ जेएस 


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