रक्षा मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

नौसेना के कमांडरों के सम्मेलन 2025 के पहले संस्करण का दूसरा चरण

Posted On: 09 APR 2025 9:00AM by PIB Delhi

नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के पहले संस्करण का दूसरा चरण 07 अप्रैल, 2025 को नौसेना भवन में शुरू हुआ। इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने उद्घाटन भाषण दिया। इसके साथ ही पांच दिवसीय कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। पहला चरण 05 अप्रैल, 2025 को कारवार में आयोजित किया गया और दूसरा चरण 07 से 10 अप्रैल, 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।

अभ्यास के पहले चरण में ‘भारतीय नौसेना की नौसैन्य कार्रवाई तत्परता और भविष्य की संभावनाओं की समीक्षा’, ‘दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर क्षेत्र के लिए हिंद महासागर जहाज सागर को रवाना करना’ तथा माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा ‘प्रोजेक्ट सीबर्ड के प्रमुख बुनियादी ढांचे का उद्घाटन’ किया गया।

नौसेना प्रमुख ने दूसरे चरण के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान, उन्होंने बाहरी परिचालन व क्षेत्रीय कमानों और कमांडों तथा नौसेना मुख्यालय कर्मचारियों को संबोधित किया। एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने सफल अभ्यासों, प्लेटफार्मों की परिचालन उपलब्धता में वृद्धि एवं भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ संयुक्त अभियानों के माध्यम से लड़ाकू तैयार बल को बनाए रखने में नौसेना की उपलब्धियों की सराहना की। नौसेना प्रमुख ने घरेलू जहाज निर्माण उद्योग में योगदान और नवाचार तथा रचनात्मकता की संस्कृति में वृद्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने भविष्य के लिए तैयार नौसेना बनाने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया। नौसेना प्रमुख ने नवीनतम भू-राजनीतिक परिदृश्य में हिंद महासागर में भारतीय नौसेना के दायित्व एवं बहुपक्षीय व द्विपक्षीय अभ्यासों में शामिल होकर तथा 'ऑपरेशन ब्रह्मा' और आईओएस सागर की तैनाती जैसी गतिविधियों के माध्यम से तटीय देशों का समर्थन करके एकजुट व विश्वसनीय दृष्टिकोण के महत्व को दोहराया। नौसेना प्रमुख ने कर्मचारियों को सात प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया - जिनमें युद्ध लड़ना व मुकाबला दक्षता, बल स्तर एवं क्षमता विकास, बेड़े का रखरखाव और ऑपरेशन लॉजिस्टिक्स, नवीन प्रौद्योगिकियों का नवाचार तथा एकीकरण, संतुलित कार्यबल विकास, परिचालन व संगठनात्मक चपलता एवं अन्य राष्ट्रीय एजेंसियों और हितधारकों के साथ तालमेल शामिल है।

सम्मेलन के दौरान नौसेना प्रमुख द्वारा भारतीय नौसेना के ऑपरेशनल डेटा फ्रेमवर्क, अंतरिक्ष विजन, नौसेना विमानन और नौसेना से परे सेवानिवृत्ति तथा जीवन से संबंधित प्रकाशन जारी किए गए।

सी.सी. में भारत सरकार के विदेश सचिव श्री विक्रम मिस्री के साथ भी बातचीत हुई। विदेश सचिव ने भारतीय नौसेना के शीर्ष नेतृत्व से संवाद करते हुए उभरती वैश्विक व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय मामलों, विदेश नीति चुनौतियों व राष्ट्रीय कूटनीति में भारतीय नौसेना की भूमिका पर अपने विचार साझा किए।

जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने 08 अप्रैल, 2025 को नौसेना कमांडरों और कर्मचारियों को संबोधित किया। उन्होंने 'पसंदीदा सुरक्षा साझेदार' के तौर पर हिंद महासागर क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाने व क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना को बधाई दी। उन्होंने राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में नौसेना के प्रयास और म्यांमा को हाल ही में दी गई एचएडीआर सहायता की सराहना की। श्री अमिताभ कांत ने मध्य पूर्व, यूरोप तथा पूर्वी एशिया में व्याप्त भू-राजनीतिक परिदृश्यों पर भी प्रकाश डाला और महासागर व हिंद महासागर क्षेत्र रिम एसोसिएशन के माध्यम से भारत की कूटनीति का विस्तार करने में नौसेना की भूमिका तथा लचीलेपन की आवश्यकता पर बल दिया।

नौसेना कमांडरों ने समुद्री क्षेत्र में उभरती चुनौतियों और उभरते भू-रणनीतिक वातावरण का सामना करने की रणनीतियों पर चर्चा की। विचार-विमर्श के दौरान परिचालन तत्परता, तटीय सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, नेट-केंद्रित परिचालन, बुनियादी ढांचे का उन्नयन, नौसेना प्लेटफार्मों का रखरखाव और मानव संसाधन विकास सहित नौसेना के व्यापक मुद्दों पर बातचीत की गई।

***

एमजी/आरपीएम/केसी/एनके/डीए


(Release ID: 2120648)
Read this release in: English , Urdu