भारी उद्योग मंत्रालय
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भारी उद्योग मंत्रालय ने इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में सफलतापूर्वक दस लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का लक्ष्य हासिल कर लिया है

Posted On: 01 APR 2025 8:05PM by PIB Delhi

यह उपलब्धि स्वच्छ, हरित और अधिक टिकाऊ गतिशीलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2070 तक नेट जीरो और आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप है।

भारत का ई-मोबिलिटी क्षेत्र सरकारी पहलों, तकनीकी प्रगति और पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण गति पकड़ रहा है।

कुल मिलाकर, भारत का ई-मोबिलिटी क्षेत्र सहायक नीतियों के कारण अभूतपूर्व वृद्धि के लिए तैयार है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की विकास कहानी नीचे दिए गए आंकड़ों से स्पष्ट होती है:

वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 11,49,334 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन (ई-2डब्ल्यू) बेचे गए, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बेची गई 9,48,561 इकाइयों की तुलना में 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसी तरह, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर ई-3डब्ल्यू (एल5) की बिक्री वित्त वर्ष 2024-25 में 1,59,235 इकाई तक पहुंच गई, जो पिछले वित्त वर्ष में बेची गई 1,01,581 इकाइयों की तुलना में 57 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।

भारी उद्योग मंत्रालय ने देश में हरित आवागमन और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण इको-सिस्टम के विकास को गति प्रदान करने के लिए 29 सितंबर, 2024 को 'पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना' को अधिसूचित किया है। इस योजना का परिव्यय 31 मार्च, 2026 तक दो वर्षों की अवधि के लिए 10,900 करोड़ रुपये है। 1 अप्रैल, 2024 से 30 सितंबर,2024 तक छह महीने की अवधि के लिए मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) 2024 को पीएम ई-ड्राइव योजना में शामिल कर लिया गया है।

वित्त वर्ष 2024-25 में पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत वीएएचएएन पोर्टल पर 10,10,101 ई-2डब्ल्यू और 1,22,982 ई-3डब्ल्यू (एल5) पंजीकृत किए गए हैं। इस वित्त वर्ष 2024-25 में दस लाख से अधिक ईवी की बिक्री हुई है।

केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री श्री एच.डी. कुमारस्वामी ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा:

"माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत सतत आवागमन के लिए वैश्विक परिवर्तन को आगे बढ़ा रहा है। 1 मिलियन से अधिक ईवी की बिक्री की उपलब्धि भारी उद्योग मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं की सफलता का प्रमाण है, जिसमें एफएएमई, ईएमपीएस और पीएम ई-ड्राइव शामिल हैं। यह उपलब्धि एक स्वच्छ, हरित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।"

भारी उद्योग मंत्रालय की अगुआई में पीएम ई-ड्राइव योजना ने वित्तीय प्रोत्साहन देकर, स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देकर और ईवी इको-सिस्टम को मजबूत करके इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में तेजी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 31 मार्च, 2025 तक योजना का प्रभाव निम्नलिखित प्रमुख पर्यावरणीय लाभों में परिलक्षित होता है:

  • प्रतिदिन ईंधन की बचत: 8,55,723 लीटर

· कुल ईंधन की बचत: 15,77,33,334 लीटर

· प्रतिदिन कार्बन डाइऑक्साइड में कमी: 12,48,100 किग्रा

· कार्बन डाइऑक्साइड की कुल कमी: 23,01,73,978 किग्रा

भारत सरकार की यह पहल पर्यावरण प्रदूषण और ईंधन सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चुनौतियों का समाधान करने के साथ-साथ टिकाऊ परिवहन समाधानों को आगे बढ़ाने के लिए है। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने और इन्फ्रास्ट्रक्चर को समर्थन देने के माध्यम से इस योजना से ईवी क्षेत्र और इसकी आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, यह विनिर्माण और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना में रोजगार सहित मूल्य श्रृंखला में पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करेगा। कुल मिलाकर, यह योजना भारत में परिवहन के लिए एक स्वच्छ, अधिक टिकाऊ भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) ऑटो योजना टिकाऊ और उन्नत विनिर्माण को बढ़ावा देकर भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र में बदलाव ला रही है। इस पहल के तहत, 18 मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) ने आवेदन किया है, जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्रांति को गति देने और आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार ऑटोमोटिव इकोसिस्टम की दिशा में देश की यात्रा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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(Release ID: 2120405)
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