पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कोच्चि जल मेट्रो की समीक्षा की; गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, तेजपुर सहित 24 शहरों के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन को मंजूरी प्रदान की
निष्कर्षों के आधार पर कार्यान्वयन योजना का पालन किया जाएगा
प्रविष्टि तिथि:
08 APR 2025 8:41PM by PIB Delhi
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कोच्चि शहर के प्रमुख टर्मिनलों का दौरा करते हुए कोच्चि जल मेट्रो के परिचालन की समीक्षा की। यह यात्रा असम के गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित पूरे देश के 24 शहरों में जल-आधारित परिवहन मॉडल को लागू करने की व्यवहार्यता का आकलन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मंत्रालय ने इन 24 शहरों में तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन को मंजूरी प्रदान की है।
इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “कोच्चि वाटर मेट्रो की सफलता नवाचार के साथ परंपरा को मिश्रित करने की भारत की क्षमता का एक शानदार प्रमाण है। यह दर्शाता है कि कैसे साफ, आरामदायक और कुशल जल-आधारित परिवहन शहरी क्षेत्रों में लोगों के आवागमन की पद्धति को बदल सकता है। इस उपलब्धि से प्रेरित होकर, हमारे मंत्रालय ने देश के 24 शहरों में, जिसमें असम के गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर शामिल हैं, इस मॉडल के पुनरुत्पादन की संभावनाओं का पता लगाने के लिए तकनीकी व्यावहारिकता अध्ययन को मंजूरी प्रदान की है।”
कोच्चि जल मेट्रो की सवारी के बाद, श्री सर्बानंद सोनोवाल ने भारत के लंबे समय से उपेक्षित राष्ट्रीय जलमार्गों को पुनर्जीवित करने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि “2014 से पहले हमारी नदियों को नजरअंदाज किया गया था और उन्हें बर्बाद कर दिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमने भारत की नदियों के खोए हुए गौरव को पुनः प्राप्त किया है। जल मेट्रो इस परिवर्तन का एक प्रमाण है क्योंकि यह एक किफायती, आरामदायक, पर्यावरण के अनुकूल और आधुनिक यात्रा अनुभव प्रदान करता है जो सरकार की हरित और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
केंद्रीय मंत्री उच्च न्यायालय जंक्शन टर्मिनल पर जल मेट्रो में सवार हुए और वापस लौटने से पहले फोर्ट कोच्चि और वाइपिन की यात्रा की। उनके साथ इस यात्रा में संयुक्त सचिव श्री नाथ सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड और अन्य समुद्री एजेंसियों के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
जल मेट्रो परियोजना के बारे में विस्तार से बताते हुए श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि “यह पहल एक आधुनिक और सतत सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करेगी जो न केवल यातायात की भीड़ एवं प्रदूषण को कम करेगी बल्कि हमारे नागरिकों को देश के ऐतिहासिक जलमार्गों से भी जोड़ेगी। नदी नेविगेशन की हमारी सभ्यतागत विरासत में निहित, जल मेट्रो अवधारणा को आज की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है, जो अत्याधुनिक तकनीक, शीर्ष सुरक्षा प्रोटोकॉल और यात्री-अनुकूल सुविधाओं से युक्त है और यह सभी यात्रा को कुशल एवं सुखद बनाती हैं। जल मेट्रो सेवाओं के विस्तार का उद्देश्य अंतिम व्यक्ति तक संपर्क, यात्रा में आसानी और पारंपरिक परिवहन के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्प प्रदान करना है, जिससे भारत में शहरी गतिशीलता के लिए अधिक हरित एवं समावेशी भविष्य की नींव रखी जा सके।”
कोच्चि जल मेट्रो की यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री के साथ कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक लोकनाथ बेहरा, कोचीन पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष बी. काशी विश्वनाथन, विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह की प्रबंध निदेशक डॉ. दिव्या एस. अय्यर, कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड के निदेशक, कोच्चि वाटर मेट्रो लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी तथा भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के सलाहकार डॉ. के. के. नाथ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
आगंतुक पुस्तिका में लिखे अपने संदेश में केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कोच्चि जल मेट्रो को “अद्वितीय” बताया और कहा कि “इससे जल यात्रा में वास्तविक अंतर आता है और यात्रा ज्यादा रोमांचक, आरामदायक एवं आनंददायक हो जाती है।
भारत में अपनी तरह की पहली जल मेट्रो परियोजना कोच्चि की शहरी गतिशीलता प्रणालियों के साथ जल परिवहन को एकीकृत करती है और इसे पूरे देश में भविष्य की परियोजनाओं के लिए एक मॉडल माना जा रहा है। तकनीकी-व्यवहार्यता अध्ययनों के माध्यम से प्रस्तावित विस्तार का उद्देश्य संपर्क को बढ़ावा देना, सड़क भीड़ को कम करना और प्रमुख शहरी केंद्रों में सतत आवागमन को बढ़ावा देना है।




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एमजी/आरपीएम/केसी/एके
(रिलीज़ आईडी: 2120271)
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