विद्युत मंत्रालय
बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि
Posted On:
03 APR 2025 5:39PM by PIB Delhi
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6 सितंबर 2023 को बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि (वीजीएफ) योजना को मंजूरी दी ताकि बीईएसएस के विकास का समर्थन किया जा सके। योजना के अनुसार, 2023-26 के दौरान स्वीकृत बीईएसएस के लिए वीजीएफ सहायता प्रदान की जाएगी। निधि का वितरण 5 किस्तों में होगा: परियोजना के वित्तीय समापन पर 10%, वाणिज्यिक संचालन तिथि (सीओडी) प्राप्त करने पर 45%, और सीओडी से अगले 3 वर्षों में प्रति वर्ष 15%। बैटरी की कीमतों में गिरावट के साथ, योजना की क्षमता 3,760 करोड़ रुपये के स्वीकृत बजटीय आवंटन के भीतर रहते हुए 4000 मेगावाट से बढ़ाकर 13,200 मेगावाट कर दी गई है।
2024-25 में 1000 मेगावाट घंटे के बीईएसएस के लिए ₹96 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया था, जिसमें वित्तीय समापन पर 10% संवितरण की बात कही गई थी। हालांकि, बीईएसएस की लागत में गिरावट के साथ, वीजीएफ राशि ₹96 लाख प्रति मेगावाट घंटे (2023-24 में अनुमानित) से घटकर ₹46 लाख प्रति मेगावाट घंटे या पूंजीगत लागत का 30%, जो भी कम हो, हो गई। नतीजतन, बजटीय आवंटन को ₹96 करोड़ से संशोधित कर ₹46 करोड़ कर दिया गया। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, वित्तीय समापन के बाद वीजीएफ का 10% संवितरित किया जाना है। चूंकि, कोई भी परियोजना वित्तीय समापन हासिल नहीं कर सकी, इसलिए 2024-25 के दौरान योजना के तहत कोई व्यय नहीं किया गया।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) इस योजना की निगरानी के लिए जिम्मेदार है, जबकि विद्युत मंत्रालय समय पर पूरा होने और धन के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए योजना की देखरेख करता है।
राष्ट्रीय विद्युत योजना 2023 का अनुमान है कि 2031-32 तक 236 गीगावाट घंटा बीईएसएस की आवश्यकता होगी। यह योजना अक्षय ऊर्जा के एकीकरण का समर्थन करेगी और गैर-सौर घंटों में अधिक्तम मांग अवधि के दौरान लागत को कम करने में मदद करेगी।
यह जानकारी विद्युत राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाईक ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।
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