विधि एवं न्‍याय मंत्रालय
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वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 (दिसम्बर 2024 तक) के दौरान विधिक सेवा प्राधिकरणों ने 12,49,496 और 1,26,966 विधिक जागरूकता शिविर और कार्यक्रम आयोजित किये


विधिक सेवा प्राधिकरणों के कानूनी जागरूकता शिविरों और कार्यक्रमों में लगभग 13 करोड़ 93 लाख और 3 करोड़ 6 लाख लोगों शामिल हुए

कानूनी सहायता प्रणाली

Posted On: 03 APR 2025 4:05PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण (एलएसए) अधिनियम 1987 के अंतर्गत किया गया था। इसका उद्देश्य एलएसए अधिनियम 1987 की धारा 12 के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों सहित समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त और सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान करना है। यह अधिनियम यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक या अन्य अक्षमताओं के कारण किसी भी नागरिक को न्याय प्राप्त करने के अवसरों से वंचित किया जाए और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जाए। इसके अलावा नालसा ने निवारक और रणनीतिक कानूनी सेवा कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न योजनाएं भी तैयार की हैं, जिन्हें विभिन्न राज्य, जिला और तालुका स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। पिछले तीन वर्षों 2022-23 से 2024-25 (दिसंबर 2024 तक) के दौरान 39 लाख 44 हज़ार लोगों को निशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान की गई हैं।

सरकार 250 करोड़ रुपये के परिव्यय से पांच वर्ष (2021-2026) के लिएभारत में न्याय तक समग्र पहुंच के लिए अभिनव समाधानों की रूपरेखा तैयार करना” (दिशा) नामक एक केंद्रीय क्षेत्र योजना भी लागू कर रही है। योजना का उद्देश्य टेली-लॉ, न्याय बंधु (निशुल्क कानूनी सेवाएं) और कानूनी साक्षरता और कानूनी जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से कानूनी सेवाओं की आसान, सुलभ, सस्ती और नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत टेली-लॉ नागरिकों को मुकदमे-पूर्व सलाह देने के लिए मोबाइल ऐपटेली-लॉऔर टोल-फ्री नंबर के माध्यम से वकीलों से जोड़ता है। न्याय बंधु (निशुल्क सेवाएं) पंजीकृत लाभार्थियों को अदालतों में निशुल्क कानूनी प्रतिनिधित्व प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है और कानूनी साक्षरता और कानूनी जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत नागरिकों को अपने कानूनी अधिकारों, कर्तव्यों और हकों को जानने, समझने और उनका लाभ उठाने का अधिकार दिया जाता है। 28 फरवरी 2025 तक दिशा योजना ने अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से देश में लगभग 2 करोड़ 10 लाख लाभार्थियों को कवर किया है।

भारत सरकार नालसा के माध्यम से एक अन्य केंद्रीय क्षेत्र योजना कानूनी सहायता बचाव परामर्श प्रणाली (एलएडीसीएस) योजना को लागू कर रही है। योजना का उद्देश्य केवल एलएसए अधिनियम, 1987 की धारा 12 के अंतर्गत कानूनी सहायता के लिए पात्र लाभार्थियों को आपराधिक मामलों के संबंध में कानूनी सहायता प्रदान करना है। योजना का स्वीकृत वित्तीय परिव्यय 3 वर्षों (वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2025-26) के लिए 998 करोड़ 43 लाख रुपये है। 30 दिसंबर 2024 तक, देश भर के 654 जिलों में एलएडीसी कार्यालय कार्यरत हैं और इनमें 3448 बचाव परामर्शदाताओं सहित 5251 कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्ष 2024-25 (दिसंबर, 2024 तक) के दौरान एलएडीसीएस कार्यालयों ने 3 लाख 95 हज़ार  से अधिक आपराधिक मामलों का निपटारा किया।

विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा बच्चों, मजदूरों, आपदा पीड़ितों, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग व्यक्तियों आदि से संबंधित विभिन्न कानूनों और योजनाओं पर पूरे देश में विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विधिक सेवा प्राधिकरण विभिन्न कानूनों पर सरल भाषा में पुस्तिकाएं और पैम्फलेट भी तैयार करते हैं, जिन्हें लोगों में वितरित किया जाता है। वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 (दिसम्बर 2024 तक) के दौरान विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा 12,49,496 और 1,26,966 विधिक जागरूकता शिविर और कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें लगभग 13.93 करोड़ और  3.06 करोड़ लोग शामिल हुए।

यह जानकारी विधि और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम  मेघवाल ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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