संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
दूरसंचार विभाग ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साथ मिलकर यात्रियों के खोए/चोरी हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करने, उनका पता लगाने और उन्हें वापस पाने के लिए सहयोग किया
मोबाइल सुरक्षा के लिए संचार साथी (अपना खोया/चोरी हुआ मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक करें - सीईआईआर) सेवा को आरपीएफ के संचालन के साथ एकीकृत किया जाएगा
Posted On:
03 APR 2025 5:11PM by PIB Delhi
डिजिटल इकोसिस्टम में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने निरंतर प्रयासों के तहत दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की मोबाइल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), रेल मंत्रालय के साथ हाथ मिलाया है।
ट्रेनों और स्टेशनों पर यात्रियों द्वारा खोई या गुम हुई वस्तुओं में मोबाइल फोन की संख्या अधिक होती है। रेल यात्रियों के खोए/चोरी हुए मोबाइल फोन का पता लगाने और उन्हें वापस पाने के लिए दूरसंचार विभाग और आरपीएफ अब मिलकर काम करेंगे। रेल मदद ऐप को अब दूरसंचार विभाग के संचार साथी प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ा जा रहा है।
दूरसंचार विभाग के संचार साथी प्लेटफॉर्म में चोरी/खोए हुए मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करने की सुविधा है, जबकि रेल मदद ऐप भारतीय रेलवे द्वारा विकसित एक मोबाइल एप्लीकेशन है, जो यात्रियों को ट्रेन यात्रा के दौरान उनकी शिकायतों को संबोधित करने और हल करने में सहायता करता है।
इस दिशा में, आरपीएफ के 17 जोन और 70 से अधिक डिवीजनों को संचार साथी पोर्टल पर शामिल करने का काम शुरू कर दिया गया है। अब यात्री रेल मदद ऐप पर खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट की शिकायत दर्ज करा सकेंगे। शिकायतों का विवरण संचार साथी पोर्टल पर भेजा जाएगा, जिससे खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक किया जा सके, उसका दुरुपयोग रोका जा सके, उसका पता लगाया जा सके और आरपीएफ को अलर्ट भेजा जा सके।
भारतीय रेलवे के 17 डिवीजनों के आरपीएफ अधिकारियों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिसमें 250 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया। दूरसंचार विभाग की एलएसए फील्ड इकाइयों के अधिकारी भी इस सत्र में शामिल हुए। प्रशिक्षण सत्र में दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने उन्हें नागरिक केंद्रित संचार साथी पोर्टल/ऐप और मोबाइल सुरक्षा पर इसकी विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। उन्हें उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न अन्य तकनीकी समाधानों की भी जानकारी दी गई।

सहयोगात्मक प्रयास के तहत प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन करते हुए सचिव (दूरसंचार) डॉ. नीरज मित्तल ने अपने भाषण में इस सहयोग की सराहना की तथा सुरक्षा उपायों को बढ़ाने में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर बात की। उन्होंने कहा, "प्रौद्योगिकी की तीव्र प्रगति के साथ, अपराध की रोकथाम और कानून प्रवर्तन में डिजिटल उपकरणों की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।" उन्होंने आगे कहा कि संचार साथी पोर्टल पर आरपीएफ के साथ मिलकर काम करना नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी और दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग से बचाने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
आरपीएफ के महानिदेशक श्री मनोज यादव ने अपने संबोधन में कहा कि रेल यात्रियों की सुरक्षा आरपीएफ का प्रमुख उद्देश्य है। पिछले 12 महीनों में आरपीएफ ने ऑपरेशन अमानत के तहत 84 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं को सफलतापूर्वक बरामद कर रेल यात्रियों को सौंपा है। उन्होंने आगे जोर देते हुए कहा, "संचार साथी पोर्टल पर आरपीएफ को शामिल करने से नागरिकों को खोए/चोरी हुए हैंडसेट की बरामदगी का आश्वासन मिलेगा।"
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) रेलवे सुरक्षा की रीढ़ रहा है, जो यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और रेलवे संपत्तियों की पूरी निष्ठा से रक्षा करता है। 1957 में अपनी स्थापना के बाद से ही आरपीएफ ने दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संचार साथी के साथ एकीकरण मोबाइल सुरक्षा को बढ़ाने में एक बड़ा बदलाव लाएगा। देशभर में राज्य पुलिस मोबाइल फोन बरामद करने और उन्हें उनके असली मालिकों को सौंपने के लिए संचार साथी प्रणाली का उपयोग करने में सराहनीय काम कर रही है। अब तक संचार साथी की सीईआईआर सुविधा का उपयोग करते हुए लगभग 30 लाख मोबाइल डिवाइस को ब्लॉक किया गया है, जिनमें से लगभग 18 लाख मोबाइल डिवाइस का पता लगाया गया है और 3.87 लाख मोबाइल हैंडसेट को पुलिस द्वारा सफलतापूर्वक बरामद किया गया है। तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक की राज्य पुलिस ने सार्वजनिक सुरक्षा और सेवा को बढ़ाने के लिए इस प्रणाली का लाभ उठाने में उत्कृष्ट प्रयास किए हैं।
इसके अतिरिक्त दूरसंचार विभाग नागरिकों को संचार साथी (www.sancharsaathi.gov.in) के सीईआईआर मॉड्यूल के माध्यम से खोए/चोरी हुए मोबाइल फोन की रिपोर्ट जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता है। इससे दूरसंचार सेवाओं को अधिक सुरक्षित और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए सहयोगात्मक प्रयास को बढ़ावा मिलता है। विभाग उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए सख्त निगरानी और त्वरित कार्रवाई के लिए समर्पित है।
नागरिक साइबर अपराध और साइबर धोखाधड़ी में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग की रिपोर्ट करने के लिए संचार साथी ऐप का उपयोग कर सकते हैं। ऐप को डाउनलोड किया जा सकता है:
एंड्रॉयड: https://play.google.com/store/apps/details?id=com.dot.app.sancharsaathi
आईओएस: https://apps.apple.com/app/sanchar-saathi/id6739700695

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