इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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भारत सरकार ने गांवों में डिजिटल बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए कदम उठाए

Posted On: 02 APR 2025 6:06PM by PIB Delhi

भारतनेट परियोजना को देश भर में मांग के आधार पर सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) और जीपी से परे गांवों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जा रहा है।

उपयोगकर्ताओं के लिए गुणवत्ता वाले इंटरनेट को सुनिश्चित करने के लिए एक विश्वसनीय नेटवर्क प्रदान करने के लिए, 04.08.2023 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित संशोधित भारतनेट कार्यक्रम में अन्य बातों के साथ-साथ रिंग आर्किटेक्चर में मौजूदा भारतनेट नेटवर्क को अपग्रेड करने, भारतनेट उद्यमियों के माध्यम से नेटवर्क के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने, सेवा स्तर समझौते (एसएलए), समर्पित नेटवर्क संचालन केंद्र आदि के आधार पर पूरे नेटवर्क के संचालन और रखरखाव के लिए संशोधित भारतनेट कार्यक्रम के तहत बीएसएनएल को एकल परियोजना प्रबंधन एजेंसी (पीएमए) के रूप में नियुक्त करने के प्रावधान हैं।

भारतनेट के अंतर्गत प्रदान किए गए एफटीटीएच कनेक्शनों का राज्य-संघ राज्य क्षेत्रवार विवरण अनुलग्नक-I में संलग्न है।

भारत सरकार ने 17 जनवरी, 2025 को राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य डिजिटल संचार बुनियादी ढांचे के तेजी से विस्तार को बढ़ावा देना, डिजिटल विभाजन को पाटना और डिजिटल सशक्तिकरण और समावेशन को बढ़ावा देना, सभी के लिए हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड और सार्थक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने देश भर में 6 करोड़ ग्रामीण परिवारों (प्रति परिवार एक व्यक्ति) में डिजिटल साक्षरता सुनिश्चित करने/प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) शुरू किया। इस योजना को देश भर में ग्राम पंचायत स्तर पर मौजूद कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड द्वारा लागू किया गया था। 6 करोड़ के मुकाबले 6.39 करोड़ व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया। योजना के तहत प्रशिक्षण और प्रमाणन आधिकारिक तौर पर 31 मार्च, 2024 को संपन्न हुआ। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की उपलब्धि अनुलग्नक-II में दी गई है।

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने अपने 79वें दौर (जुलाई, 2022 से जून, 2023) में ‘व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वेक्षण’ (सीएएमएस) आयोजित किया। सर्वेक्षण के अनुसार, 15-24 वर्ष की आयु के व्यक्तियों में से लगभग 78.4 प्रतिशत ने ‘संदेश भेजने (जैसे, ई-मेल, संदेश सेवा, एसएमएस) को संलग्न फ़ाइलों (जैसे, दस्तावेज़, चित्र, वीडियो) के साथ’ के कौशल के निष्पादन की सूचना दी। इसके अलावा, लगभग 94.2 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों और लगभग 97.1 प्रतिशत शहरी परिवारों के पास टेलीफोन और/या मोबाइल फोन है। उक्त रिपोर्ट से, ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट-फोन के उपयोग, इंटरनेट की पहुंच और डिजिटल जुड़ाव में उल्लेखनीय वृद्धि को देखते हुए, योजना के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया गया।

पीएमजीदिशा (PMGDISHA) योजना का प्रभाव विश्लेषण तीन एजेंसियों अर्थात् आईआईटी दिल्ली, सामाजिक विकास परिषद (सीएसडी) और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) द्वारा किया गया था। मूल्यांकन रिपोर्ट का सार यह है कि पीएमजीदिशा अपने बड़े पैमाने और दूर से संचालित परीक्षाओं के उपयोग के कारण एक अनूठी योजना है। पीएमजीदिशा के तहत प्रदान किए गए प्रशिक्षण का सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और डिजिटल मीडिया के अन्य रूपों को अपनाने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इसने अपने प्रतिभागियों को विभिन्न उद्देश्यों के लिए सूचना और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला तक उनकी पहुँच को सक्षम करके लाभान्वित किया है, जिससे देश में समग्र डिजिटल विभाजन को कम करने में मदद मिली है।

सरकार ने 17 दिसंबर 2019 को राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (NBM) की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य डिजिटल संचार अवसंरचना के तेजी से विकास को सक्षम बनाना, डिजिटल सशक्तिकरण और समावेशन के लिए डिजिटल विभाजन को पाटना; और सभी के लिए ब्रॉडबैंड तक सस्ती और सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करना है। NBM राइट ऑफ़ वे (RoW) मुद्दों की प्रमुख अड़चन को दूर करता है, जिससे देश भर में दूरसंचार अवसंरचना की तेजी से तैनाती संभव हो पाती है। NBM के तहत प्रमुख पहल हैं:

  1. केंद्रीकृत राइट ऑफ वे (RoW) पोर्टल गतिशक्ति संचार।
  2. दूरसंचार राइट ऑफ वे नियम, 2024
  3. 'कॉल बिफोर यू डिग' (CBuD) मोबाइल ऐप

 

  • IV. पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (NMP) प्लेटफॉर्म

 

ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) 1.0 के लॉन्च के बाद से

    • ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या 66 करोड़ से बढ़कर 94.49 करोड़ हो गई।
    • प्रति व्यक्ति औसत मासिक वायरलेस डेटा खपत 10 जीबी से बढ़कर 21.10 जीबी हो गई।
    • औसत मोबाइल ब्रॉडबैंड डाउनलोड स्पीड में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो 2019 में 10.71 एमबीपीएस से बढ़कर फरवरी 2025 में 144.33 एमबीपीएस हो गई। इसी तरह, ओकला के स्पीडटेस्ट ग्लोबल इंडेक्स के अनुसार, औसत फिक्स्ड ब्रॉडबैंड डाउनलोड स्पीड 2019 में 29.25 एमबीपीएस से बढ़कर फरवरी 2025 में 61.66 एमबीपीएस हो गई।
    • ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) की लंबाई 19.35 लाख रूट किमी से बढ़कर 42.13 लाख रूट किमी हो गई।
    • मोबाइल टावर 5.37 लाख से बढ़कर 8.23 ​​लाख हो गए।
    • बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) 21.80 लाख से बढ़कर 29.97 लाख हो गए, जिनमें 4.69 लाख 5जी बीटीएस शामिल हैं।
    • 25 मार्च, 2025 तक, मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन और देश भर में ब्रॉडबैंड के प्रसार के लिए 206 राज्य ब्रॉडबैंड समिति (एसबीसी) की बैठकें आयोजित की गईं।
    • 5जी उपयोग मामलों के लिए क्षमता निर्माण सम्मेलन अधिकांश राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किए गए, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग 4.0 और सार्वजनिक सुरक्षा डोमेन जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

यह जानकारी आज इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में दी।

******

 

अनुलग्नक-I

भारतनेट के तहत प्रदान किए गए एफटीटीएच कनेक्शनों का राज्य-संघ राज्य क्षेत्रवार विवरण

क्र.सं.

राज्य

कुल एफटीटीएच कनेक्शन

1

अंडमान और द्वीप समूह

7741

2

आंध्र प्रदेश

50142

3

अरुणाचल प्रदेश

16

4

असम

5877

5

बिहार

42121

6

चंडीगढ़

300

7

छत्तीसगढ

12202

8

दादरा नगर हवेली

173

9

दमन और दीव

0

10

गुजरात

125864

11

हरियाणा

150256

12

हिमाचल प्रदेश

3650

13

जम्मू एवं कश्मीर

9789

14

झारखंड

25899

15

कर्नाटक

53530

16

केरल

199753

17

लक्षद्वीप

0

18

लेह (यूटी)

0

19

मध्य प्रदेश

57914

20

महाराष्ट्र

27328

21

मणिपुर

3957

22

मेघालय

102

23

मिजोरम

48

24

नगालैंड

136

25

ओडिशा

11832

26

पुदुचेरी

4105

27

पंजाब

230243

28

राजस्थान

52041

29

सिक्किम

46

30

तेलंगाना

22409

31

तमिलनाडु

102

32

त्रिपुरा

1408

33

उत्तर प्रदेश-ई

77698

34

उत्तर प्रदेश-पश्चिम

35

उत्तराखंड

21481

36

पश्चिम बंगाल

55834

 

कुल

12,53,997

स्रोत: दूरसंचार विभाग

 

अनुलग्नक-II

पीएमजीदिशा योजना के अंतर्गत राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार उपलब्धियां

क्रम संख्या

राज्य

पंजीकृत उम्मीदवार

प्रशिक्षित उम्मीदवार

1

अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह

5,564

2,931

2

आंध्र प्रदेश

23,01,731

19,17,452

3

अरुणाचल प्रदेश

14,949

11,615

4

असम

27,21,585

23,60,195

5

बिहार

82,40,606

74,12,740

6

छत्तीसगढ

24,86,455

21,37,064

7

दादर और नगर हवेली और दमन और दीव

20,522

18,029

8

गोवा

58,569

53,784

9

गुजरात

30,31,310

26,83,286

10

हरियाणा

18,57,815

15,77,109

11

हिमाचल प्रदेश

6,61,922

5,32,976

12

जम्मू और कश्मीर

8,70,451

7,06,991

13

झारखंड

27,52,731

22,86,356

14

कर्नाटक

29,64,726

24,40,957

15

केरल

1,77,165

1,18,132

16

लद्दाख

24,785

22,122

17

लक्षद्वीप

142

35

18

मध्य प्रदेश

56,92,467

50,69,449

19

महाराष्ट्र

61,23,970

53,23,817

20

मणिपुर

28,397

18,286

21

मेघालय

1,52,783

1,06,063

22

मिजोरम

30,317

23,125

23

नगालैंड

11,990

8,968

24

ओडिशा

36,16,441

30,86,143

25

पुदुचेरी

22,079

15,801

26

पंजाब

17,46,448

15,14,820

27

राजस्थान

45,06,184

39,70,690

28

सिक्किम

27,035

23,122

29

तमिलनाडु

17,04,537

14,07,880

30

तेलंगाना

14,56,226

12,10,448

31

त्रिपुरा

3,25,000

2,64,186

32

उतार प्रदेश

1,63,14,369

1,45,48,273

33

उत्तराखंड

7,85,978

6,73,306

34

पश्चिम बंगाल

28,36,714

23,95,565

कुल

7,35,71,963

6,39,41,716

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