पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
उत्तर पूर्वी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने संबंधी योजनाएं
Posted On:
26 MAR 2025 4:29PM by PIB Delhi
केन्द्र सरकार ने क्षेत्रीय अवसंरचना को बेहतर करने, रोजगार के अवसर पैदा करने और क्षेत्र में लचीलापन और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को सहायता प्रदान करने के लिए 9 मार्च, 2024 को ‘उन्नति’ नाम की एक नई योजना (उत्तर पूर्व परिवर्तनकारी औद्योगिकीकरण योजना) शुरू की थी। उन्नति योजना के तहत, औद्योगिक इकाइयों को निम्नलिखित प्रोत्साहन प्रदान किए जाते हैं:
i. पूंजी निवेश प्रोत्साहन (सीआईआई)
ii. पूंजी ब्याज अनुदान (सीआईएस)
iii. विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र से जुड़े प्रोत्साहन (एमएसएलआई)
उन्नति (यूएनएनएटीआई) योजना के तहत इस योजना का कुल बजट परिव्यय 10,037 करोड़ रुपये है। कुल बजट परिव्यय को दो भागों में विभाजित किया गया है - भाग ए और भाग बी। योजना का भाग ए, 9,737 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, पात्र नई औद्योगिक इकाइयों और पर्याप्त विस्तार से गुजरने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए है। योजना का भाग बी, 300 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, योजना के कार्यान्वयन और संस्थागत व्यवस्था के लिए है। भाग ए के योजना परिव्यय का 60 प्रतिशत उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) के सभी राज्यों के लिए निर्धारित है। जिलों को दो क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है: जोन ए (औद्योगिक रूप से उन्नत जिले) और जोन बी (औद्योगिक रूप से पिछड़े जिले) एनईआर जिला एसडीजी सूचकांक (2021-22) के आधार पर निर्धारित किए गए है। योजना में अब तक कुल 56 इकाइयों का पंजीकरण किया गया है
उपर्युक्त के अलावा, केन्द्र सरकार ने देश में नवाचार, स्टार्टअप को बढ़ावा देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम बनाने के इरादे से 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल भी शुरू की। उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए, 31 जनवरी 2025 तक उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा 2,109 संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई है ।
इसके अतिरिक्त, उत्तर पूर्वी क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और सूक्ष्म वित्त क्षेत्रों के लिए ऋण पहुंच की सुविधा के लिए, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) उत्तर पूर्वी विकास वित्त निगम लिमिटेड (एनईडीएफआई), जो कि एमडीओएनईआर के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है, को उत्तर पूर्व उद्यम विकास योजना (एनईईडीएस) के तहत 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में कुल 300 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ वार्षिक बजटीय आवंटन प्रदान करता रहा है।
स्टार्टअप इंडिया के तहत उत्तर पूर्वी राज्यों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा की गई पहलें इस प्रकार हैं:
- एएससीईएनडी स्टार्टअप कार्यशाला श्रृंखला और महिलाओं के लिए स्टार्टअप कार्यशालाएं: सरकार ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र के उद्यमियों, महत्वाकांक्षी उद्यमियों और छात्रों के लिए स्टार्टअप कार्यशालाओं की एक श्रृंखला-एएससीईएनडी (स्टार्टअप क्षमता और उद्यमशीलता को गति प्रदान करना) का आयोजन किया है।
- ज्ञान आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण कार्यशालाएं: डीपीआईआईटी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच अच्छी प्रथाओं के प्रसार और आपसी सीख के लिए ज्ञान आदान-प्रदान कार्यशालाओं का आयोजन किया।
- स्टार्टअप इंडिया यात्रा पहल: स्टार्टअप इंडिया ने राज्यों के ग्रामीण और गैर-मेट्रो क्षेत्रों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए 2017 में स्टार्टअप इंडिया यात्रा का शुभारंभ किया।
- विंग (डब्ल्यूआईएनजी): डीपीआईआईटी के कार्यक्रम विंग के एक भाग के रूप में - मौजूदा और महत्वाकांक्षी महिला उद्यमियों के लिए एक क्षमता विकास कार्यक्रम।
- जिला आउटरीच पहल: डीपीआईआईटी देश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक डीपीआईआईटी-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप स्थापित करने का प्रयास करके उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रहा है।
केन्द्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक प्रश्न के एक लिखित उत्तर में दी।
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