वस्‍त्र मंत्रालय
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संसद प्रश्न: वस्त्रों के निर्यात प्रदर्शन की निगरानी

Posted On: 26 MAR 2025 4:20PM by PIB Delhi

वस्त्र मंत्रालय वस्त्रों के निर्यात प्रदर्शन की निरंतर निगरानी कर रहा है तथा वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषदों और उद्योग संघों के परामर्श से उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपाय कर रहा है।

सरकार शून्य-रेटेड निर्यात के सिद्धांत को अपनाकर प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए परिधान/वस्त्र और मेड-अप के लिए राज्य और केंद्रीय करों और शुल्कों में छूट (आरओएससीटीएल) योजना लागू कर रही है। इसके अलावा आरओएससीटीएल योजना के अंतर्गत नहीं आये वस्त्र उत्पादों को अन्य उत्पादों के साथ निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट (आरओडीटीईपी) के अंतर्गत कवर किया जाता है। इसके अलावा सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों, क्रेता-विक्रेता बैठकों आदि के आयोजन और उनमें भाग लेने के लिए वाणिज्य विभाग द्वारा कार्यान्वित बाजार पहुंच पहल योजना के अंतर्गत विभिन्न निर्यात संवर्धन परिषदों और व्यापार निकायों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

विदेश व्यापार नीति 2023 के पैरा 2.55 के अनुसार

(i) निर्यात ऋण एजेंसियाँ (ईसीए) सरकार के लिए निर्यात को समर्थन देने के लिए नीतिगत साधन हैं। ईसीए बीमा, गारंटी और प्रत्यक्ष ऋण देकर निर्यात का समर्थन करती हैं। भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम लिमिटेड (ईसीजीसी) जैसी निर्यात ऋण एजेंसियाँ (ईसीए) निर्यात और निर्यात ऋण उधार के लिए ऋण बीमा सहायता प्रदान करती हैं।ईसीजीसी द्वारा निर्यातकों को जारी किए गए कवर, दिवालियापन या खरीदारों की चूक या राजनीतिक जोखिमों के कारण भुगतान विफलताओं से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करते हैं। ऐसे कवर के माध्यम से निर्यातक मौजूदा बाजारों की सुरक्षा के अलावा अपने बाजारों में विविधता ला सकते हैं। ईसीजीसी परियोजना निर्यात सहित मध्यम और दीर्घकालिक (एम एल टी) निर्यात का भी समर्थन करता है। एक्ज़िम बैंक एम एल टी निर्यात के लिए ऋण देने और सरकार की ऋण रेखा को आगे बढ़ाने के व्यवसाय में अन्य ईसीए है।

ii) ईसीजीसी निर्यात व्यापार में खरीदार के दिवालिया होने या भुगतान में चूक के कारण निर्यातकों के नुकसान की भरपाई करता है। इसके अतिरिक्त, युद्ध, अचानक आयात प्रतिबंध, शिपमेंट प्रभावित होने के बाद कानून या डिक्री की घोषणा जैसे राजनीतिक जोखिम के कारण होने वाले नुकसान भी कवर किए जाते हैं। शिपमेंट के बाद शुरू किए गए कुछ एंटी-डंपिंग उपाय या गैर-टैरिफ बाधाएं राजनीतिक जोखिम के दायरे में आएंगी। ऐसे मामलों में निर्यातक के हितों की रक्षा ईसीजीसी द्वारा की जाती है।

यह जानकारी कपड़ा राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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