जनजातीय कार्य मंत्रालय
प्रधानमंत्री जनमन के तहत आवासों की त्वरित स्वीकृति
सरकार प्रधानमंत्री गति शक्ति पोर्टल से प्रधानमंत्री आवास पोर्टल तक स्वीकृति तंत्र में बदलाव करके वास्तविक समय की निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित कर रही है
Posted On:
26 MAR 2025 4:36PM by PIB Delhi
विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह- पीवीटीजी परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना पीएम जनमन के तहत प्रमुख हस्तक्षेपों है जिसे ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। पीएम जनमन के कार्यान्वयन के लिए, जनजातीय मामलों के मंत्रालय (एमओटीए) ने राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के माध्यम से पीएम गति शक्ति मोबाइल एप्लिकेशन द्वारा आवास स्तर पर डेटा संग्रह अभ्यास शुरू किया है ताकि पीवीटीजी आबादी का अनुमान लगाया जा सके और आवास सहित बुनियादी ढांचे में अंतराल का भी पता लगाया जा सके। अभियान के मौजूदा दिशा-निर्देशों में यह प्रावधान है कि मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज किए गए अंतरालों को संबंधित मंत्रालयों और राज्य लाइन विभागों द्वारा क्रॉस-सत्यापित किया जाना है। तदनुसार, अभियान के तहत पीएमएवाई-जी घरों को कार्यक्रम के स्थापित मानदंडों के अनुसार ग्रामीण विकास मंत्रालय के आवास सॉफ्ट पोर्टल पर स्वीकृत किया जा रहा है। अनुमोदन के बाद, अंतराल के संबंध में मंजूरी की निगरानी के लिए डेटा को पीएम गति शक्ति पर अपडेट/एकीकृत किया जाता है। ग्रामीण विकास मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, पीएमएवाई-जी योजना का क्रियान्वयन और साक्ष्य आधारित निगरानी दोनों ही आवास सॉफ्ट और आवास ऐप की मदद से एंड टू एंड ट्रांजैक्शन आधारित ई-गवर्नेंस मॉडल के माध्यम से की जा रही है। लाभार्थियों की पहचान, मंजूरी, किस्तों को जारी करना, पूरा होने की रिपोर्टिंग आदि सभी कार्य आवास सॉफ्ट और मोबाइल एप्लीकेशन “आवास ऐप” का उपयोग करके किए जाते हैं। आवास सॉफ्ट पर उपलब्ध विभिन्न रिपोर्टों के माध्यम से भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी की जाती है और यह जनता के लिए भी उपलब्ध है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीएमएवाई-जी के अंतर्गत प्रशासन के विभिन्न स्तरों अर्थात ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया गया है। माननीय संसद सदस्यों, राज्य विधानसभा सदस्यों और आम जनता द्वारा सीधे या सीपीजीआरएएमएस के माध्यम से रिपोर्ट की गई अनियमितताओं के मामलों को आवश्यक कार्रवाई के लिए राज्य सरकार के समक्ष उठाया जाता है।
यह जानकारी जनजातीय मामलों के मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने आज राज्यसभा में एक अतारांकित प्रश्न (संख्या: 3019) के उत्तर में दी।
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एमजी/केसी/जेएस
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