| आयुष 
                         
                            आयुष मंत्रालय ने आयुष चिकित्सा प्रणालियों को एलोपैथिक प्रणाली के साथ एकीकृत करने की दिशा में कई पहलों की शुरूआत की
                         
                         
                            
                         
                         
                            Posted On:
                        25 MAR 2025 6:11PM by PIB Delhi
                         
                         
                            आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद सहित आयुष चिकित्सा प्रणालियों को एलोपैथिक प्रणाली के साथ एकीकृत करने की दिशा में कई पहल की हैं: 
	आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएंडएफडब्ल्यू) द्वारा स्थापित स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के तहत, आयुष वर्टिकल, आयुष-विशिष्ट सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की योजना, निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए एक समर्पित संस्थागत तंत्र के रूप में कार्य करता है। यह वर्टिकल सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वास्थ्य सेवा, आयुष शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए रणनीति विकसित करने में दोनों मंत्रालयों को तकनीकी सहायता प्रदान करता है।आयुष मंत्रालय और एमओएचएंडएफडब्ल्यू ने एकीकृत स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के लिए, केंद्र सरकार के अस्पतालों में संयुक्त रूप से एकीकृत आयुष विभाग स्थापित किए हैं। इस पहल के तहत, एकीकृत चिकित्सा विभाग की स्थापना की गई है और यह क्रमशः अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली और केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई), पंजाबी बाग, नई दिल्ली के माध्यम से वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल तथा लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली में संचालित हो रहा है। इन केंद्रों की स्थापना के लिए कोई अलग से धन आवंटित नहीं किया गया है।एकीकृत चिकित्सा के विभिन्न मॉडलों के मौजूदा ज्ञान और उनके प्रभाव तथा इसके व्यापक लाभों का अध्ययन करने और व्यापक एकीकृत स्वास्थ्य नीति की रूपरेखा प्रस्तावित करने के लिए, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल की अध्यक्षता में एक सलाहकार समिति गठित की गई थी। भारत सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और जिला अस्पतालों (डीएच) में आयुष सुविधाओं को एक साथ स्थापित करने की रणनीति अपनाई है, जिससे मरीजों को एक ही जगह पर विभिन्न चिकित्सा प्रणालियों के लिए विकल्प चुनने में मदद मिली है। आयुष डॉक्टरों/चिकित्सा सहायकों की नियुक्ति और उनके प्रशिक्षण को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समर्थित किया जाता है, जबकि आयुष के बुनियादी ढांचे, उपकरण/फर्नीचर और दवाओं के लिए मदद, राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के तहत आयुष मंत्रालय द्वारा साझा जिम्मेदारियों के रूप में प्रदान की जाती है।केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने ऑस्टियोआर्थराइटिस (घुटने) के प्रबंधन के लिए एक तृतीयक देखभाल अस्पताल (सफदरजंग अस्पताल नई दिल्ली) में आयुर्वेद को आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के साथ एकीकृत करने की व्यवहार्यता का पता लगाने, हिमाचल प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (पीएचसी) स्तर पर राष्ट्रीय प्रजनन और बाल स्वास्थ्य सेवाओं में, भारतीय चिकित्सा प्रणाली (आयुर्वेद) को शुरू करने की व्यवहार्यता और कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) में आयुष प्रणालियों का एकीकरण और महाराष्ट्र के चयनित जिले (गढ़चिरौली) के पीएचसी में प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) में आयुर्वेद हस्तक्षेप शुरू करने की व्यवहार्यता (प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्तर पर प्रसवपूर्व देखभाल (गर्भिणी परिचर्या) के लिए आयुर्वेदिक हस्तक्षेप की प्रभावशीलता: एक बहु केंद्र परिचालन अध्ययन) के लिए परिचालन अध्ययन किए हैं। पिछले पांच सालों में परिषद द्वारा संचालित सहयोगात्मक परियोजनाओं का विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है।  इसके अलावा, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और सीसीआरएएस ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आयुष-आईसीएमआर उन्नत एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान केंद्र (एआई-एसीआईएचआर) स्थापित करने की पहल की है, ताकि आईसीएमआर की एक्स्ट्रा म्यूरल रिसर्च स्कीम के तहत, एकीकृत स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित करते हुए पहचाने गए क्षेत्रों पर शोध किया जा सके। इस कार्यक्रम के तहत, चार एम्स में चार शोध क्षेत्रों की पहचान की गई है, जो इस प्रकार हैं: 
	एम्स दिल्ली: 
	गैस्ट्रो-आंत्र विकारों में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए उन्नत केंद्रमहिला एवं बाल स्वास्थ्य में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए उन्नत केंद्र 
	एम्स जोधपुर: वृद्धावस्था स्वास्थ्य में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए उन्नत केंद्रएम्स नागपुर: कैंसर देखभाल में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए उन्नत केंद्रएम्स ऋषिकेश: वृद्धावस्था स्वास्थ्य में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए उन्नत केंद्र।   
	 अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली में, एकीकृत चिकित्सा सेवाएँ, एकीकृत कैंसर थेरेपी केंद्र, एकीकृत दंत चिकित्सा केंद्र, एकीकृत क्रिटिकल केयर और आपातकालीन चिकित्सा केंद्र, एकीकृत आर्थोपेडिक्स केंद्र, एकीकृत आहार विज्ञान और पोषण केंद्र और कैजुएलटी ओपीडी अनुभाग में उपलब्ध हैं। एकीकृत सेवाएँ, नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में एकीकृत चिकित्सा सेवा इकाई, एम्स झज्जर में एकीकृत चिकित्सा सेवा इकाई और राष्ट्रीय कैंसर संस्थान - एम्स, झज्जर में एकीकृत ऑन्कोलॉजी केंद्र में स्थापित सैटेलाइट क्लिनिकल सेवा इकाइयों के ज़रिए भी प्रदान की जाती हैं। 
	vii. आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए), एकीकृत अनुसंधान करता है और परामर्श के लिए एलोपैथिक डॉक्टर भी रखता है।  
	आयुष मंत्रालय 2021-22 से केंद्रीय क्षेत्र की योजना आयुर्स्वास्थ्य योजना को लागू कर रहा है। इस योजना के 02 घटक हैं। (i) आयुष और सार्वजनिक स्वास्थ्य (पीएचआई) घटक और (ii) उत्कृष्टता केंद्र के लिए सुविधाओं का उन्नयन। उत्कृष्टता केंद्र के तहत, अच्छी तरह से स्थापित उन इमारतों और बुनियादी ढांचे के साथ प्रतिष्ठित संगठनों के रचनात्मक और नए प्रस्तावों को मदद करने के लिए, वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो उत्कृष्टता केंद्र के स्तर पर आयुष प्रणालियों के लिए काम करना चाहते हैं। आयुर्वेद के ज्ञान को आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ एकीकृत करने के लिए, अनुसंधान और विकास हेतु गतिविधि-आधारित/शोध-आधारित उत्कृष्टता केंद्र के तहत, आयुर्स्वास्थ्य योजना के उत्कृष्टता केंद्र घटक के तहत, राष्ट्रीय ख्याति के नौ संगठनों को वित्त पोषित किया गया है। संगठनों का विवरण अनुलग्नक II में दिया गया है। अनुलग्नक I पिछले पांच वर्षों 2020-21 से 2024-25 तक की सहयोगी परियोजनाओं की सूची 
	पूरी हो चुकी परियोजनाएँ 
	
		
			| क्रमांक | परियोजना का नाम | सहयोगी संस्थानों का नाम |  
			| 1. | डेंगू बुखार के प्रबंधन और इसकी जटिलताओं की रोकथाम में एक आयुर्वेद कोडित फॉर्मूलेशन की अतिरिक्त प्रभावकारिता और सुरक्षा का मूल्यांकन - एक डबल ब्लाइंड क्लिनिकल अध्ययन | राष्ट्रीय पारंपरिक चिकित्सा संस्थान, बेलगावी,  केएलई विश्वविद्यालय का एकीकृत चिकित्सा विभाग, कोलार |  
			| 2. | प्री-डायबिटिक विषयों में ग्लाइसेमिक नियंत्रण पर आयुर्वेदिक कोडित दवा 'आयुष-डी' का एक रेंडमाइज़्ड प्लेसबो नियंत्रित भावी चरण II नैदानिक अध्ययन | केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु एम्स, नई दिल्ली आरआरए पोद्दार मेडिकल कॉलेज, मुंबई केएलईयू  का श्री बीएमके आयुर्वेद महाविद्यालय, बेलगावी |  
			| 3. | मेटफॉर्मिन की अतिरिक्त थेरेपी के रूप में टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस के इलाज में आयुर्वेदिक कोडित दवा ‘आयुष-डी’ का एक रेंडमाइज़्ड प्लेसबो नियंत्रित चरण II नैदानिक अध्ययन | केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु एम्स, नई दिल्ली आरआरए पोद्दार मेडिकल कॉलेज, मुंबई राजीव गांधी पीजी गवर्नमेंट आयुर्वेद कॉलेज, पपरोला |  
			| 4. | बड़े पैमाने पर दवा प्रशासन प्राप्त करने वाले रोगियों में क्रोनिक फाइलेरियल लिम्फोएडेमा में आयुष-एसएल के नैदानिक मूल्यांकन पर बहु-केंद्रित सहयोगात्मक डबल ब्लाइंड अध्ययन। बड़े पैमाने पर दवा प्रशासन प्राप्त करने वाले रोगियों में क्रोनिक फाइलेरियल लिम्फोएडेमा में आयुष-एसएल के नैदानिक मूल्यांकन पर बहु-केंद्रित सहयोगात्मक डबल ब्लाइंड अध्ययन। | सीएआरआई, कोलकाता के सहयोग से कलकत्ता स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन (सीएसटीएम)  केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, भुवनेश्वर क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, विजयवाड़ा |  
			| 5. | महाराष्ट्र के चयनित जिले (गढ़चिरौली) के पीएचसी में प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) में आयुर्वेद उपाय शुरू करने की व्यवहार्यता  | महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र |    
	
		
			|   | (प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्तर पर प्रसवपूर्व देखभाल (गर्भिनी परिचर्या) के लिए आयुर्वेदिक हस्तक्षेप की प्रभावशीलता: एक बहु केंद्र परिचालन अध्ययन) |   |  
			| 6. | वैकल्पिक वयस्क कार्डियोथोरेसिक सर्जरी के बाद नैदानिक रिकवरी और पोस्ट-ऑपरेटिव नतीजों पर आयुष सीसीटी और राजयोग ध्यान बनाम पारंपरिक उपचार की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए रेंडमाइज़्ड नियंत्रण अध्ययन  | एम्स, नई दिल्ली |  
			| 7. | अपर्याप्त स्तनपान (स्तन्यल्पता) वाली विशेष रूप से स्तनपान कराने वाली माताओं में “आयुष-एसएस ग्रैन्यूल्स” की प्रभावकारिता का नैदानिक मूल्यांकन - एक रेंडमाइज़्ड डबल ब्लाइंड प्लेसीबो नियंत्रण परीक्षण” | वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरगंज अस्पताल, नई दिल्ली  |  
			| 8. | असृगदरा (असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव) के प्रबंधन में कोडित आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन आयुष एलएनडी का तुलनात्मक नैदानिक अध्ययन | क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, नागपुर सरकारी मेडिकल कॉलेज, नागपुर |  
			| 9. | रेडिकुलोपैथी के साथ लम्बर डिस्क हर्नियेशन में मर्म चिकित्सा की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए एक रेंडमाइज़्ड नियंत्रित परीक्षण। | उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून |  
			| 10. | तीव्र पर्वतीय बीमारी की रोकथाम और गंभीरता में कमी लाने में आयुर्वेद पोषण संबंधी पूरक और योग प्रोटोकॉल की प्रभावकारिता: एक ओपन-लेबल रेंडमाइज़्ड नियंत्रित अध्ययन | भारतीय सेना की उत्तरी कमान के एएफएमएस के अंतर्गत निमू/लेह में 2118 फील्ड अस्पताल |  
			| 11. | स्वस्थ व्यक्तियों में नाक की बाधा को लेकर नाक के अंदर तेल टपकाने (प्रतिमर्ष नास्य) के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक पायलट अध्ययन | डॉ. डी वाई पाटिल विद्यापीठ, पुणे  |  
			| 12. | चरण-I प्राथमिक उच्च रक्तचाप के प्रबंधन में आयुर्वेदिक हस्तक्षेप (सर्पगंधा मिश्रण) बनाम एम्लोडिपिन पर संभावित डबल ब्लाइंड रेंडमाइज़्ड नियंत्रित नैदानिक अध्ययन | एम्स दिल्ली  |  
			| 13. | ब्रोन्कियल अस्थमा (तमक श्वास) के प्रबंधन में आयुर्वेदिक कोडित औषधि आयुष-ए पर रेंडमाइज़्ड डबल ब्लाइंड प्लेसबो नियंत्रित नैदानिक अध्ययन | एम्स दिल्ली  |  
			| 14. | स्वस्थ वयस्कों में विरेचन चिकित्सा द्वारा प्रेरित शारीरिक आधार और आंत बैक्टीरिया मॉड्यूलेशन का अध्ययन: एक संभावित अनुदैर्ध्य अध्ययन। | यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान, दिल्ली |  
			| 15. | डीजीएएफएमएस अस्पतालों की आयुर्वेद स्वास्थ्य सुविधाओं में आने वाले रोगियों की | महानिदेशालय सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा- सुविधाएं |    
	
		
			|   | रुग्णता और स्वास्थ्य सेवा चाहने का व्यवहार: एक बहुकेंद्रीय क्रॉस-सेक्शनल सर्वेक्षण अध्ययन |   |  
			| 16. | दिखने में स्वस्थ व्यक्तियों में एफ-एमआरआई के ज़रिए मोटर, संवेदी, स्मृति और संज्ञानात्मक मापदंडों पर मार्श नास्य कर्म के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक रेंडमाइज़्ड नियंत्रित अध्ययन। | अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कोचीन, केरल |  
			| 17. | हल्के से मध्यम गैर-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) के विषयों में आयुष-जीएमएच का मूल्यांकन - एक डबल ब्लाइंड रैंडमाइज्ड कंट्रोल क्लिनिकल अध्ययन | केएलई का डॉ. प्रभाकर कोरे अस्पताल एवं चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, बेलगावी  आईसीएमआर - राष्ट्रीय पारंपरिक चिकित्सा संस्थान, बेलगावी |  
			| 18. | जन्नु संधिगतवात (प्राथमिक घुटना - ऑस्टियोआर्थराइटिस) में बहुविध आयुर्वेद हस्तक्षेप की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए एक रैंडमाइज्ड परीक्षण | एम्स दिल्ली |  
			| 19. | एलर्जिक राइनाइटिस में आयुर्वेदिक प्रबंधन का नैदानिक मूल्यांकन - एक रैंडमाइज्ड नियंत्रित परीक्षण | वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरगंज अस्पताल, नई दिल्ली  |    
	जारी परियोजनाएं   
	
		
			| क्रमांक | परियोजना का नाम | सहयोगी संस्थानों का नाम |  
			| 1. | प्रथम सीरोलॉजिकल रिलैप्स सहयोगी परियोजना में उच्च ग्रेड सीरस एपिथीलियल ओवेरियन कैंसर में कार्कटोल-एस की प्रभावकारिता, विषाक्तता और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव का अध्ययन करने के लिए चरण II परीक्षण। | टाटा मेमोरियल अस्पताल एसीटीआईईसी मुंबई और केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, मुंबई |  
			| 2. | एटीटी पर तपेदिक के रोगियों में एक अतिरिक्त चिकित्सा के रूप में पीटीके की हेपेटोप्रोटेक्टिव गतिविधि का मूल्यांकन - एक डबल ब्लाइंड रेंडमाइज़्ड नियंत्रण नैदानिक अध्ययन | केएलई का डॉ. प्रभाकर कोरे हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर, बेलगावी |  
			| 3. | पारंपरिक उपचार के अतिरिक्त आयुर्वेदिक इलाज की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करना तथा बाल चिकित्सा एडीएचडी (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएसिडिटी डिसऑर्डर) में एपिजेनेटिक्स, न्यूरो/गट बायोमार्कर और न्यूरोइमेजिंग की परस्पर क्रिया का पता लगाना। | राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु |  
			| 4. | माइग्रेन के इलाज में आयुष एम-3 का डबल ब्लाइंड रैंडमाइज्ड प्लेसबो नियंत्रित मल्टीसेंट्रिक क्लिनिकल परीक्षण। | राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु |  
			| 5. | आयुर्वेद चिकित्सीय व्यवस्था पार्किंसंस रोग के अनुकूलित पारंपरिक प्रबंधन के लिए ऐड-ऑन के रूप में: | राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु |    
	
		
			|   | नैदानिक कॉर्टिकल उत्तेजना न्यूरोइम्यून और स्वायत्त कार्य मापदंडों के आकलन के लिए एक आरसीटी |   |  
			| 6. | डिस्लिपिडेमिया में मानक देखभाल के अलावा आयुर्वेद फॉर्मूलेशन त्रिकटु की प्रभावकारिता और सुरक्षा - एक रेंडमाइज़्ड नियंत्रित परीक्षण | एम्स भुवनेश्वर  |  
			| 7. | अस्पष्ट और एनोवुलेटरी महिला बांझपन के इलाज में एलोपैथिक उपचार (लेट्रोजोल) की तुलना में आयुर्वेद उपचार (हल्का विरेचन और आंतरिक तेल) तथा योग मॉड्यूल की प्रभावकारिता: एक आरसीटी | आईआईटी, मंडी |  
			| 8. | क्षीरबाला तेल के साथ सामयिक तेल पूलिंग (कर्णपुराण) और प्रेस्बीक्यूसिस में अश्वगंधा चूर्ण (टॉपमैक) का अनुपूरण - एक खोजपूर्ण रेंडमाइज़्ड नियंत्रित परीक्षण | संचारी और संज्ञानात्मक तंत्रिका विज्ञान संस्थान (आईसीसीओएनएस), शोरनुर, केरल |  
			| 9. | सिकल सेल रोग के इलाज में हाइड्रोक्सीयूरिया के सहायक के रूप में आयुर्वेदिक उपचार की प्रभावकारिता और सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए संभावित, रेंडमाइज़्ड, ओपन-लेबल, ब्लाइंडेड एंड पॉइंट अन्वेषणात्मक नैदानिक अध्ययन | एम्स भोपाल |  
			| 10. | सामान्यीकृत चिंता विकार (जीएडी) में आयुष एसआर के उपचार अनुपालन और सहनशीलता का आकलन करने के लिए एक बहु-केंद्र अध्ययन | श्री बी.एम. कंकनवाड़ी आयुर्वेद महाविद्यालय, बेलगावी; वैद्यरत्नम पीएस वेरियर आयुर्वेद कॉलेज, कोटक्कल; श्री श्री कॉलेज ऑफ आयुर्वेदिक साइंस एंड रिसर्च, बेंगलुरु; आदिचुंचनगिरी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु |  
			| 11. | महाराष्ट्र में पारंपरिक आहार खाद्य पदार्थों का सेवन करने वाली स्तनपान कराने वाली महिलाओं में अस्थि खनिज घनत्व के उत्क्रमण में मुक्त शुक्ति भस्म और सौभाग्य शुन्ति का प्रभाव: एक रेंडमाइज़्ड नियंत्रित प्रारंभिक नैदानिक अध्ययन | आईसीएमआर-राष्ट्रीय प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान, मुंबई |  
			| 12. | स्थिर कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) में मानक देखभाल के अतिरिक्त आयुर्वेद हस्तक्षेपों (हृदयरनव रस और हरित्यक्यादि योग) की प्रभावकारिता का मूल्यांकन ग्लोबल लॉन्गीट्यूडिनल स्ट्रेन इमेजिंग तकनीक (जीएलएसआईटी) के माध्यम से किया गया - एक रेंडमाइज़्ड नियंत्रित परीक्षण। | आयुर्वेदिक हृदय पुनर्वास केंद्र, माधवबाग, पुणे |  
			| 13. | स्थिर कोरोनरी धमनी रोग के इलाज में आयुर्वेदिक मदद (पुष्कर गुग्गुलु और हरीतकी चूर्ण) पर संभावित डबल ब्लाइंड रेंडमाइज़्ड नियंत्रित नैदानिक अध्ययन। | सफदरगंज अस्पताल, नई दिल्ली |    
	
		
			| 14. | मध्यम रूप से कुपोषित बच्चों में स्वर्णप्राशन के प्रतिरक्षा-नियंत्रण प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए एक रेंडमाइज़्ड डबल ब्लाइंड प्लेसबो नियंत्रण नैदानिक अध्ययन। | संजीव गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ |  
			| 15. | उच्च रक्तचाप से प्रेरित बाएं वेंट्रिकुलर हाइपरट्राफी में अंशुमति क्षीर पका का रेंडमाइज़्ड नियंत्रित परीक्षण | सफदरगंज अस्पताल, नई दिल्ली |  
			| 16. | मिशन उत्कर्ष के अंतर्गत पांच जिलों में आयुर्वेद उपायों के ज़रिए किशोरियों में एनीमिया नियंत्रण | अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली;  राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर,  पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन इंडिया का आईआईपीएच- दिल्ली |  
			| 17. | हरियाणा के बल्लभगढ़ जिले में बुजुर्ग आबादी के बीच जीवन की गुणवत्ता पर आयुर्वेद आहार के 1 उत्तरदाता प्रतिबंधित अध्ययन की एक खोजपूर्ण श्रृंखला - एक समुदाय आधारित अध्ययन। | एम्स बल्लभगढ़ |    अनुलग्नक II   आयुर्वेद के ज्ञान को आधुनिक चिकित्सा प्रणाली आयुर्स्वास्थ्य योजना के साथ एकीकृत करने के लिए आयुर्वेद स्वास्थ्य योजना के उत्कृष्टता केंद्र के घटक के तहत वित्त पोषित राष्ट्रीय ख्याति के नौ संगठन:   
	
		
			| क्रमांक | संस्था का नाम | राज्य | परियोजना का नाम | जारी की गई धनराशि  ( करोड़ में) |  
			| 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 |  
			| 1. | टाटा मेमोरियल सेंटर, (टीएमसी), मुंबई   | महाराष्ट्र | कैंसर देखभाल के लिए आयुष चिकित्सा की खोज और विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र | - | 2.00 | 1.62 |  
			| 2. | केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई), लखनऊ | उत्तर प्रदेश | केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान में आयुर्वेद में मौलिक और ट्रांसलेशन अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र | - | 2.00 | 1.99 |  
			| 3. | जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) नई दिल्ली | दिल्ली | आयुर्वेद और सिस्टम मेडिसिन पर कार्यात्मक-आधारित सीओई  | - | 1.01 | 2.44 |  
			| 4. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली | दिल्ली | उन्नत तकनीकी समाधान, स्टार्टअप सहायता और रसौषधियों के लिए शुद्ध शून्य टिकाऊ समाधान के लिए सतत् आयुष में उत्कृष्टता केंद्र | - | 2.00 | 1.14 |  
			| 5. | भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु | कर्नाटक | मधुमेह और चयापचय संबंधी विकारों में उत्कृष्टता केंद्र | - | 2.00 | 1.82 |  
			| 6. | एकीकृत चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र (सीआईएमआर), एम्स नई दिल्ली | दिल्ली | योग और आयुर्वेद के लिए उत्कृष्टता केंद्र | 2.05 | 2.04 | - |    
	
		
			|   |   |   |  |   |   |   |   |  
			| 7. | राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस), बैंगलोर | कर्नाटक | आयुष अनुसंधान में उत्कृष्टता केंद्र | 0.85 | 0.37 | - |   |  
			| 8. | यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) | दिल्ली | भारतीय खाद्य पदार्थों और आयुर्वेदिक दवाओं का स्वास्थ्य और बीमारियों पर प्रभाव | 2.61 | - | - |   |  
			| 9. | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, (आईआईटी) जोधपुर | राजस्थान | एकीकृत परिशुद्धता स्वास्थ्य और चिकित्सा के लिए आयुर्टेक में उत्कृष्टता केंद्र | - | 4.00 | - |   |  
			| कुल | 5.51 | 15.42 | 9.01 |  
			|  |  |  |  |  |  |  |  |  |  |  |  यह जानकारी केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी। ****** एमजी/आरपीएम/केसी/एनएस   
                         
                         
                            (Release ID: 2115119)
                         
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