रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
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यूरिया क्षेत्र में नए निवेश को बढ़ावा देने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नई निवेश नीति (एनआईपी)


एनआईपी-2012 के तहत कुल 6 नई यूरिया इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनमें नामित सार्वजनिक उपक्रमों की संयुक्त उद्यम कंपनियों (जेवीसी) के माध्यम से स्थापित 4 यूरिया इकाइयां और निजी कंपनियों द्वारा स्थापित 2 यूरिया इकाइयां शामिल हैं

Posted On: 25 MAR 2025 7:01PM by PIB Delhi

सरकार ने यूरिया क्षेत्र में ताजा निवेश को सुविधाजनक बनाने और भारत को यूरिया क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 2 जनवरी 2013 को नई निवेश नीति (एनआईपी) - 2012 की घोषणा की थी और 7 अक्टूबर 2014 को इसमें संशोधन किया गया था। एनआईपी-2012 के अंतर्गत कुल 6 नई यूरिया इकाईयां स्थापित की गई हैं, जिनमें नामित सार्वजनिक उपक्रमों की संयुक्त उद्यम कंपनियों (जेवीसी) के माध्यम से स्थापित 4 यूरिया इकाईयां और निजी कंपनियों द्वारा स्थापित 2 यूरिया इकाईयां शामिल हैं। जेवीसी के माध्यम से स्थापित इकाइयां तेलंगाना में रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) की रामागुंडम यूरिया इकाई और उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में क्रमशः हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की 3 यूरिया इकाइयां गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी हैं। और राजस्थान में चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (सीएफसीएल) की गड़ेपान-III यूरिया इकाई। इनमें से प्रत्येक इकाई की स्थापित क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एलएमटीपीए) है। ये इकाइयां अत्यधिक ऊर्जा कुशल हैं क्योंकि ये नवीनतम तकनीक पर आधारित हैं। इसलिए, इन इकाइयों ने मिलकर 76.2 एलएमटीपीए यूरिया उत्पादन जोड़ा है, जिससे कुल उत्पादन यूरिया उत्पादन क्षमता (आरएसी) 2014-15 के दौरान 207.54 एलएमटीपीए से बढ़कर 2023-24 में 283.74 एलएमटीपीए हो गई है।

सरकार ने फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों के लिए 01.04.2010 से पोषक तत्व आधारित सब्सिडी नीति लागू की है। नीति के तहत, वार्षिक/अर्ध-वार्षिक आधार पर तय की गई सब्सिडी की एक निश्चित राशि, अधिसूचित पीएंडके उर्वरकों पर उनकी पोषक तत्व सामग्री के आधार पर प्रदान की जाती है। पीएंडके क्षेत्र को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया है, उर्वरक कंपनियों को उचित स्तर पर एमआरपी तय करने की अनुमति है। उर्वरक कंपनियां उर्वरकों का निर्माण/आयात करती हैं और बाजार की गतिशीलता के अनुसार निवेश करती हैं।

सरकार ने फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों के लिए 01.04.2010 से पोषक तत्व आधारित सब्सिडी नीति लागू की है। नीति के तहत, वार्षिक/अर्ध-वार्षिक आधार पर तय की गई सब्सिडी की एक निश्चित राशि, अधिसूचित पीएंडके उर्वरकों पर उनके पोषक तत्व के आधार पर प्रदान की जाती है। पीएंडके क्षेत्र को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया है, उर्वरक कंपनियों को उचित स्तर पर एमआरपी तय करने की अनुमति है। उर्वरक कंपनियां उर्वरकों का निर्माण/आयात करती हैं और बाजार की गतिशीलता के अनुसार निवेश करती हैं। यह जानकारी आज केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

यह जानकारी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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