इस्‍पात मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

पीएलआई 1.1 योजना भारत के विशेष इस्पात क्षेत्र को बढ़ावा देगी


सरकार ने घरेलू इस्पात विनिर्माण को मजबूत करने के लिए पीएलआई योजना का विस्तार किया

पीएलआई 1.1 में दूसरे दौर में ₹17,000 करोड़ के निवेश का संकल्प

पीएलआई योजना 1.1 के तहत 42 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे इस्पात में भारत की आत्मनिर्भरता मजबूत होगी

Posted On: 24 MAR 2025 7:30PM by PIB Delhi

इस्पात मंत्रालय ने आज विशेष इस्पात के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना 1.1 के तहत समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। सभा को संबोधित करते हुए, केंद्रीय इस्पात मंत्री एच.डी. ने जोर देकर कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के "मेक इन इंडिया" दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने कहा, "पीएलआई योजना माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भरता के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। भारत इस्पात का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है, फिर भी हम अभी भी कुछ उच्च श्रेणी की किस्मों का आयात करते हैं। इस योजना का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर उस अंतर को पाटना है।"

जुलाई 2021 में शुरू की गई, विशेष स्टील के लिए पीएलआई योजना पाँच व्यापक श्रेणियों और 19 उप-श्रेणियों को कवर करती है। यह पहल सुनिश्चित करती है कि केवल भारत में पंजीकृत और स्टील उत्पादन के संपूर्ण चक्र में लगी कंपनियां ही प्रोत्साहन के लिए पात्र होंगी। इस योजना ने उद्योग से मजबूत भागीदारी हासिल की है, जिसके चलते सरकार ने दूसरा चरण शुरू किया, ताकि अधिक कंपनियां लाभ उठा सकें।

निवेश को प्रोत्साहित करने और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार निवेश और उत्पादन लक्ष्यों के आधार पर 3-4% तक प्रोत्साहन दे रही है। पहले चरण में 23 कंपनियों ने 44 आवेदन प्रस्तुत किए थे, जिसमें से एक परियोजना के लिए पहले ही प्रोत्साहन वितरित किया जा चुका है। दूसरे चरण में और भी अधिक उत्साह देखा गया, जिसमें 25 कंपनियों ने 42 आवेदन प्रस्तुत किए और 17,000 करोड़ का निवेश करने का संकल्प लिया।

पीएलआई 1.1 के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए इस्पात मंत्रालय के अधिकारियों और मेकॉन टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, मंत्रालय के अधिकारियों और मेकॉन टीम द्वारा दिखाए गए समर्पण और दक्षता ने इस योजना को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने में उनके प्रयास महत्वपूर्ण हैं। मंत्री कुमारस्वामी ने घरेलू इस्पात निर्माताओं से भी अपील की और उनसे विशेष इस्पात उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, हम विशेष इस्पात का उत्पादन देश में नहीं कर रहे हैं, लेकिन मैं व्यक्तिगत रूप से हमारे इस्पात निर्माताओं से अनुरोध करता हूं कि वे विशेष इस्पात संयंत्रों में निवेश करें। यदि आप विशेष इस्पात का घरेलू उत्पादन करने में सफल होते हैं, तो इससे देश में क्षमता और उत्पादन बढ़ेगा।  मैं सभी हितधारकों से इस चुनौती को स्वीकार करने और हमारी आत्मनिर्भरता में योगदान देने का आग्रह करता हूं।

योजना के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कुमारस्वामी ने इस्पात उद्योग को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, भारत सरकार इस्पात क्षेत्र का समर्थन करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। पीएलआई योजना ने मजबूत गति पैदा की है और हमें आत्मनिर्भरता के करीब ला रही है। इस योजना के विस्तार से विशेष इस्पात उत्पादन में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में और वृद्धि होने की उम्मीद है। मंत्री ने इस परिवर्तनकारी पहल को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया और पीएलआई 1.1 के तहत समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने वाली सभी कंपनियों को बधाई दी।

जैसे-जैसे पीएलआई योजना रफ्तार पकड़ रही है, उद्योग जगत के दिग्गज इसे आयात पर निर्भरता कम करने और भारत को उच्च गुणवत्ता वाले इस्पात उत्पादन के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के उत्प्रेरक के रूप में देख रहे हैं। इस कार्यक्रम में इस्पात सचिव श्री संदीप पौंड्रिक, इस्पात मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अभिजीत नरेंद्र,मेकॉन के प्रबंध निदेशक श्री एसके वर्मा और इस्पात मंत्रालय के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

*****

एमजी/आरपीएम/केसी/केजे

 


(Release ID: 2114600) Visitor Counter : 225


Read this release in: English , Urdu