ग्रामीण विकास मंत्रालय
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दीनदयाल अंत्योदय योजना के अंतर्गत प्राप्त लक्ष्य – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन

Posted On: 18 MAR 2025 2:57PM by PIB Delhi

मंत्रालय पूरे देश में (दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर) दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई - एनआरएलएम) को लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण गरीब महिला परिवारों को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में संगठित करना और उन्हें तब तक लगातार पोषित और सहायता प्रदान करना है, जब तक कि समय के साथ उनकी आय में सराहनीय वृद्धि न हो जाए, उनके जीवन स्तर में सुधार न हो जाए और वे भयानक गरीबी से बाहर न आ जाएं।

मिशन को 28 फरवरी 2025 तक, 28 राज्यों और 6 केन्द्र शासित प्रदेशों के 745 जिलों के 7144 ब्लॉकों में लागू किया जा रहा है। कुल मिलाकर, 10.05 करोड़ ग्रामीण महिला परिवारों को 90.90 लाख से अधिक एसएचजी में संगठित किया गया है। एसएचजी और उनके महासंघों को कुल 51368.39 करोड़ रुपये की पूंजी सहायता (रिवॉल्विंग फंड और सामुदायिक निवेश निधि) प्रदान की गई है। वित्त वर्ष 2013-14 से, डीएवाई-एनआरएलएम के तहत महिला एसएचजी द्वारा 10.20 लाख करोड़ रुपये का बैंक ऋण प्राप्त किया गया है।

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार लक्ष्य और उपलब्धियां नीचे दी गई हैं।

ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत डीएवाई-एनआरएलएम योजना ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों के लिए मार्केटिंग सहयोग को मजबूत करने के लिए अनेक उपाय किए हैं। इसमें शहरी बाजारों में एसएचजी उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आयोजित किए जा रहे सरस मेले शामिल हैं। मंत्रालय ने सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) के सहयोग से एसएचजी उत्पादों के विपणन के लिए जीईएम में स्टोर फ्रंट के रूप में “सरस संग्रह” बनाया है। साथ ही, कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों सहित स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) उत्पादकों को एसएचजी उत्पादों की मार्केटिंग के लिए फ्लिपकार्ट समर्थ कार्यक्रम, अमेज़न सहेली पहल और मीशो के माध्यम से राष्ट्रीय बाजारों तक पहुँच प्रदान करने के लिए मंत्रालय और फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड, अमेज़न और फैशनियर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (मीशो) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। मंत्रालय ने स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (www.esaras.in) भी शुरू किया है। इसके अलावा, ईसरस ओएनडीसी पर विक्रेता नेटवर्क भागीदार के रूप में भी सक्रिय है। महिला स्वयं सहायता समूहों के चुनिंदा उत्पाद अब ओएनडीसी नेटवर्क के 11 ऐप पर उपलब्ध हैं, जैसे कि पेटीएम, माईस्टोर, क्राफ्ट्सविला, जागरण, स्नैपडील, नोवोपे, ईजीपे, गोन्यूक्लि, रूबरू, मैपल्स, हिमिरा आदि।

अनुलग्नक

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए डीएवाई-एनआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूहों को प्रदान की गई पूंजीकरण सहायता की राज्यवार लक्ष्य और उपलब्धि (लाखों रुपये में)

क्र. संख्या

राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश

लक्ष्य

उपलब्धि

(28.02.25 को)

1

असम

7,174

14,181

2

नागालैंड

1,667

2,971

3

उत्तराखंड

3,667

6,291

4

पश्चिम बंगाल

52,000

81,404

5

दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली

150

223

6

हिमाचल प्रदेश

1,528

1,986

7

त्रिपुरा

7,081

9,125

8

छत्तीसगढ़

15,899

19,977

9

ओडिसा

20,395

25,614

10

बिहार

96,389

1,05,132

11

उत्तर प्रदेश

1,14,137

1,23,326

12

लद्दाख

247

263

13

जम्मू और कश्मीर

2,567

2,668

14

गुजरात

15,690

16,179

15

महाराष्ट्र

53,183

54,719

16

गोवा

601

602

17

कर्नाटक

22,167

21,679

18

मेघालय

7,519

6,072

19

तमिलनाडु

24,682

18,362

20

मणिपुर

5,719

3,908

21

झारखंड

41,919

27,606

22

राजस्थान

30,475

20,021

23

अरूणाचल प्रदेश

2,232

1,327

24

पुद्दुच्चेरी

744

420

25

मध्य प्रदेश

54,900

25,590

26

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

233

103

27

पंजाब

5,140

2,090

28

केरल

4,539

1,814

29

मिजोरम

958

357

30

तेलंगाना

1,505

453

31

हरियाणा

6,675

1,918

32

लक्षद्वीप

43

12

33

आंध्र प्रदेश

2,989

650

34

सिक्किम

978

32

 

कुल

6,05,787

5,97,075

 

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए स्वयं सहायता समूहों को वितरित ऋण राशि का राज्यवार लक्ष्य और उपलब्धि (लाख रुपये में)

क्र. संख्या

राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश

लक्ष्य

उपलब्धि

(28.02.25 को)

1

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

200

99

2

आंध्र प्रदेश

32,19,000

34,83,725

3

अरूणाचल प्रदेश

4,000

3,093

4

असम

4,10,000

4,64,206

5

बिहार

15,58,000

8,79,591

6

छत्तीसगढ़

2,14,000

1,98,214

7

गोवा

5,000

5,570

8

गुजरात

1,22,000

55,174

9

हरियाणा

49,000

49,567

10

हिमाचल प्रदेश

30,000

17,096

11

जम्मू और कश्मीर

60,000

43,563

12

झारखंड

3,30,000

3,97,269

13

कर्नाटक

3,53,000

16,18,013

14

केरल

7,63,000

4,49,610

15

लद्दाख

100

74

16

लक्षद्वीप

100

49

17

मध्य प्रदेश

3,35,000

3,24,258

18

महाराष्ट्र

6,38,000

8,25,995

19

मणिपुर

5,000

3,281

20

मेघालय

15,000

10,108

21

मिजोरम

5,000

1,391

22

नागालैंड

5,000

4,566

23

ओडिशा

8,20,000

10,78,827

24

पुद्दुच्चेरी

15,000

16,996

25

पंजाब

20,000

13,085

26

राजस्थान

2,55,000

2,15,392

27

सिक्किम

5,000

5,100

28

तमिलनाडु

11,55,000

14,11,090

29

तेलंगाना

16,10,000

16,88,421

30

दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव

600

75

31

त्रिपुरा

40,000

47,700

32

उत्तर प्रदेश

2,50,000

2,50,522

33

उत्तराखंड

30,000

37,304

34

पश्चिम बंगाल

19,90,000

21,87,156

 

कुल

1,43,11,000

1,57,86,181

 

वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान कृषि-पारिस्थितिक कार्य प्रणालियों (एईपी) के तहत महिला किसानों और कृषि-पोषक उद्यान (एएनजी) वाली महिला किसानों के राज्यवार लक्ष्य और उपलब्धियां

क्रम संख्‍या

राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश

एईपी के अंतर्गत महिला किसान

एएनजी वाली महिला किसान परिवार

लक्ष्य

उपलब्धि

लक्ष्य

उपलब्धि

1

अंडमान और निकोबार

2,000

734

8,000

1,638

2

आंध्र प्रदेश

8,50,000

10,43,085

1,50,000

1,13,150

3

अरूणाचल प्रदेश

80,000

42,396

90,000

32,738

4

असम

3,50,000

4,29,920

5,00,000

5,13,045

5

बिहार

6,00,000

8,23,463

2,00,000

5,50,041

6

छत्तीसगढ़

2,10,000

1,82,239

2,10,000

1,77,044

7

गोवा

660

982

330

826

8

गुजरात

2,50,000

2,22,360

2,50,000

2,19,500

9

हरियाणा

20,000

22,411

20,000

26,285

10

हिमाचल प्रदेश

70,000

92,301

1,00,000

1,04,553

11

जम्मू और कश्मीर

1,05,335

1,00,501

1,05,000

74,019

12

झारखंड

2,32,000

1,19,924

1,00,000

65,024

13

कर्नाटक

5,00,000

8,08,241

4,50,000

4,67,985

14

केरल

2,00,000

1,58,140

3,00,000

3,68,789

15

लद्दाख

2,200

444

2,500

612

16

मध्य प्रदेश

1,50,000

1,90,640

3,00,000

2,68,946

17

महाराष्ट्र

8,00,000

12,97,051

3,00,000

3,33,254

18

मणिपुर

38,478

9,706

19,734

3,666

19

मेघालय

80,750

73,255

54,510

48,039

20

मिजोरम

4,320

4,937

5,590

7,111

21

नगालैंड

30,000

17,359

30,000

17,006

22

ओडिशा

5,00,000

89,391

10,00,000

1,60,664

23

पुद्दुच्चेरी

10,000

2,833

56,000

3,450

24

पंजाब

34,000

48,239

34,000

49,133

25

राजस्थान

6,00,000

9,33,294

2,00,000

1,88,241

26

सिक्किम

5,000

3,739

5,000

250

27

तमिलनाडु

3,00,000

2,30,092

1,00,000

71,251

28

तेलंगाना

4,00,000

7,38,936

4,00,000

3,62,112

29

त्रिपुरा

80,000

81,948

50,000

68,065

30

उत्तराखंड

80,000

95,703

75,000

1,02,537

31

उत्तर प्रदेश

7,00,000

11,37,950

16,00,000

5,88,356

32

पश्चिम बंगाल

3,00,000

4,35,704

3,00,000

1,51,642

 

कुल

75,84,743

94,37,918

70,15,664

51,38,972

 

वर्ष 2024-25 में एसवीईपी के तहत समर्थित उद्यमों की संख्या का राज्यवार लक्ष्य और उपलब्धि

क्र. संख्या

राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश

लक्ष्य

उपलब्धि

(28.02.25 को)

1

आंध्र प्रदेश

0

30

2

अरूणाचल प्रदेश

300

107

3

असम

10200

9,557

4

बिहार

4300

1,614

5

छत्तीसगढ़

2,251

1,796

6

गोवा

1152

1,002

7

गुजरात

0

0

8

हरियाणा

0

684

9

हिमाचल प्रदेश

706

612

10

जम्मू और कश्मीर (यूटी)

1,376

1,009

11

झारखंड

2051

1,214

12

कर्नाटक

680

291

13

केरल

6952

5,802

14

मध्य प्रदेश

2,200

1,837

15

महाराष्ट्र

2,220

1,702

16

मणिपुर

700

694

17

मेघालय

616

354

18

मिजोरम

1769

946

19

नागालैंड

851

29

20

ओडिशा

1,301

0

21

पंजाब

1,194

802

22

राजस्थान

2,452

1,993

23

सिक्किम

400

279

24

तमिलनाडु

1,429

1,076

25

तेलंगाना

2,827

1,797

26

त्रिपुरा

1528

1,207

27

उत्तर प्रदेश

3,850

2,831

28

उत्तराखंड

960

696

29

पश्चिम बंगाल

7,180

4,933

 

कुल

61,445

44,894

 

यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/केसी/केपी/ डीके


(Release ID: 2112461)
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