अंतरिक्ष विभाग
संसद प्रश्न: अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
Posted On:
12 MAR 2025 4:46PM by PIB Delhi
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21.02.2024 को हुई अपनी बैठक में अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में संशोधन को मंजूरी दे दी है। अंतरिक्ष क्षेत्र में संशोधित एफडीआई नीति के परिणामस्वरूप, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण साधन) नियम, 2019 में संशोधन के लिए दिनांक 16.04.2024 को राजपत्र अधिसूचना संख्या सीजी-डीएल-ई-16042024-253724 जारी की। इसके तहत, अनुसूची I में, तालिका में क्रम संख्या 12 के स्थान पर निम्नलिखित को प्रतिस्थापित किया गया है, अर्थात्:
(1)
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(2)
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(3)
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(4)
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12
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अंतरिक्ष क्षेत्र
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12.1
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क. उपग्रह-निर्माण और संचालन
ख. उपग्रह डेटा उत्पाद
ग. ग्राउंड सेगमेंट और उपयोगकर्ता सेगमेंट
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100%
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74% तक स्वचालित
74% से ऊपर स्वचालित रूट से
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12.2
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(क) प्रक्षेपण यान और संबंधित प्रणाली या उप-प्रणालियां
(ख) अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित करने और प्राप्त करने के लिए स्पेसपोर्ट का निर्माण
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100%
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49% तक स्वचालित
49% से ऊपर स्वचालित रूट से
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12.3
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उपग्रह, ग्राउंड सेगमेंट और उपयोगकर्ता सेगमेंट के लिए घटकों और प्रणालियों या उप-प्रणालियों का निर्माण
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100%
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स्वचालित
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गगनयान कार्यक्रम की प्रगति की स्थिति, देरी के कारण और लागत में संशोधन निम्नानुसार है:
- मानव रेटेड प्रक्षेपण यान: ठोस, तरल और क्रायोजेनिक इंजन सहित प्रणोदन प्रणाली चरणों का ग्राउंड परीक्षण, प्रक्षेपण यान की मानव रेटिंग की दिशा में पूरा हो गया है।
- क्रू मॉड्यूल एस्केप सिस्टम: पांच प्रकार के क्रू एस्केप सिस्टम सॉलिड मोटर्स का डिजाइन और कार्यान्वयन पूरा हो गया है। सभी पांच प्रकार के सॉलिड मोटर्स का स्टैटिक परीक्षण पूरा हो गया है। क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) और पैराशूट के प्रदर्शन के सत्यापन के लिए पहला टेस्ट व्हीकल मिशन (टीवी-डी 1) सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।
- ऑर्बिटल मॉड्यूल सिस्टम: क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल की संरचना का डिजाइन और कार्यान्वयन पूरा हो गया है। एकीकृत मुख्य पैराशूट एयर ड्रॉप टेस्ट और रेल ट्रैक रॉकेट स्लेज टेस्ट के माध्यम से विभिन्न पैराशूट प्रणालियों का परीक्षण किया गया है। क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम की मानव रेटिंग की दिशा में ग्राउंड टेस्ट प्रोग्राम पूरा हो गया है। थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम का वर्गीकरण पूरा हो गया है।
- गगनयात्री प्रशिक्षण: प्रशिक्षण कार्यक्रम के तीन में से दो सत्र पूरे हो चुके हैं। स्वतंत्र प्रशिक्षण सिम्युलेटर और स्टेटिक मॉकअप सिम्युलेटर का निर्माण किया गया है।
- मुख्य आधारभूत ढांचा: आईएसटीआरएसी में ऑर्बिटल मॉड्यूल तैयारी सुविधा, गगनयान नियंत्रण केंद्र, एसडीएससी एसएचएआर में गगनयान नियंत्रण सुविधा, चालक दल प्रशिक्षण सुविधा और दूसरे लॉन्च पैड के संशोधन का काम पूरा हो चुका है।
- गगनयान का पहला मानवरहित मिशन: पहले मानवरहित मिशन के लिए शुरू किया गया अभियान 18 दिसंबर, 2024 को शुरू हो गया है और दो सॉलिड मोटर में से एक की असेंबली पूरी हो गई है। लिक्विड प्रोपल्शन स्टेज और क्रायोजेनिक स्टेज तैयार हैं। क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल की संरचना का निर्माण पूरा हो गया है। फ्लाइट इंटीग्रेशन गतिविधियां प्रगति पर हैं।
देरी के मुख्य कारण:
- कोविड-19 महामारी के कारण एवियोनिक्स घटकों का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ। आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण कच्चे माल की आपूर्ति अनियमित हो गई और परिणामस्वरूप हार्डवेयर की प्राप्ति में देरी हुई। डिलीवरी को स्थानांतरित/पुनर्निर्धारित किया गया, जिससे कार्यक्रम में देरी हुई।
- वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष ग्रेड और ईईई घटकों की आपूर्ति में कमी।
- एचएलवीएम3 क्षमता के भीतर समग्र द्रव्यमान को शामिल करने के लिए कक्षीय मॉड्यूल में प्रमुख डिजाइन संशोधन।
- बाहरी रूट से खरीद नहीं होने के चलते, नई तकनीक होने के कारण जीवन रक्षक प्रणाली के स्वदेशी विकास के लिए लंबा चक्र समय।
संशोधित दायरे के अनुसार, कार्यक्रम संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए गगनयान कार्यक्रम के लिए कुल वित्तपोषण को बढ़ाकर ₹20,193 करोड़ कर दिया गया है, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और पूर्ववर्ती मिशनों के लिए नए विकास और पहले चल रहे गगनयान कार्यक्रम को पूरा करने के लिए अतिरिक्त आवश्यकताएं शामिल हैं।
आईएन-स्पेस ने भारतीय उद्योगों को इसरो की तकनीक हस्तांतरित करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया है, जिसमें उद्योग को हस्तांतरण के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकियों की एक सूची आईएन-स्पेस पोर्टल पर सूचीबद्ध की गई है। इन प्रौद्योगिकियों को इन-स्पेस के साथ पंजीकृत लगभग 500 उद्योगों तक भी पहुंचाया किया जाता है। 31 दिसंबर 2024 तक, लगभग 75 प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
विभाग के पास उपग्रहों के लिए आवश्यक विभिन्न घटकों के स्वदेशीकरण की पहचान करने और उन्हें सक्षम बनाने के लिए एक तंत्र है। इस तंत्र के परिणामस्वरूप ट्रैवलिंग वेव ट्यूब एम्पलीफायर, एटॉमिक क्लॉक और रिले, कनेक्टर, हीटर, थर्मिस्टर, क्रिस्टल ऑसिलेटर जैसी विभिन्न उप-प्रणालियों के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य घटकों का स्वदेशीकरण हुआ है।
हालांकि, गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीई) को भारतीय अंतरिक्ष नीति-2023 के अनुसार डीओएस/इसरो द्वारा निर्मित सुविधाओं का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/आरपीएम/केसी/एमपी
(Release ID: 2110983)