वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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सरकार ने औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख पहल लागू किए

Posted On: 11 MAR 2025 5:07PM by PIB Delhi

सरकार ने देश में निवेश को बढ़ावा देने और अधिक औद्योगिक गतिविधियों को आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। भारत सरकार उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और अन्य केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के माध्यम से उचित नीतिगत हस्तक्षेपों द्वारा देश के समग्र औद्योगिक विकास के लिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करती है।

मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, पीएम गतिशक्ति, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, व्यापार करने में आसानी (ईओडीबी) को बढ़ावा देना और अनुपालन बोझ को कम करना, राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस), भारत औद्योगिक भूमि बैंक, परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी), एफडीआई नीति का उदारीकरण, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं, भारतीय फुटवियर और चमड़ा विकास कार्यक्रम (आईएफएलडीपी) योजना देश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विभाग की कुछ प्रमुख पहल हैं।

भारत सरकार के सभी संबंधित मंत्रालयों/विभागों में परियोजना विकास प्रकोष्ठों (पीडीसी) के रूप में निवेश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए एक संस्थागत तंत्र स्थापित किया गया है। इसके बाद, आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने हाल ही में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी है। 10 राज्यों में फैली और छह प्रमुख गलियारों के साथ रणनीतिक रूप से नियोजित ये परियोजनाएं भारत की विनिर्माण क्षमताओं और आर्थिक विकास को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उछाल का प्रतिनिधित्व करती हैं।

इसके अलावा, सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया है। सरकार ने एक निवेशक-अनुकूल नीति लागू की है, जिसमें कुछ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्र स्वचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई के लिए खुले हैं। 90% से अधिक एफडीआई प्रवाह स्वचालित मार्ग के तहत प्राप्त होता है। भारत एफडीआई सीमा बढ़ाकर, नियामक बाधाओं को दूर करके, बुनियादी ढांचे का विकास करके और कारोबारी माहौल में सुधार करके वैश्विक निवेशकों के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को खोलना जारी रखता है। उदाहरण के लिए, केंद्रीय बजट 2025 में बीमा क्षेत्र के लिए एफडीआई क्षेत्रीय सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने की घोषणा की गई। यह बढ़ी हुई सीमा उन कंपनियों के लिए उपलब्ध होगी, जो भारत में संपूर्ण प्रीमियम का निवेश करती हैं। सरकार हमेशा नियामक बाधाओं को दूर करके, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके, बुनियादी ढांचे को विकसित करके, लॉजिस्टिक्स को बेहतर बनाकर और व्यापार करने में आसानी (ईओडीबी) को बढ़ाकर कारोबारी माहौल में सुधार करके अधिक एफडीआई आकर्षित करने का प्रयास करती है।

यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।

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