रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
वर्ष 2023 में मूल्य के संदर्भ में भारतीय दवा निर्यात विश्व स्तर पर 11वें स्थान पर होगा और कुल दवा निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 3 प्रतिशत होगी
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए
नकली और मिलावटी दवाओं के निर्माण के लिए कड़े दंड का प्रावधान करने के लिए औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 को 2008 में संशोधित किया गया
Posted On:
11 MAR 2025 3:13PM by PIB Delhi
वर्ष 2025 में बेन एंड कंपनी द्वारा प्रकाशित द्वितीयक बाजार अनुसंधान विश्लेषण के अनुसार, वर्ष 2023 में मूल्य के संदर्भ में भारतीय दवा निर्यात वैश्विक स्तर पर 11वें स्थान पर होगा और कुल दवा निर्यात में इसका हिस्सा 3 प्रतिशत होगा।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है:
- देश में दवा निर्माण परिसरों के विनियामक अनुपालन का आकलन करने के लिए सीडीएससीओ ने राज्य नियामकों के साथ मिलकर दिसंबर 2022 में दवा निर्माण और परीक्षण फर्मों का जोखिम-आधारित निरीक्षण शुरू किया। 905 इकाइयों का निरीक्षण किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 694 कार्रवाई की गई है। गैर-अनुपालन की गंभीरता के आधार पर की गई कार्रवाइयों में उत्पादन रोकने के आदेश, परीक्षण रोकने के आदेश, लाइसेंस को निलंबित या रद्द करना और चेतावनी जारी करना या कारण बताओ नोटिस जारी करना शामिल है। जोखिम-आधारित निरीक्षणों ने अपनाई जा रही विनिर्माण कार्य प्रणालियों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की है, सुधारात्मक कार्रवाइयों की शुरुआत की है और नियामक प्रारूप में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं।
- केंद्र सरकार ने दिनांक 28.12.2023 की अपनी अधिसूचना के माध्यम से औषधि नियम, 1945 में संशोधन किया है, ताकि बेहतर विनिर्माण कार्य प्रणालियों और फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए परिसर, संयंत्र और उपकरणों की आवश्यकताओं से संबंधित उक्त नियमों की अनुसूची एम को संशोधित किया जा सके। 29.6.2024 से, संशोधित अनुसूची 250 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाले दवा निर्माताओं के लिए प्रभावी हो गई है। 250 करोड़ रुपए तक के कारोबार वाले निर्माताओं के लिए, दिनांक 11.2.2025 की अधिसूचना के अनुसार, कार्यान्वयन के लिए 31.12.2025 तक का समय दिया गया है।
- निर्माताओं को औषधि निर्माण उत्पादों के शीर्ष 300 ब्रांडों के पैकेजिंग लेबल पर बार कोड या त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड मुद्रित करने या चिपकाने की आवश्यकता होती है, जो प्रमाणीकरण की सुविधा के लिए सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के साथ सुपाठ्य डेटा या सूचना संग्रहीत करता है, औषधि नियम, 1945 को उक्त नियमों की अनुसूची एच2 में निर्दिष्ट औषधि निर्माण उत्पादों के संबंध में इस तरह के मुद्रण या चिपकाने के लिए 17.11.2022 की अधिसूचना के माध्यम से संशोधित किया गया, जो 1.8.2023 से लागू हुआ।
- 18.1.2022 को औषधि नियम, 1945 में संशोधन किया गया, ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि भारत में निर्मित या आयातित प्रत्येक सक्रिय दवा घटक (थोक दवा) की पैकेजिंग के प्रत्येक स्तर पर उसके लेबल पर क्यूआर कोड अंकित होगा, जो ट्रैकिंग और ट्रेसिंग की सुविधा के लिए सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के साथ पढ़ने योग्य डेटा या जानकारी संग्रहीत करता है। ऐसे संग्रहीत डेटा या जानकारी में न्यूनतम विवरण शामिल होंगे, जिसमें विशिष्ट उत्पाद पहचान कोड, बैच संख्या, विनिर्माण तिथि, समाप्ति तिथि आदि शामिल हैं।
- दिनांक 11.2.2020 को औषधि नियम, 1945 में संशोधन किया गया, जो दिनांक 1.3.2021 से प्रभावी होगा, जिसके अनुसार निर्माता के साथ-साथ कोई भी विपणक जो किसी भी दवा की बिक्री या वितरित करता है, उस दवा की गुणवत्ता के साथ-साथ इन नियमों के तहत अन्य नियामक अनुपालन के लिए भी जिम्मेदार होगा।
- नकली और मिलावटी दवाओं के निर्माण के लिए कठोर दंड का प्रावधान करने के लिए औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 को 2008 के संशोधन अधिनियम के माध्यम से संशोधित किया गया है। कुछ अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती भी बनाया गया।
- औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के अंतर्गत अपराधों से संबंधित मामलों के शीघ्र निपटान के लिए राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने विशेष अदालतें स्थापित की हैं।
- औषधियों की प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए औषधि नियम, 1945 में संशोधन किया गया है, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि विनिर्माण लाइसेंस प्रदान करने के लिए आवेदकों को अपने आवेदन के साथ कुछ औषधियों के मौखिक खुराक स्वरूप के जैव-समतुल्यता अध्ययन का परिणाम भी प्रस्तुत करना होगा।
- औषधि नियम, 1945 में संशोधन करके यह अनिवार्य कर दिया गया है कि आवेदकों को विनिर्माण लाइसेंस प्रदान करने से पहले राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण को स्थिरता, अनुद्रव्य की सुरक्षा आदि का साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा।
- पिछले 10 वर्षों में सीडीएससीओ में स्वीकृत पदों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है ।
- औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के प्रशासन में एकरूपता के लिए, केंद्रीय नियामक राज्य औषधि नियंत्रण संगठनों की गतिविधियों का समन्वय करता है तथा राज्य औषधि नियंत्रकों के साथ आयोजित औषधि परामर्शदात्री समिति की बैठकों के माध्यम से विशेषज्ञ सलाह प्रदान करता है।
- केंद्र सरकार सीडीएससीओ और राज्य औषधि विनियामक प्राधिकरणों के अधिकारियों को अच्छे विनिर्माण अभ्यासों पर नियमित आवासीय, क्षेत्रीय प्रशिक्षण और कार्यशालाएं प्रदान कर रही है। अप्रैल 2023 से अब तक 35,000 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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