मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
आंध्र प्रदेश में जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांव (सीआरसीएफवी)
Posted On:
12 MAR 2025 1:34PM by PIB Delhi
मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने तटीय समुदायों के विकास के महत्व को समझते हुए, प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत एक परिवर्तनकारी पहल की है, जिसका उद्देश्य आंध्र प्रदेश सहित सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समुद्र तट के करीब स्थित मौजूदा 100 कोस्टल फिशरमन विलेज (सीएफवी) को क्लाइमेट रेसिलिएंट कोस्टल फिशरमन विलेज (सीआरसीएफवी) के रूप में विकसित करना है और उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ फिशरमन विलेज बनाना है। पीएमएमएसवाई के अंतर्गत 100% केंद्रीय वित्त पोषण के साथ, 2 करोड़ रु/- प्रति विल्लेज इकाई लागत पर 200 करोड़ रुपए की राशि क्लाईमेट रेसीलिएंट कोस्टल फिशरमन विल्लेजस (सीआरसीएफवी) के विकास के लिए निर्धारित की गई है और काकीनाडा जिले के एक गांव सहित कुल 15 तटीय गांवों को 30 करोड़ रुपए की
कुल लागत पर सीआरसीएफवी के रूप में विकसित करने की मंजूरी दी गई है, जिसके लिए आंध्र प्रदेश सरकार को 7.50 करोड़ रुपए की केंद्रीय निधि की पहली किस्त जारी की गई है। सीआरसीएफवी के रूप में विकास के लिए पहचाने गए गांवों की राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार सूची अनुबंध-I में दी गई है और आंध्र प्रदेश में पहचाने गए तटीय गांवों का जिलावार विवरण अनुबंध-II में दिया गया है। वर्तमान में पहचाने गए 100 गांवों से आगे सीआरसीएफवी के कवरेज का विस्तार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार ने विगत चार वर्षों (2020-21 से 2023-24) और वर्तमान वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान काकीनाडा जिले सहित राज्य में मात्स्यिकी और जलीय कृषि के विकास के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत 559.10 करोड़ रुपए के केंद्रीय अंश के साथ 2398.72 करोड़ रुपए की कुल लागत पर आंध्र प्रदेश सरकार के अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है।
मात्स्यिकी और जलीय कृषि के विकास के लिए आंध्र प्रदेश में काकीनाडा जिले सहित फिशरीज़ इन्फ्रास्ट्रक्चर, सतत (सस्टेनेबल) आजीविका के अवसर और जलवायु अनुकूल उपायों सहित कार्यान्वयन के लिए स्वीकृत प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं: हैचरी, ब्रेकिश वॉटर और फ्रेश वॉटर के बायोफ्लोक पॉण्ड, री-सर्क्युलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम (आरएएस), जलाशयों में फिंगरलिंग का भंडारण, ओपेन सी केज कल्चर, जलाशयों में केज, आइस बॉक्स के साथ मोटर साइकिलों की आपूर्ति, इन्सुलेटेड वाहन, फिश रीटेल मार्केट, फिश वैल्यू एडेड एंटरप्राइसेस, लाइव फिश वेंडिंग सेंटर, फिश मारकेट, फिश कियोस्क, आइस बॉक्स के साथ थ्री वीलर, मोबाइल और स्टेशनरी लैब्स, बोट्स और नेट्स, डीप सी फिशिंग वेसेल्स, आइस प्लांट/कोल्ड स्टोरेज, फीड मिल्स, बाइवाल्व कल्चर यूनिट, आर्टिफ़िश्यल रीफ़्स, समुद्री शैवाल (सी वीड) इकाइयां, ई-प्लेटफॉर्म, आजीविका और पोषण सहायता, जैव शौचालय, एकीकृत एक्वापार्क, फिशिंग हारबर और फिश लैंडिंग सेंटर्स का विकास। आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि इनमें से कई गतिविधियां जैसे ब्रेकिश वॉटर और फ्रेश वॉटर के बायोफ्लोक पॉण्ड, जलाशयों में फिंगरलिंग्स का भंडारण, ओपेन सी केज कल्चर, आइस बॉक्स के साथ मोटर साइकिल, इन्सुलेटेड वाहन, फिश वैल्यू एडेड एंटरप्राइजेज, लाइव फिश वेंडिंग सेंटर, फिश कियोस्क, आइस बॉक्स के साथ थ्री वीलर, बोट्स और नेट्स, डीप सी फिशिंग वेसेल्स, आइस प्लांट, आजीविका और पोषण सहायता काकीनाडा जिले में कार्यान्वित की गई हैं।
अनुबंध- I
पीएमएमएसवाई के अंतर्गत क्लाइमेट रेसीलिएन्ट कोस्टल फिशरमन विलेज (सीआरसीएफवी) के रूप में विकास के लिए चिन्हित 100 तटीय गांवों की सूची
क्रम सं
|
तटीय गांवों का नाम
|
क्रम सं
|
गांवों का नाम
|
क्रम सं
|
गांवों का नाम
|
गुजरात
|
महाराष्ट्र
|
तमिलनाडु
|
1
|
सचाना
|
1
|
केलवा
|
1
|
पसियावरम
|
2
|
नवी बंदर
|
2
|
अर्नाला
|
2
|
सेंजियाम्मन नगर
|
3
|
माधवद
|
3
|
रणगांव
|
3
|
थारुवैकुलम
|
4
|
मुलद्वारका
|
4
|
गोराई ताल
|
4
|
परमानकेनी
|
5
|
भट्ट
|
5
|
नांदगांव
|
5
|
मांडवई पुधुकुप्पम
|
6
|
जोडिया
|
6
|
कोरलाई
|
6
|
सी. पुथुपेट्टई
|
7
|
जूना बंदर
|
7
|
भारदखोल
|
7
|
पुथुपेट्टई
|
8
|
चोरवाड
|
8
|
श्रीवर्धन
|
8
|
अर्कोत्तुदुरै
|
गोवा
|
9
|
वरवडे
|
9
|
पुथुपट्टियम
|
1
|
कैकरा , तिस्वाड़ी
|
10
|
कालबादेवी
|
10
|
कुमारपनवयाल
|
2
|
अरम्बोल
|
11
|
जयगढ़
|
11
|
सोलियाकुडी
|
पुदुच्चेरी
|
12
|
निवती
|
12
|
कालीमनकुंडु
|
1
|
नारमबाई
|
13
|
रेडी
|
13
|
वीरपांडियन पट्टिनम
|
2
|
पट्टिनाचेरी
|
14
|
टोंडावल्ली
|
14
|
इदिन्थाकारै
|
दमन और दीव
|
15
|
सरजेकोट
|
15
|
एरोक्कीयपुरम
|
1
|
बुचरवाड़ा
|
|
|
16
|
एरायुमन्थुराई
|
ओडिशा
|
कर्नाटक
|
आंध्र प्रदेश
|
1
|
पाखराबाद
|
1
|
उप्पुंडा माडिकल
|
1
|
पेदागंगल्लवनिपेटा
|
2
|
सनाढनादि
|
2
|
कोटेश्वर
|
2
|
देवुनालताडा
|
3
|
माझीसाही
|
3
|
कडेकर
|
3
|
इड्डीवानीपालेम
|
4
|
कीर्तनी
|
4
|
बैलुरु
|
4
|
पथिवाड़ा बर्रिपेटा
|
5
|
जम्भीराय
|
5
|
मत्तदाहित्लु
|
5
|
पेड्डा उप्पाडा
|
6
|
अमरनगर
|
केरल
|
6
|
पेंटाकोटा
|
7
|
चूड़ामणि
|
1
|
एराविपुरम
|
7
|
कोनापापापेटा
|
8
|
जम्बू
|
2
|
थोट्टापल्ली
|
8
|
सोर्लागोंधी
|
9
|
खरनासी
|
3
|
पल्लम
|
9
|
गुल्लालामोडा
|
10
|
तलचुआ
|
4
|
अज़ीकल
|
10
|
अडवी पंचायत
|
11
|
नोलियासाही
|
5
|
नजरक्कल
|
11
|
गोंडीसमुद्रम
|
|
|
6
|
एडवानक्कडु
|
12
|
पालीपालेम
|
12
|
सना नलियानुगांव
|
लक्षद्वीप
|
13
|
तडीचेतलापलेम
|
13
|
न्यू बॉक्सिपल्ली
|
1
|
चेतलाथ द्वीप
|
14
|
एडुरूपालेम
|
14
|
पाटिसोनापुर
|
2
|
मिनिकॉय द्वीप
|
15
|
थुपिलिपलेम
|
15
|
सहन
|
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह
|
पश्चिम बंगाल
|
16
|
नोलियासाही
|
1
|
दुर्गापुर
|
1
|
अक्षयनगर
|
17
|
पेन्थाकाटा
|
2
|
चिड़ियाटापू
|
2
|
मदनगंज
|
18
|
अरखाकुडा
|
3
|
जंगलिघाट
|
3
|
डेरा
|
|
4
|
होपटाउन
|
4
|
दक्षिणकदुआ
|
5
|
शोल बे
|
5
|
तमलीपोरिया – पुरबामुकुंदपुर ( मानायेकालीमत्स्यखोटी )
|
अनुबंध-II
पीएमएमएसवाई के अंतर्गत आंध्र प्रदेश में क्लाइमेट रेसीलिएन्ट कोस्टल फिशरमन विलेज (सीआरसीएफवी) के रूप में विकास के लिए चिन्हित तटीय मछुआरा गांवों की जिलेवार सूची
क्र.सं.
|
ज़िला
|
मंडल
|
गांव का नाम
|
1
|
श्रीकाकुलम
|
श्रीकाकुलम ग्रामीण
|
पेदागंगल्लापेटा
|
2
|
वज्रपुकोथुरु
|
देवुनलथडा
|
3
|
कविता
|
इड्डीवानीपालेम
|
4
|
विजयनगरम
|
पुसापतिरेगा
|
पथिवाड़ा बार्रिपेटा
|
5
|
विशाखापत्तनम
|
जीवीएमसी भीमिली
|
पेड़ा उप्पदा
|
6
|
अनकापल्ली
|
पायकरायोपेटा
|
पेंटाकोटा
|
7
|
काकीनाडा
|
यू. कोथपल्ली
|
कोनापापापेटा
|
8
|
कृष्ण
|
नागायलंका
|
सोर्लागोंधी
|
9
|
नागायलंका
|
गुल्लालमोधा
|
10
|
बापतला
|
बापटला ग्रामीण
|
अदिवी
|
11
|
निज़ामपट्नम
|
गोंडीसमुद्रम
|
12
|
प्रकाशम
|
कोठापट्टनम
|
के.पल्लीपालेम
|
13
|
नेल्लोर
|
टीपी गुडुर
|
एदुरूपट्टापुपलेम
|
14
|
बोगोले
|
थातिचेतलापलेम
|
15
|
तिरुपति
|
वकाडू
|
थुपिलिपलेम
|
यह जानकारी मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, श्री जॉर्ज कुरियन ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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