ग्रामीण विकास मंत्रालय
मनरेगा में सुधार
Posted On:
11 MAR 2025 5:03PM by PIB Delhi
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (महात्मा गांधी नरेगा) देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कम से कम 100 दिनों का गारंटीकृत मजदूरी रोजगार उपलब्ध कराती है, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल श्रम करने के लिए स्वेच्छा से काम करते हैं। यह योजना एन.आर.ई.जी.ए.सॉफ्ट नामक एक संपूर्ण एकीकृत लेनदेन आधारित एम.आई.एस. प्लेटफॉर्म पर क्रियान्वित की जाती है, जिसके माध्यम से योजना के क्रियान्वयन, प्रशासनिक और तकनीकी अनुमोदन, जॉब कार्ड जारी करना, मांग की स्वीकृति, मस्टर रोल जारी करना, माप, भुगतान की स्वीकृति और अंततः डी.बी.टी.-पी.एफ.एम.एस. प्लेटफॉर्म के माध्यम से लाभार्थी को भुगतान से संबंधित सभी पहलुओं की निगरानी की जाती है।
पारदर्शिता और जवाबदेही इस योजना का मुख्य फोकस है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए मजबूत प्रक्रिया अपनाई है। योजना के तहत जारी किए गए धन का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए की गई विभिन्न निगरानी और मूल्यांकन व्यवस्थाओं का संक्षिप्त विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।
महात्मा गांधी नरेगा के तहत श्रमिक विस्थापन मशीन के उपयोग के संबंध में, यह कहा गया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (महात्मा गांधी नरेगा), 2005 की अनुसूची-I के पैरा 22 के अनुसार, "जहां तक संभव हो, कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा निष्पादित कार्य मैनुअल श्रम का उपयोग करके किए जाएंगे और किसी भी श्रमिक विस्थापन मशीन का उपयोग नहीं किया जाएगा"।
हालांकि, ऐसे कार्य निष्पादित करने में कुछ गतिविधियाँ हो सकती हैं जिन्हें मैन्युअल श्रम द्वारा नहीं किया जा सकता है, जहाँ कार्य की गुणवत्ता और स्थायित्व बनाए रखने के लिए मशीनों का उपयोग आवश्यक हो सकता है। जब भी श्रम विस्थापन मशीनों के उपयोग का कोई मामला मंत्रालय के संज्ञान में आता है, तो ऐसे मामलों की संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ समन्वय करके जाँच की जाती है और आवश्यक अनुवर्ती कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।
यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
अनुलग्नक
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी): महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (महात्मा गांधी नरेगा) के तहत मजदूरी भुगतान में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली को अपनाया गया है। महात्मा गांधी नरेगा श्रमिकों के बैंक/डाकघर खातों में मजदूरी का भुगतान राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि प्रबंधन प्रणाली (एनईएफएमएस)/इलेक्ट्रॉनिक निधि प्रबंधन प्रणाली (ईएफएमएस) के माध्यम से किया जाता है।
- राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी सेवा (एनएमएमएस): यह महात्मा गांधी नरेगा कार्यस्थलों (व्यक्तिगत लाभार्थी कार्यों को छोड़कर) पर श्रमिकों की उपस्थिति को दिन में दो बार जियो-टैग की गई तस्वीर के साथ कैप्चर करने में सक्षम बनाता है। यह ऐप कार्यक्रम की नागरिक निगरानी बढ़ाने में सहायता करता है। यह पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक और कदम है।
- एरिया ऑफिसर मॉनिटरिंग विजिट एप्लीकेशन: यह ऐप राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों को अपने फील्ड विजिट निष्कर्षों को ऑनलाइन रिकॉर्ड करने की सुविधा देता है। यह ऐप अधिकारियों को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू की गई सभी योजनाओं के लिए टाइम स्टैम्प्ड और जियोटैग्ड फोटोग्राफ रिकॉर्ड करने की भी सुविधा देता है। साथ ही, यह ऐप फील्ड विजिट की परेशानी मुक्त रिपोर्टिंग विकसित करने में मदद करता है। यह ऐप फील्ड विजिट निष्कर्षों को रिकॉर्ड करता है और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा फील्ड विजिट परिणाम रिपोर्ट देखता है।
- जीआईएस आधारित योजना - अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग: देश की सभी ग्राम पंचायतों के लिए संतृप्ति मोड में रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी का उपयोग करके जीआईएस आधारित ग्राम पंचायत स्तरीय योजना (रिज टू वैली दृष्टिकोण) तैयार करना।
- युक्तधारा: जीआईएस आधारित योजना उपकरण - महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर जीआईएस आधारित योजना को सरल बनाने के लिए इसरो-एनआरएससी के सहयोग से एक भू-स्थानिक योजना पोर्टल "युक्तधारा" विकसित किया गया है।
- सिक्योर - रोजगार के लिए ग्रामीण दरों का उपयोग करने के लिए अनुमान गणना के लिए सॉफ्टवेयर:- इस योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों की गणना का अनुमान लगाने के लिए एप्लिकेशन का उपयोग किया जा रहा है।
- जियोनरेगा : इस ऐप को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करके परिसंपत्ति निर्माण के “पहले”, “दौरान” और “बाद” के चरणों में जियोटैगिंग द्वारा परिसंपत्तियों के निर्माण को ट्रैक करने के लिए विकसित किया गया है।
- जलदूत ऐप: जलदूत ऐप को देश भर में भूजल स्तर की निगरानी के लिए विकसित किया गया है। जलदूत ऐप ग्राम रोजगार सहायक (जीआरएस) को साल में दो बार (मानसून से पहले और मानसून के बाद) चयनित कुओं के जल स्तर को मापने में सक्षम बनाता है।
- जनमनरेगा ऐप: यह ऐप महात्मा गांधी नरेगा के कार्यान्वयन के संदर्भ में नागरिकों को जानकारी के सक्रिय प्रकटीकरण में मदद करता है। नागरिक जागरूकता इस योजना के कुशल, प्रभावी और पारदर्शी क्रियान्वयन की कुंजी है।
- लोकपाल ऐप- महात्मा गांधी नरेगा के कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्न स्रोतों जैसे भौतिक, डिजिटल और जनसंचार माध्यमों से प्राप्त शिकायतों की सुचारू रिपोर्टिंग और वर्गीकरण, दिशानिर्देशों के अनुसार प्रत्येक मामले पर आसान ट्रैकिंग और समय पर पुरस्कार पारित करने तथा वेबसाइट पर तिमाही और वार्षिक रिपोर्ट को आसानी से अपलोड करने के लिए एक लोकपाल ऐप विकसित किया गया है।
- सामाजिक अंकेक्षण: अधिनियम के अधिदेश के अनुसार, मंत्रालय ने सभी ग्राम पंचायतों के सामाजिक अंकेक्षण को वर्ष में कम से कम दो बार सुगम बनाने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के स्तर पर एक संस्थागत संरचना की स्थापना पर जोर दिया है। मंत्रालय के निरंतर प्रयासों से कुल 27 राज्यों और 1 संघ राज्य क्षेत्र ने स्वतंत्र सामाजिक अंकेक्षण इकाइयाँ स्थापित की हैं।
इसके अलावा, कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नियमित और विशेष निगरानी, केंद्रीय स्तर के अधिकारियों की टीम द्वारा निगरानी, सामान्य समीक्षा मिशन टीमों द्वारा निगरानी दौरे, क्षेत्रीय अधिकारी ऐप के माध्यम से निगरानी की जा रही है। साथ ही, समय-समय पर राज्यों की राज्य-विशिष्ट समीक्षा भी की जाती है।
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एमजी/आरपीएम/ केसी/जीके / डीए
(Release ID: 2110596)