कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
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मृदा उर्वरता मानचित्रण

Posted On: 11 MAR 2025 6:58PM by PIB Delhi

कृषि और किसान कल्याण विभाग के अंतर्गत भारतीय मृदा और भूमि उपयोग सर्वेक्षण (एसएलयूएसआई) मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) डेटा का उपयोग करके भू-स्थानिक तकनीकों के माध्यम से जिला/गांववार डिजिटल मृदा उर्वरता मानचित्र तैयार कर रहा है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड भारत सरकार की मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता योजना के अंतर्गत तैयार किए जाते हैं। मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता योजना राज्यों को मृदा स्वास्थ्य और इसकी उत्पादकता में सुधार के लिए जैविक खादों और जैव उर्वरकों के साथ माध्यमिक और सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग के माध्यम से एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन (आईएनएम) को बढ़ावा देने में सहायता करती है। मिट्टी के नमूनों को मानक प्रक्रियाओं के अनुसार संसाधित किया जाता है और विभिन्न मापदंडों जैसे पीएच, विद्युत चालकता (ईसी), कार्बनिक कार्बन, उपलब्ध नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर और सूक्ष्म पोषक तत्वों (जस्ता, तांबा, लोहा, मैंगनीज और बोरोन) के लिए विश्लेषण किया जाता है।

महाराष्ट्र के 34 जिलों में फैले 351 गांवों के लिए मृदा उर्वरता मानचित्र तैयार किए गए हैं। मृदा उर्वरता मानचित्र मिट्टी की पोषक संरचना और स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत स्थानिक जानकारी प्रदान करते हैं। यह किसानों को उर्वरकों और मृदा संशोधनों के विवेकपूर्ण उपयोग में मदद करता है, जिससे अधिक उपयोग या कम उपयोग का जोखिम कम होता है। यह किसानों को आर्थिक मदद करता है, क्योंकि वे कम इनपुट के साथ अपने रिटर्न को अधिकतम करने में सक्षम होते हैं, इससे समग्र लाभप्रदता बढ़ जाती है।

मृदा उर्वरता मानचित्रण में रिमोट सेंसिंग और एआई आधारित उपकरणों सहित भू-स्थानिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है। एसएचसी मृदा नमूना बिंदु को जीपीएस का उपयोग करके जियो-कोड किया जाता है, नमूने को एक अद्वितीय क्यूआर कोड दिया जाता है, और यह क्यूआर कोड मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में विश्लेषण के दौरान बनाए रखा जाता है।

मृदा उर्वरता के आंकड़े एसएचसी के रूप में किसानों को उपलब्ध कराए गए हैं। किसान पंजीकृत मोबाइल नंबर दर्ज करके पोर्टल से एसएचसी डाउनलोड कर सकते हैं। मृदा उर्वरता मानचित्रण के लिए दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में रसद, तकनीकी और भौतिक बुनियादी ढांचे की बाधाओं जैसी चुनौतियाँ हैं। वर्तमान में पहाड़ी और दूरदराज के क्षेत्रों में ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं और मिनी प्रयोगशालाओं का उपयोग इन चुनौतियों का समाधान कर रहा है। मृदा सर्वेक्षण और मृदा स्वास्थ्य कार्ड डेटा का उपयोग करके व्यापक मानचित्रण प्रयासों के माध्यम से मृदा क्षरण और पोषक तत्वों की कमी की पहचान की गई है। एसएचसी के माध्यम से किसानों को पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए उर्वरक के संतुलित उपयोग की सलाह दी जाती है।

मृदा उर्वरता मानचित्रण एक आवश्यक उपकरण है जो पोषक तत्वों और मृदा स्वास्थ्य की स्थिति पर सटीक, स्थान-विशिष्ट डेटा प्रदान करता है। मृदा उर्वरता मानचित्र किसानों को पोषक तत्वों की कमी या अधिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने में सक्षम बनाता है, जिससे विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप लक्षित उर्वरक अनुप्रयोग की अनुमति मिलती है। मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता का मानचित्रण करके, किसान उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग से बच सकते हैं, जिससे उचित उपयोग सुनिश्चित हो सके। यह योजना सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए उपलब्ध है।

यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने दी।

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