मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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गौशाला

Posted On: 11 MAR 2025 4:36PM by PIB Delhi

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 246(3) के अनुसार, पशुओं का संरक्षण, सुरक्षा, सुधार तथा पशु रोगों की रोकथाम, पशु चिकित्सा प्रशिक्षण एवं अभ्यास राज्य का विषय है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243(डब्ल्यू) के अनुसार, स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी पशु बाड़ों और पिंजरे की है। इसलिए, राज्य पंचायतों को आवारा पशुओं को रखने के लिए पशु बाड़े (कांजी हाउस)/ गौशाला आश्रय (सामुदायिक संपत्तियाँ) स्थापित करने एवं चलाने का अधिकार प्रदान कर सकता है। कई राज्यों ने आवारा पशुओं के लिए गौशालाएं और आश्रय गृह स्थापित किए हैं और उन जानवरों को खिलाने की व्यवस्था की है जिससे आवारा गायों की समस्याओं का समाधान किया जा सके। हरियाणा सरकार ने जानकारी दी है कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग और हरियाणा गौ सेवा आयोग द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:-

i) राज्य में गौशालाएं, जिनका प्रबंधन मुख्य रूप से एनजीओ द्वारा किया जाता है, राज्य में आवारा पशुओं को भोजन एवं आश्रय प्रदान करती हैं। इन संस्थानों को मजबूत करने के लिए, पशुपालन एवं डेयरी विभाग गौशालाओं को चारा खरीदने के लिए अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा पिछले 05 वर्षों में प्रदान की गई अनुदान की जानकारी निम्नलिखित है :-

वर्ष

चारा अनुदान राशि (रु में)

2020-21

8,52,14,500 रुपये

2021-22

25,91,91,600 रुपये

2022-23

27,72,78,300 रुपये

2023-24

69,07,23,425 रुपये

2024-25 (अबतक)

1,52,63,38,605 रुपये

कुल

2,83,87,46,430 रुपये

इसके परिणामस्वरूप, राज्य में पंजीकृत गौशालाओं की संख्या पिछले पांच वर्षों में 525 से बढ़कर 683 हो गई है।

ii) पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने जनवरी 2024 में आवारा पशुओं के पुनर्वास के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया। अब तक, 36,641 आवारा पशुओं को 194 गौशालाओं में स्थानांतरित किया गया है। आवारा पशुओं के पुनर्वास हेतु गौशालाओं को प्रोत्साहित करने के लिए, इन गौशालाओं को चारे के लिए बढ़ी हुई अनुदान राशि प्रदान की गई है।

iii) आवारा पशुओं के पुनर्वास हेतु गौशालाओं को प्रोत्साहित करने के लिए, राज्य सरकार ने अधिसूचना संख्या 2062 (सीएफएमएस)-एएच-4-2021/4633 दिनांक 20.07.2021 के अंतर्गत प्रत्येक जिले के लिए विशेष गौ संरक्षण कार्य बल (एससीपीटीएफ) और एक राज्य स्तरीय विशेष गौ संरक्षण कार्य बल समिति का गठन किया।

iv) राज्य सरकार ने 800.00 लाख रुपए की लागत से गांव नैन (जिला पानीपत) और गांव ढंडूर (जिला हिसार) में 5000 मवेशियों को रखने की क्षमता वाले दो गौ अभ्यारण्य स्थापित किए हैं। इन अभ्यारण्यों में अब तक लगभग 5500 आवारा पशुओं का पुनर्वास किया जा चुका है।

केंद्र सरकार ने गौशालाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन नहीं किया है। हालांकि, हरियाणा सरकार ने विभिन्न उपायों की रिपोर्ट दी है जो आवारा पशुओं के प्रबंधन के लिए गौशालाओं और अन्य पहलों की प्रभावशीलता को प्रदर्शित करते हैं:

  1. गौशालाओं में रखी गई गायों की संख्या दिसंबर 2019 में 3,25,977 से बढ़कर दिसंबर 2024 में 4,05,115 हो गई।
  2. गायों को आश्रय एवं संरक्षण प्रदान करने वाली गौशालाओं की संख्या दिसंबर 2019 में 525 से बढ़कर दिसंबर 2025 में 683 हो गई।
  3. पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने मवेशियों के संरक्षण, उपचार एवं सुरक्षा के लिए राज्य की विभिन्न गौशालाओं में 14 सरकारी पशु चिकित्सालय एवं 12 सरकारी पशु औषधालय खोले हैं।
  4. सरकार ने आवारा पशुओं की सुरक्षा के लिए पिछले वर्ष आवारा पशुओं के पुनर्वास के लिए जोरदार अभियान चलाया था जो अभी तक चल रहा है। इस अवधि के दौरान 36,641 आवारा पशुओं को गौशालाओं में पुनर्वासित किया गया है।
  5. राज्य में आवारा पशुओं की संख्या में बहुत कमी आई है।

सरकार ने गौशालाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की है तथा जरूरतमंद गौशालाओं को खाना और चारे के लिए वित्तीय अनुदान का प्रावधान किया है।

यह जानकारी केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने 11 मार्च, 2025 को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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