मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
पुनःपरिसंचरणीय जलीय कृषि प्रणाली
Posted On:
11 MAR 2025 4:45PM by PIB Delhi
मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का उद्देश्य, अन्य बातों के साथ-साथ, मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता, गुणवत्ता और स्वच्छता तथा आधुनिकीकरण को बढ़ाने एवं आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला(वैल्यू चैन) को सुदृढ़ करने के लिए मूल्य श्रृंखला में टेक्नोलॉजी का समावेश करना है। इस योजना के तहत, री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) और बायोफ्लोक सहित उच्च घनत्व वाली जलकृषि प्रौद्योगिकियों (हाई डेनसिटी एक्वाकल्चर टेकनोलोजीस) को अपनाने में सहायता प्रदान की जाती है। मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने विगत चार वर्षों (2020-21 से 2023-24) और वर्तमान वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है जिनमें (i) 298.78 करोड़ रुपए के केंद्रीय अशं के साथ 902.97 करोड़ रुपए की कुल लागत से 12000 री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम की स्थापना और (ii) 180.04 करोड़ रुपए के केंद्रीय अशं के साथ 523.30 करोड़ रुपए की कुल लागत से 4205 बायोफ्लोक इकाइयों की स्थापना शामिल है। । ये हाई डेनसिटी एक्वाकल्चर टेकनोलोजीस मुख्य रूप से मछुआरों को उच्च उपज देने वाली विविध प्रजातियों की कृषि करने, पानी और भूमि के संदर्भ में न्यूनतम संसाधनों के साथ गुणवत्तापूर्ण मत्स्य उत्पादन के वृद्धि में सहायता कर रही हैं। इसके अलावा, पीएमएमएसवाई में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिलाओं को मात्स्यिकी विकास की मुख्य धारा में लाने और मात्स्यिकी क्षेत्र में महिलाओं के नेतृत्व वाली पहल को बढ़ावा देने के लिए उच्च वित्तीय सहायता के साथ समावेशी विकास की परिकल्पना की गई है। विगत चार वर्षों (2020-21 से 2023-24) और वर्तमान वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान पीएमएमएसवाई के तहत महिलाओं से संबंधित 3973.14 करोड़ रुपए के मात्स्यिकी विकास परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। पीएमएमएसवाई के तहत स्वीकृत गतिविधियों के तहत प्रमुख इन्फ्रस्ट्रक्चर और पोस्ट हारवेस्ट प्रबंधन में शामिल हैं; 58 फिशिंग हारबर /फिश लैंडिंग सेन्टर, 634 आइस प्लांट/कोल्ड स्टोरेज, 2 स्मार्ट होल सेल मारकेट सहित 21 मार्डन होल सेल फिश मारकेट्स, 202 रीटेल फिश मारकेट्स, 6694 फिश कियोस्क, मत्स्य परिवहन सुविधाओं की 27189 यूनिटें, 128 मूल्य वर्धित उद्यम, मत्स्य और मात्स्यिकी उत्पादों के ई-ट्रेडिंग और ई-मारकेटिंग के लिए 5 ई-प्लेटफॉर्म।
पीएमएमएसवाई ने अपने कार्यान्वयन अवधि के दौरान मात्स्यिकी और जलकृषि के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, विशेष रूप से (i) वार्षिक मत्स्य उत्पादन 2019-20 में 141.64 लाख टन से बढ़कर 2023-24 में 184.02 लाख टन हो गया है, (ii) मत्स्य निर्यात 2019-20 में 46,662.85 करोड़ रुपए से बढ़कर 2023-24 में 6,0524.89 करोड़ रुपए हो गया है, (iii) प्रति व्यक्ति मत्स्य की खपत 5-6 किलोग्राम से बढ़कर 12-13 किलोग्राम हो गई है और (iv) जलकृषि उत्पादकता 3 टन/हेक्टेयर से बढ़कर 4.7 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है।
यह जानकारी मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, श्री जॉर्ज कुरियन ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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