कोयला मंत्रालय
कोयला खदानों का सुरक्षा ऑडिट
Posted On:
10 MAR 2025 3:44PM by PIB Delhi
कोयला मंत्रालय द्वारा दिसंबर, 2023 में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, "सुरक्षा स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली ऑडिट" पर प्रतिवर्ष सुरक्षा ऑडिट किया जाता है। 17.12.2024 को कोयला मंत्रालय ने ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सुरक्षा ऑडिट मॉड्यूल को शामिल करते हुए "राष्ट्रीय कोयला खान सुरक्षा रिपोर्ट पोर्टल" लॉन्च किया है।
खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) ने आधुनिकीकरण, मशीनीकरण, आपातकालीन प्रतिक्रिया और निकासी योजना को ध्यान में रखते हुए पुराने कोयला खान विनियमन 1957 को "कोयला खान विनियमन 2017" के रूप में संशोधित किया है। उपरोक्त के अलावा, कोयला कंपनियों द्वारा कोयला खनन को आधुनिक बनाने और मशीनीकृत करने के लिए उठाए गए प्रमुख कदम, ताकि श्रमिकों को खतरनाक परिस्थितियों में जाने से बचाया जा सके, इस प्रकार हैं:
- विस्फोट-मुक्त खनन तकनीकें, जैसे कि निरंतर माइनर, यूजी खदानों में पावर्ड सपोर्ट लॉन्गवॉल (PSLW), ओपनकास्ट (OC) खदानों में सरफेस माइनर, एक्सेंट्रिक/वर्टिकल रिपर और हाइब्रिड हाई वॉल माइनिंग का उपयोग उन कोयला सीमों को निकालने के लिए किया जाता है जो पारंपरिक ओपनकास्ट खनन पद्धति के माध्यम से तकनीकी-आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं हैं।
- पर्यावरण टेलीमॉनिटरिंग सिस्टम (ETMS) और गैस क्रोमैटोग्राफ द्वारा यूजी खदान के वातावरण की वास्तविक समय की निगरानी का उपयोग त्वरित और सटीक खदान वायु नमूने के लिए किया जाता है।
- मशीनीकृत छत बोल्टिंग व्यवस्था यानी यूनिवर्सल ड्रिलिंग मशीन (UDM), QUAD और ट्विन बोल्टर सिस्टम, साथ ही रेजिन कैप्सूल और स्ट्रेटा मॉनिटरिंग के लिए उन्नत इंस्ट्रूमेंटेशन।
- धूल को कम करने के लिए ट्रक-माउंटेड फॉग कैनन और स्प्रिंकलर कम-मिस्ट स्प्रे जैसी धूल दमन प्रणाली।
- हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी (HEMM) ऑपरेटरों और वर्चुअल रियलिटी (VR) प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए सिम्युलेटर-आधारित प्रशिक्षण।
- ढलान और ओवरबर्डन (ओबी) डंप स्थिरता की निगरानी के लिए टोटल स्टेशन, 3डी टेरेस्ट्रियल लेजर स्कैनिंग (टीएलएस) और ढलान स्थिरता रडार जैसी आधुनिक तकनीकें।
- जीपीएस-आधारित ऑपरेटर इंडिपेंडेंट ट्रक डिस्पैच सिस्टम (ओआईटीडीएस), एचईएमएम आंदोलनों को ट्रैक करने के लिए बड़े ओसी में जियो-फेंसिंग।
नई/विस्तारित कोयला खनन परियोजनाओं के लिए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अध्ययन किए जाते हैं और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी लेने से पहले ईआईए/पर्यावरण प्रबंधन योजना (ईएमपी) रिपोर्ट में उपयुक्त उपाय शामिल किए जाते हैं। परिचालन चरण के दौरान, आसपास के पर्यावरण पर कोयला खनन परिचालन के प्रभाव का आकलन करने के लिए पर्यावरण निगरानी की जाती है।
सभी कोयला खदानों की योजना और डिजाइन वैज्ञानिक रूप से बनाई गई है, तथा भू-तकनीकी और भू-खनन अध्ययनों को ध्यान में रखा गया है, ताकि अनुमोदित पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अध्ययनों में वर्णित अनुसार सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।
खान अधिनियम, 1952 के अंतर्गत बनाए गए खान नियम, 1955 में कार्यस्थल पर खान श्रमिकों के लिए कल्याणकारी सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। उक्त नियमों के अंतर्गत नियमित स्वास्थ्य जांच, प्राथमिक उपचार, पर्याप्त आश्रय, कैंटीन, खानों में कल्याण अधिकारियों की नियुक्ति और क्रेच सुविधाओं आदि के प्रावधान किए गए हैं। खान अधिनियम, 1952 और उसके अंतर्गत बनाए गए खान व्यावसायिक प्रशिक्षण नियम, 1966 के अंतर्गत प्रशिक्षण और पुनश्चर्या प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं।
कोयला खनन क्षेत्र में श्रमिकों के कल्याणकारी कार्यक्रमों में सुधार के लिए कोयला कंपनियों द्वारा की गई प्रमुख पहलों में पर्याप्त आवास सुविधाएं, स्वच्छ पेयजल, छात्रवृत्ति, नकद पुरस्कार, वित्तीय सहायता (विशेष रूप से आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्थानों में अध्ययन करने वाले बच्चों के लिए), पर्याप्त शैक्षिक सुविधाएं, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं, सेवा में मृत्यु के मामले में कर्मचारियों की विवाहित, तलाकशुदा और परित्यक्त बेटियों को अनुकंपा के आधार पर रोजगार का प्रावधान और बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कैंटीन, क्रेच, पिट हेड बाथ और आराम आश्रय जैसी वैधानिक कल्याण सुविधाएं प्रदान करना शामिल हैं।
इसके अलावा, कोयला खनन क्षेत्र में श्रमिकों के कौशल विकास में सुधार के लिए की गई प्रमुख पहल हैं: संरचित व्यावसायिक प्रशिक्षण, उन्नत सिम्युलेटर-आधारित प्रशिक्षण, श्रमिक निरीक्षकों (डब्ल्यूआई) और सुरक्षा समिति के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण, खनन कार्यों के प्रमुख क्षेत्रों पर कार्यशालाएं यानी सुरक्षा, ड्रिलिंग, ब्लास्टिंग, छत का समर्थन, अग्निशमन पर विशेष नौकरी-आधारित प्रशिक्षण, ताकि उच्च जोखिम वाले कार्यों में सक्षमता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यह जानकारी केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2110064)
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