नागरिक उड्डयन मंत्रालय
गिफ्ट सिटी भारत के विमानन क्षेत्र को एक प्रतिस्पर्धी विमान लीजिंग हब विकसित करने के लिए और अधिक विश्वास, प्रतिबद्धता और सहयोग प्रदान करेगी: नागर विमानन मंत्री श्री राम मोहन नायडू
Posted On:
07 MAR 2025 8:54PM by PIB Delhi
केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग फेडरेशन (फिक्की) के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) के सहयोग से गुजरात के गांधीनगर में दूसरा ‘‘भारत विमान लीजिंग एवं वित्तपोषण शिखर सम्मेलन’’ आयोजित किया। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री श्री किंजरापु राम मोहन नायडू भी मौजूद थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री राम मोहन नायडू ने कहा कि वर्तमान समय में गिफ्ट (जीआईएफटी) सिटी की किसी भी वैश्विक वित्तीय केंद्र से तुलना की जा सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हम किसी के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक केंद्र को सहायक बनाने की कोशिश कर रहे हैं। विचार यह है कि हमें बड़े बाजार के कारण विशाल अवसर को नहीं खोना चाहिए, जो ऐसे और अधिक खिलाड़ियों को समाहित कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘गिफ्ट सिटी भारत के विमानन क्षेत्र को एक प्रतिस्पर्धी विमान लीजिंग हब विकसित करने के लिए आवश्यक आत्मविश्वास, प्रतिबद्धता और सहयोग प्रदान करेगी।’’
मंत्री महोदय ने आगे कहा कि विमान पट्टे पर लेना एक महत्वपूर्ण वित्तीय नवाचार है, जिसकी भारत के बढ़ते नागर विमानन क्षेत्र को जरूरत है। उन्होंने बल देकर कहा, ‘‘उड़ान योजना और 10 वर्षों में भारत के हवाई अड्डों के दोगुना हो जाने से भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन गया है।’’
श्री नायडू ने यह भी कहा कि सरकार 2047 तक 350 हवाई अड्डे बनाने की योजना बना रही है, जिनमें से 34 विशाल हवाई अड्डों के रूप में काम करेंगे, जो सालाना दो करोड़ यात्रियों को संभालेंगे। अगले पांच वर्षों में, हम 50 और हवाई अड्डे बनाने की योजना बना रहे हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि उड़ान योजना को भी अगले 10 वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है, जो देश में चार करोड़ यात्रियों को जोड़ेगी और भारत में 120 नए गंतव्य बनाएगी। उन्होंने वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनने के लिए देश में विमान वित्तपोषण और पट्टे के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम बनाने का आग्रह किया। श्री राम मोहन नायडू ने आगे कहा, “गिफ्ट सिटी भारत के नागर विमानन उद्योग द्वारा सृजित गए मूल्यों को आत्मसात करने के लिए एक परिवर्तनकारी अवसर का प्रतिनिधित्व करती है।”

केंद्रीय मंत्री ने ज्ञानवृद्धक सत्रों की अध्यक्षता की और इसके बाद ‘जीआईएफटी आईएफएससीए में एक विमान पट्टादाता इको-सिस्टम की स्थापना’ और ‘वित्तीय गैप्स को पाटना: नीति और निवेश के माध्यम से विमानन वित्तपोषण में वृद्धि को बढ़ावा देना’ पर केंद्रित एक विस्तृत चर्चा हुई।
अपने समापन भाषण में श्री राम मोहन नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि सत्रों के दौरान उठाए गए मुद्दे सरकार के लिए प्राथमिकता बने हुए हैं और उन्होंने प्रस्तावित पहलों के कार्यान्वयन के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने मौजूदा वैश्विक लीजिंग हब के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बजाय, उन्हें पूरक बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे एक मजबूत और सहयोगात्मक विमान लीजिंग इको-सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को और बल मिल सके।
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र रजनीकांत पटेल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गिफ्ट सिटी ने आज खुद को भारत के फिनटेक हब के रूप में स्थापित कर लिया है; ऐसे समय में यह शिखर सम्मेलन विमानन क्षेत्र और एयरक्राफ्ट लीजिंग एवं फाइनेंसिंग के विकास तथा विमानन क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस वर्षों में विमानन क्षेत्र में आए बदलावों के कारण आज भारत में एक मजबूत विमानन इको-सिस्टम का निर्माण हुआ है। उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘‘हमारी सरकार गुजरात को विमानन क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम विमानन क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक उत्पादन क्षमता, पर्याप्त बुनियादी ढांचा और संबंधित उद्योग को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
नागरिक उड्डयन सचिव श्री वुमलुनमंग वुलनाम ने कहा कि सरकार एक स्थिर विनियामक ढांचा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘भारतीय विमानन कंपनियां अगले 5 वर्षों में अपने विमानों की संख्या को दोगुना करके 800 से लगभग 1500 विमान तक पहुंचाने की योजना बना रही हैं।’’
ये सत्र अत्यंत संवादात्मक थे, जिसमें प्रतिनिधियों के सक्रिय हस्तक्षेप और सुझाव शामिल थे। प्रतिनिधियों में विमान पट्टे पर देने वाले सभी हितधारकों का प्रतिनिधित्व था, जिसमें वैश्विक पट्टादाता, बैंक, बीमा कंपनियां, कानूनी विशेषज्ञ और एयरलाइंस शामिल थे।
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(Release ID: 2109700)
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