स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने एम्स बिलासपुर की उपलब्धियों और विकास की प्रगति की समीक्षा की


सरकार इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है: श्री जगत प्रकाश नड्डा

श्री जेपी नड्डा ने एम्स बिलासपुर में न्यूक्लियर मेडिसिन सुविधा का उद्घाटन किया

केंद्रीय मंत्री ने क्षेत्रीय वीआरडीएल (वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी) की नींव रखी, एम्स बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) में न्यूक्लियर मेडिसिन सुविधा और एक अतिरिक्त अमृत फार्मेसी यूनिट-3 का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री आरोग्य मैत्री भीष्म योजना के अंतर्गत एम्स बिलासपुर को भीष्म क्यूब के दो सेट आवंटित किए गए हैं

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लगभग 4.90 करोड़ रुपये लागत के अत्याधुनिक इनडोर स्टेडियम को मंजूरी देने की घोषणा की

एम्स बिलासपुर ने पहले बैच में 10 सीटों के साथ इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन डिप्लोमा कोर्स शुरू किया

Posted On: 07 MAR 2025 9:41PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश का दौरा किया तथा संस्थान की प्रगति की समीक्षा की तथा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहलों के कार्यान्वयन का मूल्यांकन किया। स्वास्थ्य मंत्री ने संस्थान की सुविधाओं का दौरा किया तथा विभिन्न रोगी देखभाल सेवाओं की उपलब्धता तथा उनके कामकाज के बारे में जानकारी ली। श्री जगत प्रकाश नड्डा ने जन औषधि दिवस की सभी को बधाई भी दी। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा एम्स बिलासपुर के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

श्री जे.पी. नड्डा ने क्षेत्रीय वीआरडीएल (वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी) की नींव रखी, एम्स बिलासपुर में न्यूक्लियर मेडिसिन सुविधा का उद्घाटन किया, एम्स बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) में एक अतिरिक्त अमृत फार्मेसी यूनिट-3 का उद्घाटन किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने विश्राम सदन का भी दौरा किया।

श्री नड्डा ने 3 अक्टूबर, 2017 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसकी नींव रखे जाने के बाद से एम्स बिलासपुर के उल्लेखनीय विकास की प्रशंसा की। समीक्षा बैठक में सांसद श्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिमाचल प्रदेश में विपक्ष के नेता श्री जय राम ठाकुर, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री श्रीकांत शर्मा, हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के विधायक श्री रणधीर शर्मा, श्री जीत राम कटवाल, श्री त्रिलोक जम्वाल, हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के विधायक तथा एम्स बिलासपुर और राज्य सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।

सभा को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने एम्स बिलासपुर द्वारा अपनी स्थापना के कुछ ही समय में की गई प्रगति पर अपनी अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिमाचल प्रदेश और आसपास के क्षेत्र के लोगों को भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश की सहायता और सक्रिय सहयोग से एम्स बिलासपुर द्वारा प्रदान की जाने वाली शीर्ष चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से बहुत लाभ मिलेगा।

एम्स बिलासपुर ने अत्याधुनिक न्यूक्लियर मेडिसिन सुविधा का उद्घाटन किया

श्री जे.पी. नड्डा ने एम्स बिलासपुर में न्यूक्लियर मेडिसिन सुविधा का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया है। यह इस क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह उन्नत सुविधा अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है जिसमें पीईटी/सीटी, एसपीईसीटी/सीटी, एसपीईसीटी रेडियो-फार्मेसी/हॉट लैब और लो-डोज थेरेपी (एलडीटी) वार्ड शामिल है। इनकी लागत 30.43 करोड़ रुपये है। अस्पताल में ही अत्याधुनिक सुविधाओं से विभाग अधिकांश आवश्यक रेडियोफार्मास्युटिकल्स एक ही स्थान पर होगा, जिससे गुर्दे के स्कैन, यकृत स्कैन, हड्डी के स्कैन, थायरॉयड स्कैन, हृदय स्कैन, गैस्ट्रो-आंत्र स्कैन और कैंसर इमेजिंग जैसी नैदानिक ​​जांच संभव हो सकेगी।

व्यापक निदान सेवाओं के अलावा, यह सुविधा थायरॉयड कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, न्यूरो-एंडोक्राइन कैंसर, लीवर कैंसर और हड्डियों तथा जोड़ों के दर्द से पीड़ित रोगियों के लिए कम खुराक वाली रेडियोन्यूक्लाइड थेरेपी भी प्रदान करेगी। श्री नड्डा ने बताया कि "ये सेवाएँ निजी क्षेत्र की तुलना में अत्यंत कम कीमतों पर प्रदान की जाएँगी और पीएमजेएवाई तथा हिमकेयर बीमा योजनाओं में नामांकित रोगियों के साथ-साथ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को ये सेवाएँ निःशुल्क मिलेंगी"। समर्पित वार्ड कम जोखिम वाले थायरॉयड कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और अन्य स्थितियों वाले रोगियों के लिए न्यूनतम खर्च पर डे-केयर उपचार की सुविधा प्रदान करेगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स बिलासपुर में नव स्थापित एसपीईसीटी/सीटी और पीईटी/सीटी सुविधाओं के महत्व के बारे में बताया तथा उन्होंने इसे हिमाचल प्रदेश के रोगियों के लिए परिवर्तनकारी बताया। इस स्थानीय उपलब्धता से स्वास्थ्य सेवा लागत में उल्लेखनीय कमी आने तथा उन्नत नैदानिक ​​सेवाओं की आवश्‍यकता वाले रोगियों के लिए यात्रा समय में कमी आने की उम्मीद है। इसके अलावा, न्यूक्लियर मेडिसिन सुविधा अनुसंधान उद्देश्यों के लिए नए रेडियोफार्मास्युटिकल्स का संश्लेषण और मूल्यांकन हो पाएगा। साथ ही भविष्य में एक उच्च खुराक चिकित्सा (एचडीटी) वार्ड स्थापित करने की भी योजना है। यह पहल एम्स बिलासपुर के लोगो के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री नड्डा ने विश्राम सदन के निर्माण स्थल का भी दौरा किया । 250 बिस्तरों वाले इस संस्थान का निर्माण 13.57 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। निकट भविष्य में बिस्तरों की संख्‍या बढ़ाकर 500 बिस्तर की जाएगी। उन्होंने मौके पर निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। यह संस्थान सुदूर पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है जहां आस-पास के क्षेत्र में मरीजों के परिजनों के ठहरने की कोई सुविधा नहीं है। एम्स के लाभार्थी हिमाचल प्रदेश और आसपास के पंजाब और हरियाणा राज्यों से आ रहे हैं। विश्राम सदन गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करेगा जिन्हें एम्स बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) में कैंसर, हृदय और अन्‍य रोंगो के इलाज की जरूरत है, उन्हें ठंड, गर्मी और मानसून के दौरान लगातार बारिश से सुरक्षा के साथ-साथ आश्रय की जरूरत है। विश्राम सदन में रहने से उन्हें दूर से बार-बार आने-जाने और खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे एक ही बार में निदान और उपचार में मदद मिलेगी, जिससे वे शीघ्र स्वस्थ होंगे, अस्पताल की सेवाओं पर बोझ कम होगा, स्वास्थ्य सेवा बेहतर होगी, मरीजों को संतुष्टि मिलेगी और संस्थान में आने वाले लोगों की जेब से कम खर्च होगा।

एम्स बिलासपुर ने रोगी देखभाल को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त अमृत फार्मेसी इकाई शुरू की

इस नई इकाई को बढ़ते रोगियों के संख्‍या को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है और इसका उद्देश्य सभी रोगियों को किफायती दवाएं उपलब्ध कराना है, जिससे प्रतीक्षा समय कम हो और समग्र रोगी देखभाल में सुधार हो।

यूनिट-3 विशेष रूप से कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, एंडोक्राइनोलॉजी, ऑन्कोलॉजी और नेत्र विभागों सहित विभिन्न विशेषज्ञताओं से संबंधित बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) के रोगियों की आवश्‍यकता को पूरा करेगी। इसके अतिरिक्त, यह आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजनाओं के अंतर्गत इनपेशेंट विभाग (आईपीडी) के रोगियों के साथ-साथ अन्य सरकारी बीमा योजनाओं में नामांकित लोगों को भी क्रेडिट आधार पर सेवाएं प्रदान करेगा।

अमृत ​​फार्मेसी यूनिट-3 न केवल आवश्यक दवाइयां, शल्य चिकित्सा संबंधी सामान और उपभोग्य सामग्रियों की आपूर्ति करेगी अपितु उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुएं जैसे प्रत्यारोपण, चिकित्सा उपकरण, स्टेंट, पेसमेकर और कैंसर संबंधी दवाएं भी काफी रियायती दरों पर उपलब्ध कराएगी, जिससे मरीजों की चौबीसों घंटे सर्वोत्तम संभव देखभाल सुनिश्चित होगी। यह पहल स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ और किफायती बनाने की एम्स बिलासपुर की प्रतिबद्धता को दर्शाती है जिससे अंततः समुदाय के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार होगा।

 

एम्स बिलासपुर ने क्षेत्रीय वीआरडीएल की नींव रखकर उपलब्धि प्राप्‍त की

यह सुविधा भारत भर में कुल 165 क्षेत्रीय वीआरडीएल में से 11 में से एक होगी जो अत्याधुनिक बायोसेफ्टी लेवल 3 प्रयोगशाला, उन्नत अनुक्रमण क्षमताओं और व्यापक नैदानिक ​​और अनुसंधान सुविधाओं से सुसज्जित होगी। क्षेत्रीय वीआरडीएल की स्थापना वायरल बीमारियों और अन्य संक्रामक रोगों के निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। यह ज्ञात और उभरते वायरल खतरों दोनों का उपचार करेगी।

क्षेत्रीय वीआरडीएल न केवल वायरल संक्रमण की समय पर पहचान करने की क्षमता को बढ़ाएगा अपितु स्थानीय विशेषज्ञता और सेवाएं भी प्रदान करेगा जिनकी अक्सर छोटी या दूरदराज के स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में कमी होती है। इसका उद्देश्य रोग के प्रकोपों ​​को ट्रैक करना, मजबूत निगरानी और रिपोर्टिंग प्रणालियों के माध्यम से रोग महामारी विज्ञान की समझ में सुधार करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों को मजबूत करना है। इसके अतिरिक्त, यह प्रयोगशाला नैदानिक ​​प्रक्रियाओं, रोगज़नक़ों से निपटने और प्रकोप प्रबंधन में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी, वायरल और संक्रामक रोग अनुसंधान और निदान के लिए एक सुसंगत नेटवर्क बनाने के लिए सहयोगी अनुसंधान को बढ़ावा देगी। आज तक, 12 शोध कर्मचारियों की भर्ती की गई है और 35 से अधिक रोगजनकों के लिए सीरोलॉजिकल सेवाओं और आणविक परीक्षण के लिए सुविधाएँ स्थापित की गई हैं।

 

कार्यक्रम के दौरान, श्री नड्डा ने एम्स बिलासपुर के विभिन्न विभागों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे विशेषज्ञ डीएम और एमसीएच छात्रों के साथ बातचीत भी की। उन्होंने उन्हें राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ अपना कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया, स्वास्थ्य सेवा और सार्वजनिक स्वास्थ्य में उनके योगदान के महत्व पर जोर दिया। क्षेत्रीय वीआरडीएल की स्थापना इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सुरक्षा और अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे अंततः उत्तरी भारत के लोगों को लाभ होगा। श्री नड्डा ने 35 नए संकाय सदस्यों की सफल भर्ती पर एम्स बिलासपुर को अपनी हार्दिक बधाई भी दी। ये संकाय सदस्‍य जल्द ही संस्थान में शामिल होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि, "प्रतिभाओं का यह आगमन एम्स बिलासपुर के शैक्षणिक परिदृश्य और नैदानिक ​​क्षमताओं में वृद्धि करेगा।

एम्स बिलासपुर ने प्रधानमंत्री आरोग्य मैत्री भीष्म योजना के अंतर्गत भीष्म क्यूब्स के आवंटन के साथ आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाया है। प्रत्येक सेट में दो मदर क्यूब होते हैं जिनमें से प्रत्येक में 33 आरएफ-टैग किए गए मिनी-क्यूब्स होते हैं जो आवश्यक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा आपूर्ति से भरे होते हैं। इनको बड़े पैमाने पर आपदाओं के दौरान 200 से अधिक हताहतों की सहायता के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन क्यूब्स को विभिन्न परिवहन मार्गों जैसे वायु, जल, भूमि और यहां तक ​​कि ड्रोन के माध्यम से भी तैनात किया जा सकता है, जिससे गंभीर परिस्थितियों में तेजी से उपचार सुनिश्चित हो सके। प्रत्येक सेट की लागत लगभग 3 करोड़ रुपये है जो आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

आपदा की तैयारियों के अलावा, एम्स बिलासपुर अपनी सुविधाओं और शैक्षणिक सुविधाओं को बढ़ाने के लिए तैयार है। लगभग 4.90 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक इनडोर स्टेडियम को संकाय, छात्रों और कर्मचारियों के उपयोग के लिए स्वीकृत किया गया है जो विभिन्न इनडोर खेलों के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसके अलावा, 2025 के शैक्षणिक सत्र से संस्थान आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन (ईएमटी) में डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करेगा, जिसमें शुरुआत में 10 छात्रों को स्वीकार किया जाएगा, भविष्य में छात्रों की संख्या बढ़ाने की योजना है। इस पहल का उद्देश्य कुशल तकनीशियनों को प्रशिक्षित करना है जो रोगी को परिवहन के दौरान महत्वपूर्ण देखभाल प्रदान करेंगे। इसके अतिरिक्त, एम्स बिलासपुर अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण और स्टेम सेल थेरेपी सहित व्यापक कैंसर सेवाओं को शुरू करने की तैयारी कर रहा है जिससे उन्नत उपचार विकल्पों तक पहुँच बढ़ेगी। हाल की समीक्षा बैठकों में संस्थान की उपलब्धियों और भविष्य के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिसमें हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया है।

अपने समापन भाषण में श्री नड्डा ने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने एम्स बिलासपुर द्वारा अपनी स्थापना के कुछ ही समय में की गई प्रगति पर अत्यंत प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिमाचल प्रदेश और आसपास के क्षेत्र के लोगों को भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश की मदद और सक्रिय सहयोग से एम्स बिलासपुर द्वारा प्रदान की जाने वाली शीर्ष चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से बहुत लाभ प्राप्त होगा।

***

एमजी/केसी/पीपी/आर


(Release ID: 2109335) Visitor Counter : 83


Read this release in: English