कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
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“लोगों में निवेश की दृष्टि परिकल्‍पना तीन स्तंभों - शिक्षा, कौशल और स्वास्थ्य सेवा” पर आधारित है – प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी


“सरकार युवाओं को डिजिटल कौशल में प्रवीण बनाकर भविष्‍य के लिए तैयार करने को प्रतिबद्ध है” – श्री जयंत चौधरी

उद्योगों को सहयोग करते हुए जुड़ना चाहिए और वैश्विक विशेषज्ञता का लाभ उठाना चाहिए: श्री अतुल कुमार तिवारी

Posted On: 06 MAR 2025 6:31PM by PIB Delhi

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्‍थापित करने पर एक ब्रेकआउट सत्र आयोजित किया। इस सघन विमर्श सत्र में राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों, उद्योग जगत के दिग्‍गजों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों ने बजट घोषणाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की भविष्‍य योजना पर चर्चा की।

कौशल विकास के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्‍थापित किए जाने पर ब्रेकआउट सत्र में सघन चर्चा का संचालन कौशल विकास और उद्यमशीलता सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने किया जबकि कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की आर्थिक सलाहकार सुश्री अर्चना मायाराम ने इसे संयोजित किया। संवाद में भाग लेने वाले विशेषज्ञों में विश्व कौशल केंद्र, ओडिशा की मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी सुश्री रश्मिता पांडा, कर्नाटक सरकार के सेंटर फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी इन एजुकेशन और कर्नाटक कौशल विकास निगम की प्रबंध निदेशक सुश्री रागप्रिया, गुजरात सरकार के श्रम, कौशल विकास और रोजगार सचिव डॉ. विनोद राव, विश्व बैंक की प्रमुख शिक्षा विशेषज्ञ सुश्री शियाओयान लियांग, सिंगापुर एड्ज्‍यूकेशन कन्‍सल्टिंग के संस्थापक और भागीदार श्री एन वराप्रसाद, सिंगापुर के आईटीई एड्ज्‍यूकेशन सर्विसेज के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी श्री सुरेश नटराजन, इंस्टीट्यूट ऑफ कॉम्पिटिटिवनेस के आचार्य अध्यक्ष श्री अमित कपूर, टाटा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स के मुख्‍य कार्यकारी श्री सब्यसाची दास, रिलायंस फाउंडेशन के हेड- स्किलिंग श्री सुदर्शन और जेएंडके सीमेंट्स लिमिटेड के वोकेशनल एड्ज्‍यूकेशन एंड स्किल प्रमुख श्री आशीष सिंह शामिल रहे।

एमएसडीई सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने चर्चा का संचालन करते हुए उद्योग जगत के सहयोग और अंतरराष्ट्रीय हितधारकों के साथ जुड़कर वैश्विक विशेषज्ञता हासिल करने के महत्व पर बल दिया। राज्य सरकारों और शिक्षाविदों के साथ सुदृढ़ साझेदारी स्‍थापित करने की आवश्यकता का उल्‍लेख करते हुए उन्होंने बजट घोषणा के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी हितधारकों को साथ आने की आवश्‍यकता बताई।

विषय संबंधी सघन समूह चर्चा - ब्रेकआउट सत्र उन ग्यारह सत्रों में से एक है जो 5 मार्च को आयोजित लोगों में निवेश पर बजट उपरांत वेबिनार के अनुवर्ती के क्रम में आयोजित किए गए थे। इसमें एमएसडीई के साथ ही उच्च शिक्षा विभाग प्रमुखता से शामिल था। वेबिनार के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि लोगों में निवेश की दृष्टि परिकल्‍पना तीन स्तंभों - शिक्षा, कौशल और स्वास्थ्य सेवा पर आधारित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से हमने 3 करोड़ से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया है। 1000 आईटीआई को उन्‍नत बनाने की योजना बनाई है और वैश्विक स्तर पर हमारे युवाओं को प्रतिस्‍पर्धी बनाना सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक भागीदारी से पांच उत्कृष्टता केंद्र स्थापित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पीएम इंटर्नशिप योजना से उद्योगों के सहयोग से युवाओं को नए अवसर और व्यावहारिक कौशल ज्ञान मिल रहें हैं। कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने समापन संबोधन में भारत के युवाओं को डिजिटल दक्षताओं से युक्‍त बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता का उल्‍लेख किया। उन्होंने कहा कि कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय स्किलिंग फोर एआई रेडीनेस (एसओएआर) कार्यक्रम विकसित कर रहा है, जिसका उद्देश्य कक्षा 6 से ही व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्‍ता) साक्षरता को समेकित करना है। श्री चौधरी ने जोर देकर कहा कि स्किलिंग फोर एआई रेडीनेस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कौशल-आधारित शिक्षा दृष्टिकोण के अनुरूप है और इसका उद्देश्य कम्प्यूटेशनल सोच, समस्या-समाधान और उद्योग-संरेखित एआई कौशल को बढ़ावा देना है। उन्‍होंने कहा कि इसके अलावा माइक्रो-क्रेडेंशियल्स, डिजिटल प्लेटफॉर्म और वैश्विक तकनीकी दिग्‍गजों के साथ साझेदारी द्वारा विद्यार्थी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्‍ता) का ज्ञान हासिल कर सहजता से अपना करियर-पेशेवर भविष्‍य बनाने में सक्षम होंगे। इससे भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के शक्ति केंद्र के रूप में मजबूत बनेगा। उन्होंने कहा कि तेजी से विकसित तकनीक के साथ ही भारत एआई-संचालित उद्योगों के लिए अपने कर्मचारियों को तैयार करने के साथ ही समावेशी विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करते हुए एआई नवोन्‍मेषकों और इस क्षेत्र के दिग्‍गजों की अगली पीढ़ी तैयार कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस निकट होने के अवसर पर मंत्री महोदय ने कौशल विकास और उद्यमिता में महिलाओं के लिए अधिक अवसर प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की। वेबिनार कई प्रमुख सिफारिशों के साथ सम्‍पन्‍न हुआ। इनमें प्रशिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाने, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अधिक स्वायत्तता और उत्‍तरदायित्‍व लाने, उद्योग जगत के साथ मजबूत संपर्क, वैश्विक भागीदारी, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर अधिक ध्यान केंद्रित करने, कौशल पाठ्यक्रम को उद्योग की मांग अनुरूप बनाने और नवीन तकनीकी जानकारी पाठ्यक्रम में शामिल करने की सिफारिशें की गई। सघन समूह चर्चा में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों ने बजट घोषणा की सराहना करते हुए सरकार की उस सोच का स्वागत किया जो भारत के युवाओं को भविष्य में नौकरियों और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की कौशल यात्रा में व्‍यापक योगदान देगा।

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