विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू स्थित इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र के 38वें दीक्षांत समारोह में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 से ‘मुक्त विश्वविद्यालय की संस्कृति’ को बढ़ावा मिलेगा


एनईपी 2020 विद्यार्थियों को अपनी पसंद और रोजगार की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार सीखने में विविधता लाने हेतु विषय बदलने या विषयों को संयोजित करने की अनुमति देता है - इग्नू द्वारा अपनाई जानेवाली एक कार्यप्रणाली

उन्होंने मुद्रा योजना और पीएम विश्वकर्मा योजना की सराहना की, जो युवाओं को औपचारिक नौकरियों की प्रतीक्षा करने के बजाय स्वरोजगार एवं आजीविका के अवसर प्रदान करती हैं

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जम्मू में इग्नू के नए अत्याधुनिक परिसर के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को श्रेय दिया

Posted On: 05 MAR 2025 4:55PM by PIB Delhi

केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज जम्मू स्थित इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र के 38वें दीक्षांत समारोह में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 से ‘मुक्त विश्वविद्यालय की संस्कृति’ को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा।

ऑनलाइन मोड में दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग एवं अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शिक्षा परिदृश्य को, खासकर सामाजिक-आर्थिक बाधाओं के कारण औपचारिक शैक्षिक व्यवस्था तक पहुंचने में असमर्थ रहने वाले लोगों के लिए, बदलने में इग्नू (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय) की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एनईपी 2020 की प्रवेश एवं निकास की लचीली व्यवस्था, पसंद पर आधारित क्रेडिट सिस्टम और विविधतापूर्ण शिक्षण के अवसर जैसी प्रगतिशील विशेषताएं इग्नू जैसे मुक्त विश्वविद्यालयों के उद्देश्यों के अनुरूप हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने एनईपी 2020 के महत्व के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों को व्यक्तिगत पसंद और रोजगार की बदलती आवश्यकताओं के आधार पर विषयों को बदलकर या उन्हें संयोजित करके अपने सीखने के मार्ग में विविधता लाने में सक्षम बनाता है – एक ऐसा दृष्टिकोण जिसे इग्नू द्वारा पहले से ही अपनाया जा रहा है।

केन्द्रीय मंत्री ने 1985 में स्थापना के बाद से इग्नू की उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि अब यह विद्यार्थियों के नामांकन के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है और इसे ए++ की मान्यता हासिल है।

प्रवेश एवं निकास की लचीली व्यवस्था, मॉड्यूलर कार्यक्रम डिजाइन और मल्टीमीडिया-आधारित शिक्षा जैसी इग्नू के पाठ्यक्रमों की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. सिंह ने कहा कि ये नवाचार विद्यार्थियों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, जिससे वे अपनी गति और सुविधा के अनुसार सीखने में सक्षम होते हैं।  

डॉ. सिंह ने कहा, “लचीली डिग्री, पसंद पर आधारित क्रेडिट और विषयों को बदलने या संयोजित करने की क्षमता सहित कई विशेषताएं एनईपी 2020 में शामिल की गई हैं, जो इग्नू को शैक्षिक परिदृश्य में सही अर्थों में एक अग्रणी संस्था बनाती हैं।”

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने इग्नू की वैश्विक पहुंच की प्रशंसा करते हुए कहा कि 15 देशों में इसके 25 विदेशी अध्ययन केन्द्र हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत उपस्थिति है। इसके अलावा, नौ देशों में विदेशी नागरिकों के लिए तीन महीने का ऑनलाइन बुनियादी हिंदी जागरूकता कार्यक्रम चलाने हेतु इग्नू के भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और केन्द्रीय हिंदी निदेशालय (सीएचडी) के साथ सहयोग की भी सराहना की गई।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि ई-विद्याभारती और ई-आरोग्य भारती (ई-वीबीएबी) नेटवर्क परियोजना के माध्यम से 19 अफ्रीकी देशों में 45 ऑनलाइन कार्यक्रम पेश किए जा रहे हैं।

डॉ. सिंह ने इग्नू और केन्या मुक्त विश्वविद्यालय (ओयूके) के बीच रणनीतिक सहयोग सुनिश्चित करने तथा वैश्विक शिक्षा इकोसिस्टम को बढ़ाने का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को दिया।

अपने संबोधन के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने मुद्रा योजना और पीएम विश्वकर्मा योजना जैसी सरकारी पहलों की सराहना की, जो युवाओं को स्वरोजगार और आजीविका के अवसर प्रदान करके सशक्त बनाती हैं। उन्होंने बताया कि मुद्रा योजना जहां कुशल युवाओं को अपना उद्यम शुरू करने हेतु 20 लाख रुपये तक का जमानत-मुक्त ऋण प्रदान करती है, वहीं पीएम विश्वकर्मा योजना प्रशिक्षण के दौरान उन्नत टूलकिट एवं वजीफा प्रदान करके पारंपरिक कारीगरों का समर्थन करती है, जिससे उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ कम होता है। डॉ. सिंह ने कौशल विकास के महत्व पर भी जोर दिया और रक्षा बलों में सेवा करने के लिए आवश्यक कौशल को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए गए विशेष कौशल-आधारित स्नातक डिग्री कार्यक्रमों को मान्यता दी।

आधुनिक शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के महत्व को स्वीकार करते हुए, डॉ. सिंह ने सीखने की प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी को समन्वित करने के इग्नू के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से इग्नू द्वारा संचालित छह स्वयंप्रभा चैनलों का उल्लेख किया, जो विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक सामग्री एवं ऑनलाइन संसाधन सुलभ कराते हैं।

केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू में इग्नू के नए अत्याधुनिक परिसर पर प्रसन्नता एवं संतुष्टि व्यक्त की। इस परिसर का उद्घाटन 7 फरवरी, 2024 को हुआ था। केन्द्रीय मंत्री ने इसे क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। इस बात को यह याद करते हुए कि 1998 में इस केन्द्र की स्थापना के बाद से इस परिसर की स्थापना एक लंबे समय से प्रतीक्षित सपना था, उन्होंने इस नए परिसर को जम्मू के युवाओं और इच्छुक शिक्षार्थियों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की ओर से एक उपहार बताया। उन्होंने जम्मू क्षेत्रीय केन्द्र में लगभग 6 लाख विद्यार्थियों के संचयी नामांकन पर प्रकाश डाला, जिसमें से 2 लाख से अधिक शिक्षार्थी 2020 से नामांकित हैं।

अपने संबोधन का समापन करते हुए, डॉ. सिंह ने युवाओं से प्रधानमंत्री मोदी के वर्ष 2047, जोकि भारत की आजादी की शताब्दी को चिन्हित करता है, तक “विकसित भारत” के सपने को साकार करने में सक्रिय रूप से योगदान देने का आग्रह किया। डॉ. सिंह ने कहा, “आज के स्नातक भाग्यशाली हैं जो भारत के परिवर्तनकारी विकास को देख रहे हैं और मैं उनसे राष्ट्र के उज्जवल भविष्य की ओर इस महान यात्रा का हिस्सा बनने का आग्रह करता हूं।”

38वां दीक्षांत समारोह - 11,293 स्नातकों के लिए ऐतिहासिक क्षण

जम्मू स्थित इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र से कुल 11,293 विद्यार्थियों ने अपने-अपने कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरे किए, जोकि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। सफल स्नातकों का कार्यक्रमवार विवरण इस प्रकार है:- स्नातक: 5,852, परास्नातक: 4,988, डिप्लोमा: 316, प्रमाण पत्र: 137

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(Release ID: 2108634)
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