भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय
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भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग तकनीक पर पहली कार्यशाला मानकीकरण और टिकाऊ गतिशीलता में नई प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है

Posted On: 24 FEB 2025 8:14PM by PIB Delhi

यूरोपीय संघ और भारत समृद्धि, स्थिरता, सुरक्षा और लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने के लिए एक नए रणनीतिक एजेंडे के हिस्से के रूप में अपनी साझेदारी को बढ़ा कर रहे हैं।  इसमें अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग एक गतिशील योगदान देता है।

इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग तकनीक पर पहली भारत-यूरोपीय संघ कार्यशाला 24 फरवरी 2025 को भारत के पुणे में आयोजित की गई थी। भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) कार्य समूह 2 के तत्वावधान में हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर आयोजित कार्यशाल में नीति-निर्माताओं, इलेक्ट्रो-मोबिलिटी उद्योग के प्रतिनिधियों, मानकीकरण संघों और तकनीकी परीक्षण सुविधाओं को एक साथ लाने में सफलता मिली। इससे टिकाऊ परिवहन के लिए सामंजस्यपूर्ण समाधान को बढ़ावा दिया जा सकेगा। कार्यशाला में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय से डॉ. मनोरंजन मोहंती (सलाहकार) और डॉ. हफ्सा अहमद (वैज्ञानिक), ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया से डॉ. रेजी मथाई (निदेशक) और श्री अभिहित मुले (उप निदेशक) और भारतीय मानक ब्यूरो के उप निदेशक श्री नितीश कुमार जैन ने शामिल हुए। यूरोपीय आयोग से प्रतिभागियों में डॉ. लिलियाना पासेसिनिक, डॉ. हेराल्ड स्कोल्ज़, श्री डर्क ग्रोमैन और डॉ. साकी गेरासिस ऑनलाइन शामिल हुए। भारतीय और यूरोपीय उद्योग के हितधारकों ने भी कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लिया।

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यह कार्यशाला टीटीसी कार्य समूह 2 के कार्य एजेंडे में मील के पत्थरों में से एक रही है और 28 फरवरी 2025 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाली आगामी दूसरी टीटीसी मंत्रिस्तरीय बैठक में एक उपलब्धि के रूप में इस पर चर्चा की जाएगी।

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ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) और यूरोपीय आयोग के संयुक्त अनुसंधान केंद्र (जेआरसी) द्वारा भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में ईवी चार्जिंग के प्रमुख नीतिगत और तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की गई। इसमें सभी आकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल किया गया और मानकीकरण तथा रणनीतिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया। कार्यशाला में विशेषज्ञ प्रस्तुतियाँ, नीतिगत संवाद और पैनल चर्चाएँ शामिल थीं। इनमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया:

  • यूरोपीय संघ और भारतीय चार्जिंग मानक, बुनियादी ढांचे की आवश्यकताएं, संचार और अंतर-संचालन लक्ष्यों के लिए आवश्यकताएं;
  • भारत और यूरोपीय संघ में संधारणीय गतिशीलता में भविष्य की रणनीतिक दिशाओं के बारे में अंतर्दृष्टि, जिसमेंअर्थव्यवस्थाओं के लिए संभावित तालमेल शामिल हैं;
  • ईवी चार्जिंग सिस्टम परीक्षण क्षमताएं और पूर्व-मानक अनुसंधान, एआरएआई और जेआरसी सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए;
  • ईवी-चार्जिंग में भारत-यूरोपीय संघ सहयोग को बढ़ाने के लिए उद्योग के दृष्टिकोण

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कार्यशाला ने ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मानकों को एक सामान बनाने पर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने का अवसर प्रदान किया, जिसमें सामंजस्यपूर्ण परीक्षण समाधानों के लिए सहकारी, पूर्व-मानक अनुसंधान और इलेक्ट्रो-मोबिलिटी के क्षेत्र में ज्ञान का आदान-प्रदान शामिल है।

इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों को एआरएआई प्रयोगशाला का दौरा करने का अवसर मिला, जिससे उन्हें भारत की अत्याधुनिक ईवी और इलेक्ट्रो-मोबिलिटी परीक्षण सुविधाओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त हुआ।

भारत और यूरोपीय संघ द्वारा स्थापित व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद के बारे में

भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) की घोषणा पहली बार यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2022 में की थी। 6 फरवरी 2023 को स्थापित यह रणनीतिक समन्वय तंत्र दोनों पक्षों को व्यापार, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी और सुरक्षा के क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने का अवसर देता है और इन क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाता है। भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी की स्थापना भारत और यूरोपीय संघ के सभी लोगों के लाभ के लिए एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

टीटीसी दोनों भागीदारों के बीच व्यापार और प्रौद्योगिकी पर रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मंच है। भू-रणनीतिक चुनौतियों ने साझा मूल्यों के आधार पर सुरक्षा, समृद्धि और सतत विकास सुनिश्चित करने में यूरोपीय संघ और भारत के साझा हितों को मजबूत किया है।

टीटीसी में तीन कार्य समूह शामिल हैं:

  1. रणनीतिक प्रौद्योगिकियों, डिजिटल शासन और डिजिटल कनेक्टिविटी पर कार्य समूह 1
  2. हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर कार्य समूह 2; और
  3. व्यापार, निवेश और लचीली मूल्य श्रृंखलाओं पर कार्य समूह 3।

कार्य समूह अब पहचाने गए उद्देश्यों और प्रमुख कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी कार्य समूह 2 का नेतृत्व भारतीय पक्ष से भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा और यूरोपीय संघ की ओर से यूरोपीय आयोग के अनुसंधान और नवाचार महानिदेशालय द्वारा किया जा रहा है।

दोनों पक्षों को उम्मीद है कि वे 2025 में मंत्रिस्तरीय स्तर पर अगली टीटीसी बैठक में मानकीकरण रणनीति पर इस कार्यशाला और ईवी गतिशीलता में विश्वसनीय परीक्षण संभावनाओं जैसी पहलों के माध्यम से इस क्षेत्र में हुई प्रगति पर रिपोर्ट करेंगे।

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एमजी/आरपी/केसी/एसके


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