जनजातीय कार्य मंत्रालय
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने अपना 22वां स्थापना दिवस मनाया
Posted On:
19 FEB 2025 3:31PM by PIB Delhi
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सक्रिय पहल की सराहना की । उन्होंने आयोग द्वारा की जा रही सक्रिय गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि संविधान द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए आयोग ने वन अधिकार कानून के क्रियान्यवयन और निगरानी की दिशा में महत्ती भूमिका निभाई है। वे आज यहां राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के 22वें स्थापना दिवस समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
श्री जुएल ओराम ने आश्वासन दिया कि जनजातीय मंत्रालय, आयोग के साथ मिलकर अनुसूचित जनजाति समाज के बेहतर, सम्मानपूर्ण जीवन जीने, सामाजिक न्याय और सर्वांगीण विकास के लिए साथ मिलकर लगातार कार्य करता रहेगा। अपने सम्बोधन में उन्होने केंद्र सरकार के स्तर से अनुसूचित जनजाति समाज के लिए की जा रही विशिष्ट पहलों की भी चर्चा की और कहा कि उनका मंत्रालय अनुसूचित जनजाति वर्गों की शिक्षा के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल, प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति, नेशनल ओवरशीज़ छात्रवृति जैसे विशिष्ट पहल कर रहा है। इसके अलावा एक विशेषीकृत विकास योजना की दिशा मे केंद्र सरकार ने देश भर के जनजाति समाज मे से कुल 75 ऐसे समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के रूप मे चिन्हित किया है।
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स्थापना दिवस कार्यक्रम में अपने सम्बोधन मे राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री अंतर सिंह आर्य ने आयोग के विषय मे विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि पदभार ग्रहण करने के बाद से वर्तमान आयोग लगातार देशभर के अनुसूचित जनजाति समुदायों के बीच भ्रमण कर रहा है। आयोग अपने कार्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन करते हुए 100 दिवस की कार्य योजना बना कर देश के विभिन्न राज्यों, जिलों, सार्वजनिक उपक्रमों की समीक्षा भी कर रहा है। उन्होने आयोग द्वारा किए गए कार्यों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तथा कहा कि अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की रक्षा और उनके विकास के लिए आयोग लगातार प्रयासरत है।
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इस कार्यक्रम में आयोग के सदस्यों श्री निरुपम चकमा, डॉ. आशा लाकड़ा और श्री जाटोतु हुसेन ने भी अपने अनुभव और विचार साझा किए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य श्री वड़ेपल्ली रामचंदर के साथ-साथ विभिन्न राष्ट्रीय आयोगों के अध्यक्ष, सदस्य और सचिव, अनुसूचित जनजाति समुदायों के प्रतिनिधि और विश्वविद्यालय के छात्र जैसे अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
उद्घाटन सत्र के दौरान आयोग के सचिव श्री पुनीत कुमार गोयल ने अतिथियों का स्वागत किया और आयोग के प्रमुख गतिविधियों, सफल प्रकरणों और आयोग का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। उदघाटन सत्र के पश्चात जनजातीय समुदायों की प्रगति, विकास, कौशल, उद्यमिता आधारित विभिन्न सत्र भी आयोजित किए गए, जिनमें राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के विशेषज्ञों, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं ने अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम का समापन आयोग के संयुक्त सचिव श्री अमित निर्मल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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पवन सिंह फौजदार/दिव्यांशु कुमार
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