जल शक्ति मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल ने दूसरे अखिल भारतीय राज्य जल मंत्री सम्मेलन का उद्घाटन किया


इस उच्च स्तरीय संवाद ने देश में जल सुरक्षा पर जोर दिया

सम्मेलन के पहले दिन जल भंडारण बुनियादी ढांचे के विकास और रखरखाव पर चर्चा हुई

सम्मेलन में जल जीवन मिशन (जेजेएम) को बनाए रखने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई, मिशन में सामुदायिक नेतृत्व वाले संचालन पर विशेष जोर दिया जाता है

Posted On: 18 FEB 2025 10:25PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय जल शक्ति मंत्रालय का दूसरा अखिल भारतीय राज्य जल मंत्री सम्मेलन आज राजस्थान के उदयपुर में शुरू हुआ। इसका उद्घाटन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की मौजूदगी में किया। सम्मेलन में ओडिशा और त्रिपुरा के मुख्यमंत्रियों, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्रियों के साथ-साथ 30 मंत्रियों और 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह उच्च स्तरीय संवाद जल विजन @2047 पर आधारित है, जिसे पहली बार 2023 भोपाल सम्मेलन में तैयार किया गया था, इसके बाद 2024 में महाबलीपुरम में सचिवों के सम्मेलन में इसकी समीक्षा की गई।

सम्‍मेलन के पहले दिन, जल प्रबंधन को मजबूत करने, भंडारण के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, सिंचाई प्रणालियों में सुधार करने और जल-उपयोग दक्षता बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया गया। सम्‍मेलन में राज्य विशेष की जरूरतों के अनुरूप एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन (आईडब्‍ल्‍यूआरएम), जमीनी स्तर पर भागीदारी को बढ़ावा देने और मांग तथा उपलब्धता में सामंजस्‍य बनाने के लिए जल बजट की आवश्यकता पर जोर दिया गया। दक्षता और स्थिरता में सुधार के लिए डेटा, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार का लाभ उठाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। इसके अलावा, सामुदायिक स्‍मर पर जल संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए देश भर में 'जल संचय जन भागीदारी' पहल पर जोर दिया गया।

सम्‍मेलन में मुख्य ध्यान केंद्रित क्षेत्र जल भंडारण अवसंरचना का विकास और रखरखाव रहा, जो न केवल नई परियोजनाओं के माध्यम से बल्कि मौजूदा प्रणालियों के विस्तार, नवीनीकरण और आधुनिकीकरण (ईआरएम) को प्राथमिकता देकर किया जाना है। इस संवाद में जल उपलब्धता बढ़ाने के लिए छोटे जल निकायों की मरम्मत और उनके नवीनीकरण के साथ ही आम सहमति से नदी अंतर्संबंध परियोजनाओं में तेजी लाने के महत्व पर जोर दिया गया। प्रतिनिधियों ने बेहतर जल भंडारण प्रबंधन के लिए स्वचालित जलाशय संचालन की ज़रूरत पर भी जोर दिया। इसके साथ ही उन्‍होंने हर स्तर पर जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए व्यापक हस्तक्षेप भी किया।

सम्मेलन में जल जीवन मिशन (जेजेएम) को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई, जिसमें ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) के माध्यम से सामुदायिक संचालन और रखरखाव पर विशेष जोर दिया गया। जल गुणवत्ता परीक्षण प्राथमिकता बनी हुई है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हर घर तक सुरक्षित पेयजल पहुंचे। चर्चाओं में अमृत योजना के माध्यम से शहरी जल सुरक्षा हासिल करने और स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत अनुपचारित घरेलू अपशिष्ट जल (ग्रेवाटर) प्रबंधन को एकीकृत करने के उपायों पर भी चर्चा की गई। संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीने योग्य पानी सबसे वंचित समुदायों तक पहुंचे।

दूसरे दिन भी विचार-विमर्श जारी रहेगा और सम्मेलन में ठोस कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा, जो भारत की दीर्घकालिक जल सुरक्षा रणनीति को आगे बढ़ाएगी तथा विकसित भारत @2047 के विजन में योगदान देगी।

***

एमजी/केसी/एके/वाईबी


(Release ID: 2104609) Visitor Counter : 106


Read this release in: English , Urdu