संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
दूरसंचार विभाग और आईटीयू ने एआई-संचालित डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकियों के साथ भविष्य के लिए तैयार बुनियादी ढांचे की योजना बनाने के लिए सहयोग किया
आईटीयू और संचार मंत्रालय के बीच सहयोग के लिए आशय पत्र (एलओआई) पर हस्ताक्षर
भारत की वैश्विक डिजिटल अगुवाई को मजबूत करना: भारत ने आईटीयू-प्लेनिपोटेंटियरी सम्मेलन 2030 की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा
Posted On:
17 FEB 2025 7:58PM by PIB Delhi
भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सचिव (दूरसंचार) डॉ. नीरज मित्तल भारत के वैश्विक डिजिटल नेतृत्व को और मजबूत करने तथा दूरसंचार क्षेत्र में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हितधारकों के साथ संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए आज जिनेवा की आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुए।
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उनकी यात्रा के दौरान, दूरसंचार विभाग (डीओटी) और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) ने एक आशय पत्र (एलओआई) पर हस्ताक्षर किए, जो रणनीतिक सहयोग के एक नए चरण की शुरुआत को चिह्नित करता है। इस आशय पत्र के माध्यम से, दोनों पक्ष आम पहलों और परियोजनाओं को पूरा करने के लिए शर्तों और तौर-तरीकों के बारे में चर्चा शुरू करने का इरादा रखते हैं। ये इस प्रकार हैं-
- डिजिटल क्षेत्र, एआई-संचालित समाधान, आभासी दुनिया प्रौद्योगिकियों और आईएमटी-2030 प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी क्षमता में नवाचार को बढ़ावा देना;
- निर्बाध अंतरसंचालनीयता और मापनीयता सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक मानकों और बेहतर विधियों के विकास को बढ़ावा देना;
- साझा ढांचे, क्षमता निर्माण और अंतर-क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से सतत विकास को आगे बढ़ाना, और
- शहरी एवं बुनियादी ढांचे की योजना बनाने में नागरिक सहभागिता एवं भागीदारी दृष्टिकोण को बढ़ावा देना।
आईटीयू की महासचिव सुश्री डोरेन बोगदान-मार्टिन के साथ अपनी बैठक में डॉ. मित्तल ने डिजिटल संयोजकता, समावेशन और नवाचार के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इस चर्चा में 5जी/6जी प्रौद्योगिकियों में भारत का नेतृत्व, डिजिटल परिवर्तन के लिए एआई, साइबर सुरक्षा ढांचे और वैश्विक डिजिटल विभाजन को पाटने के उद्देश्य से आईटीयू की सहयोगी सपंर्क पहल शामिल थी। भारत ने वैश्विक संयोजकता परियोजनाओं और कौशल विकास कार्यक्रमों में योगदान देकर आईटीयू की पहलों का समर्थन करने का अपना संकल्प भी दोहराया।
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इसके अलावा, दूरसंचार और आईसीटी विनियमन पर नीतिगत चर्चा के लिए भारत को वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से डॉ. मित्तल ने भारत में आईटीयू-प्लेनिपोटेंटियरी कॉन्फ्रेंस 2030 की मेजबानी करने का भी प्रस्ताव रखा। भारत के प्रस्ताव को सकारात्मक रूप से स्वीकार किया गया और इस पर आगामी आईटीयू परिषद बैठक में चर्चा जारी रहेगी। भारत ने अक्टूबर 2024 में नई दिल्ली में डब्ल्यूटीएसए-2024 की सफलतापूर्वक मेजबानी की है।
एआई-संचालित डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजीज: संयोजकता से परे दूरसंचार
अगली पीढ़ी की मोबाइल संचार तकनीकें पारंपरिक संयोजकता से आगे बढ़कर अभिनव बुनियादी ढांचे की योजना के लिए आवश्यक प्लेटफ़ॉर्म बन गई हैं। एआई, डिजिटल ट्विन्स और वास्तविक समय, सर्वव्यापी संयोजकता को एकीकृत तंत्र में सहजता से एकीकृत करके, ये तकनीकें व्यापक बुद्धिमत्ता उत्पन्न करती हैं। इससे खुली और परस्पर जुड़ी प्रणालियां सक्षम बनती हैं जो बुनियादी ढांचे की योजना बनाने, सहयोग करने, परिवहन, शहरी विकास और स्वास्थ्य सेवा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में क्रियान्वयन के तरीके को मौलिक रूप से बदल देती हैं। ये प्रगति बुनियादी ढांचे की योजना को अधिक गतिशील, अनुकूल और टिकाऊ बनाने में सक्षम बनाती है, जिससे सभी क्षेत्रों को लाभ होता है।
आशय पत्र के माध्यम से सहयोग दूरसंचार क्षेत्र की भूमिका में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है - जो केवल संयोजकता प्रदान करने से विकसित होकर एक ऐसा मंच बन गया है जो बुनियादी ढांचे की योजना के लिए सटीक, विश्वसनीय और व्यावहारिक डेटा प्रदान करता है। यह अभिनव व्यावसायिक मॉडल का पता लगाने के अवसर खोलता है, जिससे उद्योगों में मापनीय, डेटा-संचालित और ज्ञान-आधारित समाधान प्रदान करने के लिए एक नया तंत्र सक्षम होता है, जो टिकाऊ विकास को बढ़ावा देता है और बुनियादी ढांचे के भविष्य को आकार देता है।
सहयोग की मुख्य विशेषताएं:
- ज्ञान साझाकरण और क्षमता निर्माण: अंतर-क्षेत्रीय डेटा एकीकरण और सहयोगात्मक योजना में सुधार के लिए दूरसंचार विभाग के संगम और आईटीयू की सिटीवर्स जैसी पहलों से प्राप्त अंतर्दृष्टि के आदान-प्रदान को सुगम बनाना। सिटीवर्स यूरोपीय संघ की परियोजना है, जो शहरी नियोजन में सुधार करने और शहरों को अधिक कुशल बनाने के लिए एआई का उपयोग करती है।
- वैश्विक मानक विकास: एआई-संचालित समाधानों की निर्बाध मापनीयता सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक मानक, एपीआई और कार्यप्रणाली बनाने के लिए आशय पत्र डिजिटल ट्विन्स और स्मार्ट शहरों पर आईटीयू-टी अध्ययन समूह 20 में योगदान देना।
- सैंडबॉक्स वातावरण और प्रदर्शन: नवीन डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करने, पायलट परियोजनाएं संचालित करने, तथा इन प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी क्षमता को मान्य करने वाले विनियामक ढांचे को अपनाने के लिए सैंडबॉक्स वातावरण स्थापित करना।
- नागरिक सहभागिता और सिमुलेशन: वास्तविक समय शहरी नियोजन और बुनियादी ढांचे के विकास में नागरिकों को शामिल करने के लिए एआई-संचालित प्लेटफार्मों का उपयोग करना, जिससे सहभागी शासन और सहयोगात्मक निर्णय लेने में वृद्धि हो।
- मोबाइल फोन डेटा (एमपीडी) और गोपनीयता: गोपनीयता बढ़ाने वाली तकनीकों (पीईटी) और आईसीटी मापन में उनके उपयोग पर अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान, विशेष रूप से शहरी नियोजन के लिए डिजिटल ट्विन्स के निर्माण के संदर्भ में।
- डिजिटल ट्विन्स के लिए एआई मॉडल एकीकरण: बुनियादी ढांचे के विकास और शहरी गतिशीलता चुनौतियों के लिए संदर्भ-संवेदनशील समाधान प्रदान करने के लिए देश-विशिष्ट डेटासेट के उपयोग से एआई मॉडल को अनुकूलित करना।
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