संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने ‘दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत दिए जाने वाले नेटवर्क प्राधिकार के नियमों एवं शर्तों से संबंधित सिफारिशें’ जारी कीं
Posted On:
17 FEB 2025 6:20PM by PIB Delhi
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज 'दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत दिए जाने वाले नेटवर्क प्राधिकार के नियमों एवं शर्तों से संबंधित सिफारिशें’ जारी की हैं।
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दिनांक 26.07.2024 को एक पत्र के माध्यम से ट्राई को सूचित किया कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 को दिसंबर 2023 में भारत के आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित किया गया है। इस अधिनियम की धारा 3(1)(बी) में दूरसंचार नेटवर्क को स्थापित करने, संचालित करने, उसका रखरखाव या विस्तार करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति द्वारा शुल्क या प्रभार, जो भी निर्धारित किया जाए, सहित ऐसे नियमों एवं शर्तों के अधीन प्राधिकार प्राप्त करने का प्रावधान है। डीओटी ने दिनांक 26.07.2024 को एक पत्र के माध्यम से, ट्राई से दूरसंचार अधिनियम, 2024 की धारा 3(1)(बी) के तहत दूरसंचार नेटवर्क को स्थापित करने, संचालित करने, उसका रखरखाव या विस्तार करने के लिए प्राधिकार हेतु शुल्क या प्रभार सहित नियमों एवं शर्तों के संबंध में ट्राई अधिनियम, 1997 (संशोधित) की धारा 11(1)(ए) के तहत अपनी सिफारिशें प्रदान करने का अनुरोध किया। इसके अलावा, दिनांक 17.10.2024 को अपने परिशिष्ट पत्र के माध्यम से डीओटी ने ट्राई से दूरसंचार अधिनियम, 2024 की धारा 3(1)(बी) के तहत उपग्रह संचार नेटवर्क के लिए एक प्राधिकार पर विचार करने का अनुरोध किया।
इस संबंध में, ट्राई ने 22.10.2024 को 'दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत दिए जाने वाले नेटवर्क प्राधिकार के नियम एवं शर्तों’ के बारे में एक परामर्श पत्र जारी किया और परामर्श पत्र में उठाए गए मुद्दों पर विभिन्न हितधारकों से टिप्पणियां और प्रति-टिप्पणियां मांगी। टिप्पणियां और प्रति-टिप्पणियां प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि क्रमशः 12.11.2024 और 19.11.2024 थी। हालांकि, कुछ हितधारकों के अनुरोध पर, लिखित टिप्पणियां और प्रति-टिप्पणियां प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर क्रमशः 19.11.2024 और 26.11.2024 कर दी गईं।
परामर्श पत्र में उठाए गए मुद्दों के जवाब में, 32 हितधारकों ने अपनी टिप्पणियां प्रस्तुत कीं, और 11 हितधारकों ने अपनी प्रति-टिप्पणियां प्रस्तुत कीं। परामर्श प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, ट्राई ने 17.12.2024 को वर्चुअल मोड के माध्यम से एक खुली चर्चा (ओएचडी) आयोजित की।
परामर्श प्रक्रिया के दौरान विभिन्न हितधारकों से प्राप्त टिप्पणियों और अपने स्वयं के विश्लेषण के आधार पर, ट्राई ने दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत दिए जाने वाले नेटवर्क प्राधिकार के नियमों एवं शर्तों से संबंधित सिफारिशों को अंतिम रूप दिया है। इन सिफारिशों का उद्देश्य दूरसंचार क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना और व्यापार करने में आसानी बढ़ाना है। इन सिफारिशों के माध्यम से, प्राधिकरण ने दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत दिए जाने वाले विभिन्न नेटवर्क प्राधिकारों के लिए विस्तृत नियमों एवं शर्तों के अलावा, एक नेटवर्क प्राधिकार ढांचे की सिफारिश की है। इन सिफारिशों के मुख्य बिंदु नीचे दिए गए हैं:
- केन्द्र सरकार को किसी प्रतिष्ठान के साथ समझौता करने के बजाय दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) के तहत नेटवर्क प्राधिकार प्रदान करना चाहिए।
- प्रत्येक नेटवर्क प्राधिकार के विस्तृत नियम एवं शर्तें दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) के तहत अधिसूचित नियमों के माध्यम से निर्धारित की जानी चाहिए।
- इन सिफारिशों से उत्पन्न होने वाले नेटवर्क प्राधिकार के नियमों एवं शर्तों में किसी भी बदलाव के लिए, राज्य की सुरक्षा के हित को छोड़कर, केन्द्र सरकार को ट्राई की सिफारिशें मांगनी चाहिए।
- दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) के तहत नियमों को नीचे दिए गए तरीके से व्यवस्थित किया जाना चाहिए:
- दूरसंचार (नेटवर्क प्राधिकार प्रदान करने संबंधी) नियम; और
- प्रत्येक नेटवर्क प्राधिकार के लिए अलग नियम।
- दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) के तहत केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला प्रत्येक नेटवर्क प्राधिकार एक प्राधिकरण दस्तावेज के रूप में होना चाहिए, जिसमें नेटवर्क प्राधिकार के आवश्यक तत्व शामिल हों।
- अवसंरचना प्रदाता (आईपी) प्राधिकार:
- केन्द्र सरकार को दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) के तहत अवसंरचना प्रदाता (आईपी) प्राधिकार की शुरुआत करनी चाहिए।
- डार्क फाइबर्स, राइट ऑफ वे, डक्ट स्पेस और टावरों को स्थापित करने, संचालित करने, उनका रखरखाव या विस्तारित करने का इरादा रखने वाले किसी भी प्रतिष्ठान को केन्द्र सरकार से आईपी प्राधिकार प्राप्त करना चाहिए।
- आईपी प्राधिकार का मुख्य दायरा: दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(ए) के तहत अधिकृत संस्थाओं को डार्क फाइबर, राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू), डक्ट स्पेस, टावर और इन-बिल्डिंग समाधान (आईबीएस) प्रदान करना।
- डिजिटल कनेक्टिविटी अवसंरचना प्रदाता (डीसीआईपी) प्राधिकार:
- केन्द्र सरकार को दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) के तहत डिजिटल कनेक्टिविटी अवसंरचना प्रदाता (डीसीआईपी) प्राधिकार की शुरुआत करनी चाहिए।
- वायरलाइन एक्सेस नेटवर्क, रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन), ट्रांसमिशन लिंक और वाई-फाई सिस्टम को स्थापित करने, संचालित करने, उसका रखरखाव या विस्तार करने का इरादा रखने वाले किसी भी प्रतिष्ठान को केन्द्र सरकार से डीसीआईपी प्राधिकार प्राप्त करना चाहिए।
- डीसीआईपी प्राधिकार का मुख्य दायरा: डीसीआईपी अधिकृत संस्थाएं दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(ए) के तहत अधिकृत संस्थाओं को वायरलाइन एक्सेस नेटवर्क, रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन), ट्रांसमिशन लिंक, वाई-फाई सिस्टम और इन-बिल्डिंग सॉल्यूशन (आईबीएस) प्रदान कर सकती हैं। डीसीआईपी अधिकृत संस्थाएं दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(ए) के तहत अधिकृत संस्थाओं को डार्क फाइबर, राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू), डक्ट स्पेस और टावर भी प्रदान कर सकती हैं। .
- इन-बिल्डिंग समाधान (आईबीएस):
संपत्ति प्रबंधक को उसके द्वारा प्रबंधित एकल भवन, परिसर या संपत्ति की सीमा के भीतर इन-बिल्डिंग समाधान (आईबीएस) को स्थापित करने, संचालित करने, उसका रखरखाव और विस्तार करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस प्रयोजन के लिए, दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) के तहत केन्द्र सरकार से कोई प्राधिकार प्राप्त करने की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। यहां, “संपत्ति प्रबंधक” शब्द का अर्थ वह व्यक्ति है जो या तो संपत्ति का मालिक है या संपत्ति को नियंत्रित करने या प्रबंधित करने का कोई कानूनी अधिकार रखता है।
- कंटेंट वितरण नेटवर्क (सीडीएन):
कंटेंट वितरण नेटवर्क (सीडीएन) की स्थापना, संचालन, रखरखाव और विस्तार को दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(3) के तहत प्राधिकार-मुक्त होना चाहिए।
- इंटरनेट एक्सचेंज प्वाइंट (आईएक्सपी) प्राधिकार:
- केन्द्र सरकार को दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) के तहत इंटरनेट एक्सचेंज प्वाइंट (आईएक्सपी) प्राधिकार की शुरुआत करनी चाहिए।
- भारत में इंटरनेट एक्सचेंज पॉइंट्स (आईएक्सपी) को स्थापित करने, संचालित करने, उनका रखरखाव या विस्तार करने के इच्छुक किसी भी प्रतिष्ठान को केन्द्र सरकार से आईएक्सपी प्राधिकार प्राप्त करना चाहिए।
- आईएक्सपी प्राधिकार का मुख्य दायरा: दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए अधिकृत संस्थाओं और भारत में स्थित कंटेंट वितरण नेटवर्क (सीडीएन) प्रदाताओं के बीच भारत के भीतर उत्पन्न और नियत किए गए इंटरनेट ट्रैफ़िक का तालमेल और आदान-प्रदान प्रदान करना।
- सैटेलाइट अर्थ स्टेशन गेटवे (एसईएसजी) प्रदाता प्राधिकार:
- केन्द्र सरकार को दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) के तहत सैटेलाइट अर्थ स्टेशन गेटवे (एसईएसजी) प्रदाता प्राधिकार की शुरुआत करनी चाहिए।
- भारत में सैटेलाइट अर्थ स्टेशन गेटवे (एसईएसजी) की स्थापना, संचालन, रखरखाव या विस्तार करने के इच्छुक किसी भी प्रतिष्ठान के लिए केन्द्र सरकार से एसईएसजी प्रदाता प्राधिकार प्राप्त करना आवश्यक होना चाहिए।
- एसईएसजी प्रदाता प्राधिकार का मुख्य दायरा: उन संस्थाओं को अपना एसईएसजी अवसंरचना प्रदान करना जो दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(ए) के तहत अधिकृत हैं और जिन्हें उनकी सेवा के दायरे के तहत उपग्रह मीडिया का उपयोग करने की अनुमति है।
- एक सेवा के रूप में ग्राउंड स्टेशन (जीएसएएएस):
निम्नलिखित श्रेणियों के ग्राउंड स्टेशनों की स्थापना, संचालन, रखरखाव और विस्तार [जैसा कि मई 2024 में इन-स्पेस द्वारा जारी अंतरिक्ष गतिविधियों के प्राधिकार (एनजीपी) के संबंध में भारतीय अंतरिक्ष नीति -2023 के कार्यान्वयन के लिए मानदंडों, दिशानिर्देशों और प्रक्रियाओं में परिकल्पित है] को दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(3) के संदर्भ में प्राधिकार-मुक्त किया जाना चाहिए:
- उपग्रह नियंत्रण केन्द्र (एससीसी)
- टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड (टीटी एंड सी)
- मिशन नियंत्रण केंद्र (एमसीसी)
- रिमोट सेंसिंग डेटा रिसेप्शन स्टेशन
- अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं जैसे अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता (एसएसए), खगोलीय, अंतरिक्ष विज्ञान या नेविगेशन मिशन आदि के संचालन के समर्थन के लिए ग्राउंड स्टेशन।
- क्लाउड-होस्टेड टेलीकॉम नेटवर्क (सीटीएन) प्राधिकार:
- केन्द्र सरकार को दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) के तहत क्लाउड-होस्टेड टेलीकॉम नेटवर्क (सीटीएन) प्रदाता प्राधिकार की शुरुआत करनी चाहिए।
- क्लाउड-होस्टेड दूरसंचार नेटवर्क को स्थापित करने, संचालित करने, उसके रखरखाव या विस्तार करने का इरादा रखने वाले किसी भी प्रतिष्ठान को केन्द्र सरकार से सीटीएन प्रदाता प्राधिकार प्राप्त करना चाहिए।
- सीटीएन प्राधिकार का मुख्य दायरा: दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(ए) के तहत अधिकृत पात्र संस्थाओं को क्लाउड-होस्टेड दूरसंचार नेटवर्क-ए-ए-सर्विस (सीटीएनएएएस) प्रदान करना।
- मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) प्रदाता प्राधिकार:
- केन्द्र सरकार को दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) के तहत मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) प्रदाता प्राधिकार की शुरुआत करनी चाहिए।
- एमएनपी प्रदाता प्राधिकरण का मुख्य दायरा: दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत एक्सेस सेवा प्रदान करने के लिए अधिकृत संस्थाओं को एमएनपी प्रदान करने के लिए दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना, संचालन, रखरखाव और विस्तार; और दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत एक्सेस सेवा, एनएलडी सेवा और आईएलडी सेवा प्रदान करने के लिए अधिकृत सभी संस्थाओं को लोकेशन रूटिंग नंबर (एलआरएन) अपडेट का प्रावधान।
- दो एमएनपी ज़ोन की वर्तमान नीति व्यवस्था, प्रत्येक में 11 अधिकृत सेवा क्षेत्र (दूरसंचार सर्कल / मेट्रो क्षेत्र) शामिल हैं, और प्रत्येक एमएनपी ज़ोन में केवल एक एमएनपी प्रदाता अधिकृत इकाई को वर्तमान में जारी रखा जाना चाहिए। हालांकि, भविष्य में, यदि केन्द्र सरकार उचित समझे, तो देश में एमएनपी क्षेत्रों की संख्या बदल सकती है, प्रत्येक एमएनपी क्षेत्र के भीतर अधिकृत सेवा क्षेत्रों की संरचना में संशोधन कर सकती है, और प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से प्रत्येक एमएनपी क्षेत्र में अधिक एमएनपी प्रदाता अधिकृत संस्थाओं को पेश कर सकती है।
- ट्राई ने स्वैच्छिक आधार पर दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत नए नेटवर्क प्राधिकार व्यवस्था के लिए अवसंरचना प्रदाता श्रेणी- I (आईपी-आई) पंजीकरण और मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा प्रदाता (एमएनपीएसपी) लाइसेंस रखने वाली मौजूदा संस्थाओं के सुचारू स्थानान्तरण की अनुमति देने के लिए एक व्यापक ढांचे की भी सिफारिश की है।
- इसके अलावा, ट्राई ने सिफारिशों के माध्यम से निम्नलिखित विचार व्यक्त किए हैं:
- उद्यमों के लिए सीएनपीएन नेटवर्क की स्थापना, रखरखाव, संचालन और विस्तार के दायरे के साथ दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) के तहत कैप्टिव नॉन-पब्लिक नेटवर्क (सीएनपीएन) प्रदाता प्राधिकरण शुरू करने की आवश्यकता है। यदि केन्द्र सरकार इस सिफारिश को स्वीकार कर लेती है, तो वह इस तरह के प्राधिकार के लिए विस्तृत नियमों एवं शर्तों के संबंध में ट्राई की सिफारिशें मांग सकती है।
- प्रथम दृष्टया, केबल लैंडिंग स्टेशन पर आवश्यक सुविधाओं तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने के व्यापक दायरे के साथ एक केबल लैंडिंग स्टेशन (सीएलएस) प्रदाता प्राधिकरण शुरू करने की आवश्यकता है और पात्र सेवा अधिकृत संस्थाओं को केबल लैंडिंग स्टेशन तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिए सह-स्थान की आवश्यकता है। यदि केन्द्र सरकार उचित समझे, तो वह दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(बी) और उसके नियमों एवं शर्तों के तहत सीएलएस प्रदाता प्राधिकार की आवश्यकता का पता लगाने के लिए प्राधिकरण को एक संदर्भ भेज सकती है।
- विभिन्न नेटवर्क प्राधिकारों के लिए निम्नलिखित शुल्क की सिफारिश की गई है:
क्र.सं.
|
नेटवर्क प्राधिकार
|
आवेदन निपटान शुल्क (रुपये में)
|
प्रवेश शुल्क
(रुपये में)
|
बैंक गारंटी
(रुपये में)
|
प्राधिकार शुल्क
|
-
|
अवसंरचना प्रदाता (आईपी)
|
10,000
|
शून्य
|
शून्य
|
शून्य
|
-
|
डिजिटल कनेक्टिविटी अवसंरचना प्रदाता (डीसीआईपी)
|
10,000
|
10,00,000
|
शून्य
|
शून्य
|
-
|
इंटरनेट एक्सचेंज प्रदाता (आईएक्सपी)
|
10,000
|
शून्य
|
शून्य
|
शून्य
|
-
|
सैटेलाइट अर्थ स्टेशन गेटवे (एसईएसजी) प्रदाता
|
10,000
|
10,00,000
|
शून्य
|
शून्य
|
-
|
क्लाउड-होस्टेड टेलीकॉम नेटवर्क (सीटीएन) प्रदाता
|
10,000
|
10,00,000
|
शून्य
|
शून्य
|
-
|
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) प्रदाता
|
10,000
|
50,00,000
|
40,00,000
|
समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का 1%
|
इन सिफारिशों को ट्राई की वेबसाइट (www.trai.gov.in) पर डाल दी गई हैं। किसी भी स्पष्टीकरण या जानकारी के लिए, श्री अखिलेश कुमार त्रिवेदी, सलाहकार (नेटवर्क, स्पेक्ट्रम और लाइसेंसिंग), ट्राई से टेलीफोन नंबर +91-11-20907758 पर संपर्क किया जा सकता है।
***
एमजी/आरपीएम/केसी/आर
(Release ID: 2104271)
|