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नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान के कार्यान्वयन की स्थिति

Posted On: 13 FEB 2025 5:08PM by PIB Delhi

नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (एनईएमएमपी) 2020 भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और विनिर्माण के लिए एक रोडमैप प्रदान करता है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय ईंधन सुरक्षा को विस्तार देना और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देना है। एनईएमएमपी 2020 के हिस्से के रूप में, भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने इलेक्ट्रिक/हाइब्रिड वाहनों को अपनाने के व्यापक उद्देश्य से 2015 में भारत में (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से अपनाने और विनिर्माण (फेम इंडिया) योजना को लागू किया था।

चरण-I को 895 करोड़ रुपये के बजट के साथ 31 मार्च 2019 तक कार्यान्वित किया गया।

चरण-II को 1 अप्रैल 2019 से पांच वर्षों के लिए कार्यान्वित किया गया, जिसका परिव्यय 11,500 करोड़ रुपये था।

इसके अलावा, एमएचआई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) इकोसिस्टम को मजबूत करने और देश में इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने में तेजी लाने के लिए अखिल भारतीय आधार पर निम्नलिखित योजनाओं को लागू कर रहा है।

भारत में ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक उद्योग के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना (पीएलआई-ऑटो): सरकार ने 23 सितंबर, 2021 को भारत में ऑटोमोबाइल और ऑटो उपकरण उद्योग के लिए 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों के लिए भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से इस योजना को मंजूरी दी। इस योजना में न्यूनतम 50% घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) के साथ एएटी उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और ऑटोमोटिव विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में निवेश आकर्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन का प्रस्ताव है।

उन्नत रसायन सेल (एसीसी) के लिए पीएलआई योजना: सरकार ने 12 मई, 2021 को 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ देश में एसीसी के विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी। इस योजना का उद्देश्य 50 गीगावाट घंटा एसीसी बैटरियों के लिए प्रतिस्पर्धी घरेलू विनिर्माण इकोसिस्टम स्थापित करना है।

अभिनव वाहन संवर्धन में पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति (पीएम ई-ड्राइव) योजना: 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली यह योजना 29 सितंबर 2024 को अधिसूचित की गई। यह दो वर्षीय योजना है, जिसका उद्देश्य ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-ट्रक, ई-बस, ई-एम्बुलेंस, ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों और परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन सहित इलेक्ट्रिक वाहनों को सहयोग देना है।

पीएम ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना: 28.10.2024 को अधिसूचित इस योजना का परिव्यय 3,435.33 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य 38,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती का सहयोग करना है। इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों (पीटीए) द्वारा भुगतान में चूक होने की स्थिति में ई-बस ऑपरेटरों को भुगतान सुरक्षा प्रदान करना है।

भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना (एसपीएमईपीसीआई) को 15 मार्च, 2024 को अधिसूचित किया गया। इसके लिए आवेदकों को न्यूनतम 4150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा और तीसरे वर्ष के अंत में न्यूनतम 25% डीवीए तथा पांचवें वर्ष के अंत में 50% डीवीए प्राप्त करना होगा।

भारत सरकार के अन्य मंत्रालय भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए पहल कर रहे हैं जैसे:

सड़क कर में छूट: राज्यों को सलाह दी जाती है कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रारंभिक लागत कम करने के लिए उन पर सड़क कर माफ कर दें।

हरे रंग की लाइसेंस प्लेटें: बैटरी से चलने वाले वाहनों को हरे रंग की लाइसेंस प्लेटें दी जाती हैं और उन्हें परमिट आवश्यकताओं से छूट दी जाती है।

ई.वी. के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे, जैसे राष्ट्रव्यापी चार्जिंग स्टेशन के विकास में हुई प्रगति का विवरण नीचे दिया गया है:

फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण के अंतर्गत चार्जिंग अवसंरचना के विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। भारी उद्योग मंत्रालय ने 7,432 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 800 करोड़ रुपये मंजूर किए। इसके अलावा, मार्च 2024 में, मंत्रालय ने देश भर में नए चार्जर स्थापित करके 980 सार्वजनिक फास्ट चार्जिंग स्टेशनों को अपग्रेड करने के लिए तेल विपणन कंपनियों को फेम II के तहत अतिरिक्त 73.50 करोड़ रुपये मंजूर किए। तेल विपणन कंपनियों को 51.45 करोड़ रुपये की सब्सिडी पहले ही जारी की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, 400 चार्जिंग स्टेशन भी स्वीकृत किए गए हैं, जिन्हें ईओआई के माध्यम से विभिन्न राज्यों में अन्य संस्थाओं को आवंटित किया गया है। इसके अलावा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 01.01.2025 तक, तेल विपणन कंपनियों ने फेम-II योजना के तहत अपने खुदरा दुकानों (आरओ) पर 4,523 ईवीसीएस स्थापित किए हैं, जिनमें से 251 ईवीसीएस को सक्रिय किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, तेल विपणन कंपनियों ने अनुलग्नक में दिए गए विवरण के अनुसार अपने स्वयं के धन से अपने खुदरा दुकानों पर 20,035 ईवीसीएस स्थापित किए हैं।

अभिनव वाहन संवर्धन में पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति (पीएम ई-ड्राइव) योजना: इस योजना के अंतर्गत ईवी पब्लिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) की स्थापना के लिए 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

विद्युत मंत्रालय ने दिनांक 17.09.2024 को इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना और संचालन के लिए दिशानिर्देश-2024जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश कनेक्टेड और इंटरऑपरेबल ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क बनाने के लिए मानकों तथा प्रोटोकॉल की रूपरेखा तैयार करते हैं, जिसमें बैटरी स्वैपिंग/चार्जिंग स्टेशन शामिल हैं। दिशा-निर्देशों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना को लाइसेंस मुक्त गतिविधि घोषित किया गया।

डिस्कॉम्स को शीघ्र समयसीमा और स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के साथ चार्जिंग स्टेशनों को 150 किलोवाट तक बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराना होगा।

सार्वजनिक भूमि को सरकार/सार्वजनिक इकाई को राजस्व-साझाकरण मॉडल पर 1.0 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की दर से 10 वर्षों के लिए पेश किया जाएगा; और उसी न्यूनतम मूल्य (अर्थात 1.0 रुपये प्रति किलोवाट घंटा) पर बोली के माध्यम से निजी संस्थाओं को सार्वजनिक भूमि का आवंटन किया जाएगा।

चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के लिए सरकारी भूमि से संबंधित सार्वजनिक निविदा प्रौद्योगिकी से स्वतंत्र होगी।

राज्य सरकारें चौबीसों घंटे परिचालन के लिए आवश्यक अनुमति सुनिश्चित करेंगी।

31.03.2028 तक आपूर्ति की औसत लागत (एसीओएस) पर एकल-भाग टैरिफ का प्रावधान, सौर घंटों के दौरान 30% छूट और गैर-सौर घंटों के दौरान 30% अधिभार के साथ।

ऑपरेटरों को ईवी यात्रा पोर्टल पर चार्जिंग स्टेशनों की मैपिंग के लिए डेटा उपलब्ध कराना होगा।

हरित ऊर्जा खुली पहुंच नियम, 2022: विद्युत मंत्रालय ने नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने में तेजी लाने तथा सस्ती एवं विश्वसनीय हरित ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इन नियमों को अधिसूचित किया है।

मॉडल बिल्डिंग उपनियमों में संशोधन: आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने निजी और वाणिज्यिक भवनों में चार्जिंग स्टेशनों को शामिल करने के लिए भवन उप-नियमों में संशोधन किया है।

यह जानकारी इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

 

अनुलग्नक

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पीएसयू ओएमसी द्वारा स्थापित/ऊर्जावान ईवीसीएस का विवरण

 

क्रम संख्या

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

फेम-II सब्सिडी योजना के अंतर्गत ईवी चार्जिंग स्टेशन

01.01.2025 तक तेल विपणन कंपनियों द्वारा अपने स्वयं के धन से स्थापित ईवी चार्जिंग स्टेशनों की कुल संख्या

01.01.2025 तक स्थापित ईवी चार्जर की संख्या

01.01.2025 तक सक्रिय ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या

1

अंडमान और निकोबार

0

0

6

2

आंध्र प्रदेश

354

20

912

3

अरुणाचल प्रदेश

2

0

52

4

असम

83

2

448

5

बिहार

58

2

517

6

चंडीगढ़

0

0

23

7

छत्तीसगढ

30

1

498

8

दिल्ली

41

5

316

9

गोवा

9

0

70

10

गुजरात

312

50

1104

11

हरियाणा

366

3

1068

12

हिमाचल प्रदेश

21

0

136

13

जम्मू और कश्मीर

23

0

170

14

झारखंड

116

0

349

15

कर्नाटक

370

3

1516

16

केरल

208

0

679

17

लद्दाख

0

0

11

18

लक्षद्वीप

0

0

1

19

मध्य प्रदेश

154

6

1114

20

महाराष्ट्र

431

121

1595

21

मणिपुर

8

0

57

22

मेघालय

25

0

54

23

मिजोरम

2

0

16

24

नगालैंड

10

0

41

25

ओडिशा

114

0

661

26

पुद्दुचेरी

7

1

27

27

पंजाब

151

2

828

28

राजस्थान

351

7

1482

29

सिक्किम

1

0

12

30

तमिलनाडु

444

6

1448

31

तेलंगाना

238

1

1051

32

त्रिपुरा

1

0

55

33

उतार प्रदेश।

269

10

2561

34

दादर और नगर हवेली तथा दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश

3

0

12

35

उत्तराखंड

41

4

212

36

पश्चिम बंगाल

280

7

933

कुल

4523

251

20035

 

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