विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
इंडियन जर्नल ऑफ बायोकेमिस्ट्री एंड बायोफिज़िक्स (आईजेबीबी), सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने जैव रसायन विज्ञान में अवसर और चुनौतियां पर विशेष अंक प्रकाशित किया
Posted On:
07 FEB 2025 5:50PM by PIB Delhi
इंडियन जर्नल ऑफ बायोकेमिस्ट्री एंड बायोफिजिक्स (आईजेबीबी), सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च (एनआईएससीपीआर), नई दिल्ली ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (बिट्स), पिलानी, केके बिरला गोवा कैंपस और सोसाइटी ऑफ बायोलॉजिकल केमिस्ट्स-इंडिया, (एसबीसी-आई) के साथ मिलकर " बायोलॉजिकल केमिस्ट्री: अवसर, चुनौतियां और आगे का रास्ता " विषय पर एक विशेष अंक निकाला है। भारत में एक प्रमुख सार्वजनिक वित्त पोषित विज्ञान प्रकाशन संस्थान के रूप में, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर विभिन्न एसटीआई विषयों में 15 पत्रिकाएँ प्रकाशित करता है, और उन सभी को विज्ञान उद्धरण सूचकांक (वेब ऑफ साइंस), स्कोपस, एनएएएस और यूजीसी केयर जैसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा अनुक्रमित किया जाता है।
आईजेबीबी, बायोकेमिस्ट्री, बायोफिज़िक्स और बायोटेक्नोलॉजी के विषय क्षेत्र में एक मासिक प्रीमियर सहकर्मी-समीक्षित शोध पत्रिका है, जिसका जेआइएफ स्कोर 1.5 है। प्रतिष्ठित राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ, पत्रिका ने दुनिया भर के शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों का ध्यान खींचा है। गुणवत्तापूर्ण शोध प्रकाशित करने की इसकी प्रतिबद्धता इसे उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बनाती है जो इन महत्वपूर्ण वैज्ञानिक विषयों में सबसे आगे रहना चाहते हैं । इस विशेष अंक (मार्च 2025 आईजेबीबी वॉल्यूम 62 अंक संख्या 3) में 9 समीक्षा पत्र और 1 मूल शोध पत्र है जो विषय क्षेत्र के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं द्वारा योगदान किए गए जैविक रसायन विज्ञान में उभरते रुझानों को व्यापक रूप से कवर करता है।
लेख में शामिल हैं (i) कैंसर के संभावित चिकित्सीय लक्ष्य के रूप में फॉस्फोडाइस्टरेज़ 4 (ii) सुपारी से प्रेरित कार्सिनोजेनेसिस के सुधार के लिए मधुमेह विरोधी दवाओं के पुनरुद्देश्यीकरण पर एक समीक्षा; (iii) क्रोमेटिन उच्च क्रम संरचना और संभावित चिकित्सीय लक्ष्य (iv) 2डी से 3डी तक: एक्स विवो रोग मॉडल के साथ तपेदिक रोगविज्ञान और दवा विकास को डिकोड करना; (v) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस में परिवहन मध्यस्थता एंटीबायोटिक प्रतिरोध; (vi) फेनोटाइपिक एंटीबायोटिक प्रतिरोध: जीन और अतिरिक्त कारकों की भागीदारी; (vii) प्रोटीन मिसफोल्डिंग तनाव से माइटोकॉन्ड्रिया की सुरक्षा के लिए प्रतिक्रिया मार्गों का अवलोकन (viii) मायोजेनिक भेदभाव में प्रगति: स्टेम कोशिकाओं की भूमिका, आरएनए-बाइंडिंग प्रोटीन, आणविक मार्ग और पता लगाने की तकनीक
इस विशेष अंक का प्रकाशन सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर, नई दिल्ली की निदेशक प्रोफेसर रंजना अग्रवाल के गहन प्रयास और संपादकीय बोर्ड के कुशल मार्गदर्शन से ही संभव हो पाया है, जिसमें विश्व स्तर के प्रसिद्ध विशेषज्ञ प्रोफेसर स्टीफन दिमित्रोव (मुख्य संपादक, आईजेबीबी), प्रोफेसर डीएन राव (कार्यकारी संपादक, आईजेबीबी), अतिथि संपादक प्रोफेसर सुमन कुंडू और बिट्स, गोवा कैंपस की प्रोफेसर मीनल कौशिक और आईजेबीबी के संपादक डॉ एनके प्रसन्ना की पहल शामिल है। हम शोध पत्रिकाओं की प्रमुख डॉ चारु वर्मा के प्रोत्साहन की सराहना करते हैं। इस अंक के सफल समय पर प्रकाशन के लिए लेखकों, समीक्षकों और सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की प्रिंट प्रोडक्शन टीम की तकनीकी सहायता का विशेष उल्लेख किया जाना चाहिए।
एमजी/केसी/पीएस
(Release ID: 2102318)
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