कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
उपग्रह के माध्यम से फसल नुकसान का आकलन
Posted On:
11 FEB 2025 5:23PM by PIB Delhi
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने महालनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (एमएनसीएफसी) के माध्यम से विभिन्न सरकारी और निजी एजेंसियों को शामिल करके उपग्रहों यानी रिमोट सेंसिंग डेटा सहित प्रौद्योगिकी का उपयोग करके पीएमएफबीवाई के तहत समय पर और पारदर्शी उपज अनुमान के लिए पायलट अध्ययन किया है। इनके निष्कर्षों के आधार पर और हितधारकों और तकनीकी परामर्श के साथ चर्चा के बाद खरीफ 2023 से धान और गेहूं की फसलों के लिए यस-टेक (प्रौद्योगिकी पर आधारित उपज अनुमान प्रणाली) शुरू की गई है। सरकार ने फसल हानि आकलन में सुधार लाने और किसानों के लिए समय पर बीमा दावों का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए पारंपरिक फसल कटाई प्रयोगों (सीसीई) आधारित उपज आकलन के साथ प्रौद्योगिकी आधारित उपज आकलन को लागू किया है। इस पहल के तहत उपज अनुमान में 30 प्रतिशत भारांश अनिवार्य रूप से यस-टेक व्युत्पन्न उपज को दिया गया है।
खरीफ 2023 में सभी कार्यान्वयन करने वाले राज्यों ने यस-टेक का उपयोग करके दावों की गणना और भुगतान सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और किसी भी हितधारक से कोई विवाद रिपोर्ट नहीं किया गया है, जिससे प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ गई है।
पीएमएफबीवाई मुख्य रूप से ‘क्षेत्र दृष्टिकोण’ के आधार पर लागू की जाती है और किसानों की फसलों के लिए बुवाई से पहले से लेकर सभी गैर-रोकथाम योग्य प्राकृतिक जोखिमों के खिलाफ व्यापक जोखिम कवरेज प्रदान करती है।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को फसलों की कटाई के बाद के चरणों में न्यूनतम प्रीमियम पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। हालांकि, ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलप्लावन, बादल फटने और प्राकृतिक आग के स्थानीय जोखिमों के कारण होने वाले नुकसान और चक्रवात, चक्रवाती/बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल के बाद होने वाले नुकसान की गणना व्यक्तिगत बीमित खेत के आधार पर की जाती है।
इसके अलावा, एजेंसियों द्वारा खरीद न किए जाने या खरीद में देरी के कारण फसलों को होने वाले नुकसान को पीएमएफबीवाई के तहत कवर नहीं किया जाता है।
फसल बीमा योजनाओं की समीक्षा/संशोधन/युक्तिकरण/सुधार एक सतत प्रक्रिया है तथा हितधारकों/अध्ययनों के सुझाव/अभ्यावेदन/सिफारिशों पर समय-समय पर निर्णय लिए जाते हैं। विभिन्न हितधारकों के विचारों और अनुभवों के आधार पर तथा बेहतर पारदर्शिता, जवाबदेही, किसानों को दावों का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और योजना को अधिक किसान हितैषी बनाने के उद्देश्य से सरकार ने समय-समय पर पीएमएफबीवाई के परिचालन दिशा-निर्देशों में व्यापक संशोधन किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना के तहत पात्र लाभ समय पर और पारदर्शी तरीके से किसानों तक पहुंचे।
यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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